Thursday, February 24, 2022

बस्सी में बोटिंग, क्रोकोडाइल सफारी, ट्रेकिंग से पर्यटक हो रहे रोमांचित

BASSI WILDLIFE SANCTUARY

पर्यटकों के लिए आकर्षक स्पॉट बन रहा बस्सी वन्यजीव अभयारण्य

बोटिंग, क्रोकोडाइल सफारी, ट्रेकिंग से पर्यटक हो रहे रोमांचित

अब इको टूरिज्म के लिए भी विख्यात हो रहा चित्तौड़गढ़

- प्रवेश परदेशी, सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी, चित्तौड़गढ़ 

चित्तौड़गढ़। चित्तौड़गढ़ जिला अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए देश ही नहीं पूरे विश्व में जाना जाता है। यहाँ का दुर्ग यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल है। देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में यहाँ दुर्ग देखने पहुँचते हैं। लेकिन वन विभाग के निरंतर प्रयासों से अब यह जिला फोर्ट के साथ-साथ इको टूरिज्म के लिए एक उत्कृष्ट स्थल के तौर पर भी प्रदेश के मानचित्र पर जाना जा रहा है। उप वन संरक्षक (वन्यजीव) टी मोहन राज की टीम निरंतर जिले में इको टूरिज्म को विकसित करने में दिन-रात एक कर रही है।

करीब 138 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले बस्सी वन्यजीव अभयारण्य में गत दिनों हुए विभिन्न विकास कार्य एवं नवाचार पर्यटकों को लुभा रहे हैं। पर्यटक यहाँ आकर बस्सी डेम में बोटिंग का आनंद ले रहे हैं। इस दौरान जगह-जगह दिखाई देने वाले मगरमच्छ भी आकर्षण का केंद्र बने रहते हैं। वन विभाग ने यहाँ पर्यटकों के लिए गेस्ट हॉउस को भी काफी बेहतर कर दिया है। उप वन संरक्षक (वन्यजीव) टी मोहन राज ने बताया कि वन विभाग इको-टूरिज्म साइट्स विकसित करने हेतु निरंतर अभिनव प्रयास कर रहा है, जिसके सुखद परिणाम भी दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार को उप वन संरक्षक (वन्यजीव) टी मोहन राज, एसीएफ़ सुनील कुमार सिंह, रेंज ऑफिसर अब्दुल सलीम और मीडियाकर्मियों ने बस्सी अभयारण्य को देखा एवं बोटिंग, क्रोकोडाइल सफारी आदि एक्टिविटी की।





बोटिंग के साथ-साथ क्रोकोडाइल सफारी का लुत्फ़ उठा रहे पर्यटक

बस्सी अभयारण्य पहुँचते ही मेघपूरा गेस्ट हाउस से मात्र एक किलोमीटर दूर बस्सी डेम का एक छोर मिलता है। यहाँ वन विभाग द्वारा बोटिंग शुरू की गई है। एक बार में अधिकतम 14 पर्यटक इसमें बैठ सकते हैं। करीब 30-40 मिनट की राइड के दौरान क्रोकोडाइल पॉइंट तक ले जाया जाता है। इस दौरान चारों ओर वन क्षेत्र की वादियों के बीच बोटिंग पर्यटकों के लिए बेहद आनंददायी होती है। बोटिंग के दौरान बहुत ही सहज रूप से दोनों ओर पानी के किनारे कई मगरमच्छ आराम करते और धुप सेकते दिखाई दे जाते हैं। मगरमच्छों को इस तरह स्वच्छंद विचरण करता देख पर्यटक इन्हें कैमरे में कैद करना नहीं भूलते. इसलिए बोटिंग सफारी को अब क्रोकोडाइल सफारी भी कहा जाने लगा है।




बस्सी की जंगल सफारी भी है ख़ास

बस्सी वन्यजीव अभयारण्य में पर्यटक ट्रेक पर जीप सफारी और साइकिलिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। मेघपुरा गेस्ट हाउस से करीब 12 किलोमीटर का एक राउंड लेते हुए पर्यटक पुन: मेघपुरा गेस्ट हाउस पहुँचते हैं। इस दौरान सराणा तालाब, क्रोकोडाइल पॉइंट हट, विभिन्न वोटर बोडिज़, सोलर पम्प आदि पर्यटक देख पाते हैं। मार्ग में चारों ओर घना जंगल आकर्षण का केंद्र होता है। फिलहाल यहाँ कमर्शियल जीप सफारी शुरू नहीं की गई है, लेकिन बहुत जल्द यह भी शुरू होने की संभावना है।

मोडल गेस्ट हाउस में ठहरने की है उत्कृष्ट व्यवस्था



कोटा मार्ग स्थित टोल बूथ से पहले बस्सी वन्यजीव अभयारण्य में प्रवेश करते ही मेघपूरा गेस्ट हाउस है, जिसे हाल ही में काफी रिनोवेट किया गया है। इसे अगर वन विभाग का एक मोडल गेस्ट हाउस कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यहाँ अलग-अलग श्रेणी के करीब पांच-छह कमरों में पर्यटकों के ठहरने के लिए काफी संतोषप्रद व्यवस्था की गई है। स्थानीय रेंज ऑफिसर अब्दुल सलीम यहाँ निरंतर व्यवस्थाओं की स्वयं मॉनिटरिंग करते हैं। गेस्ट हाउस काफी अच्छे से मेन्टेन किया गया है। यह उदयपुर संभाग के सबसे शानदार फारेस्ट गेस्ट हाउस में से एक है।

बस्सी अभयारण्य विभिन्न वन्य जीवों की है शरणस्थली

बस्सी वन्यजीव अभयारण्य में कुल 14 वन खंड है। इसमें जालेश्वर, राजपुरिया, भुंगड़िया, पाट, बोकड़िया, कालामगरा, नीमघट्टी, महेशरा, नन्दवास बी, कोठा, बड़ामगरा, बिछौर, नन्दवास ऐ, आमझरिया हैं। इस क्षेत्र में अन्य जंगली जानवर यथा बघेरा, चिंकारा, चीतल, जंगली सुअर, नीलगाय, खरगोश, सेही, लोमड़ी, सियार ,मॉनिटर छिपकली, जरख, चोसिंगा जैसे स्थलीय जानवरों के अतिरिक्त मगरमच्छ, अजगर, कच्छुआ आदि जलीय जीवों का निवास है। इसके अतिरिक्त मौसम अनुरू प यहाँ देश-विदेश से हजारों की संख्या में विभिन्न प्रकार के पक्षी भी प्रजनन करने यहाँ आते हैं।







इनका कहना है:

इको टूरिज्म को बढावा देने एवं वाइल्ड लाइफ कंज़रवेशन के लिहाज बस्सी अभयारण्य में कई अभिनव प्रयास किये जा रहे हैं। बस्सी आने वाले पर्यटकों से हम नियमित तौर पर सुझाव भी ले रहे हैं। बोटिंग और क्रोकोडाइल सफारी शुरू होने के बाद से पर्यटकों का रुझान और बढ़ा है। हम निरंतर बेहतर करने का प्रयास करते रहेंगे।

- टी मोहन राज (आईएफएस), उप वन संरक्षक (वन्यजीव), चित्तौड़गढ़

Tuesday, October 18, 2016

प्रतापगढ़ में व्यापारी से लूट की वारदात को अंजाम देकर भाग रहे थे ये लूटेरे...लेकिन पकडे गए.

प्रतापगढ़ में सुनसान जंगल में तलवार दिखा कर स्कूटी सवार व्यापारी से लूट के मामले में पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए...दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

दरअसल व्यापारी प्रवीण जैन स्कूटी लेकर अपने गांव जा रहा था। इस दौरान झाडिय़ों में छिपे चार बदमाश उसे रोककर---तलवार के बल पर 15 सौ रुपए, सोने की चेन, अंगूठी और स्कूटी छीन कर फरार हो गए। इसके बाद प्रवीण ने पुलिस को सूचना दी। पीडि़त ने बताया कि लुटेरे चार थे और दो मोटरसाइकिलो पर सवार थे। मामला सामने आते ही पुलिस ने नाकाबंदी की। लुटेर दूर से ही पुलिस को देखकर दूसरी तरफ भाग निकले। पीछा करने का यह खेल लगातार चलता रहा...इसी बीच प्रतापगढ़ पुलिस ने बांसवाड़ा पुलिस को सूचना देकर दानपुर इलाके में नाकाबंदी करार्ई। तीन तरफ से अपने को घिरा देख लुटेरे जंगल में भागने लगे। इस पर ग्रामीणों व पुलिस ने पीछा कर दो को गिरफ्तार कर लिया.फ़िलहाल दो गिरफ्त में है, और बाकी दो की तलाश की जा रही है. कार्रवाई के दौरान घबराए लूटेरों ने वाहन जंगल में ही छोड़ दिए, जिस पर पुलिस ने दोनों मोटरसाइकिलें और व्यापारी की स्कूटी ज़ब्त कर ली है.

प्रतापगढ़ में मगरमच्छ आया पानी से बाहर, फिर क्या हुआ? देखिए.

प्रतापगढ़ में मगरमच्छ पानी से बाहर आकर आबादी क्षेत्र में घुस गया और लोगो में अफरा-तफरी मच गई...कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया.

देवगढ़ वन क्षेत्र के आड़ावेला का यह मामला है, जहाँ सुबह एक मगरमच्छ आबादी क्षेत्र में आकर एक बाड़़े में घुस आया। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को दो घंटे की मशक्कत के बाद पकड़कर जाखम बांध में छोड़़ दिया। रेस्क्यू टीम में वन अधिकारी के साथ विभाग के राधेश्याम शर्मा, लेहरूलाल मीणा, सूर्यसिंह समेत कई कर्मचारी शामिल थे। ग्रामीणों ने बताया कि मगरमच्छ के घुसते ही बाड़े में बंधी गाय चिल्लाने लगी, जिसके बाद लोगो को मगरमच्छ के बारे में पता चला.

राम-रावण की सेना में बहस के बाद, रावण को गोलियों से किया छलनी. प्रतापगढ़ के बरोठा में विशेष आयोजन.

प्रतापगढ़ के बरोठा में विशेष आयोजन हुआ. दशहरे के ठीक पांच दिन बाद यहाँ बन्दूक से रावण को छलनी किया गया. लेकिन यह आयोजन थोडा दिलचस्प रहा, रावण को मारने से पहले राम और रावण की सेना में जम कर बहस हुई, और माहौल रोमांच से भर उठा.

रावण दहन को लेकर हर साल देश भर में उत्साह रहता है. लेकिन प्रतापगढ़ जिले के बरोठा में दशहरे के ठीक पांच-छ: दिन बाद एक विशेष आयोजन होता है, जिसका सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है. इस बार भी हुआ आयोजन बेहद दिलचस्प रहा. रावण को गोलियों से छलनी किया गया, तो इससे पहले राम-रावण की सेना में खूब बहस हुई.. राम की सेना ने रावण पर तो रावण की सेना ने राम पर बातों ही बातों के खूब तीर बरसाए...

इसके बाद शुरू हुआ रावण को छलनी करने का सिलसिला. बन्दूकों के लाइसेंस धारी मैदान में पहुंचे, और रावण को गोलियों से दागना शुरू किया. कुछ ही देर में रावण को ढेर कर दिया. इस आयोजन में ग्रामीण बड़ी संख्या में शरीक हुए. और पुलिस के भी इंतजाम पुख्ता रहे.
रावण को बन्दूक से छलनी करना और इससे पहले अनोखी बहस होना दिलचस्प होता है. ऐसा करके ग्रामीण हर गम-तकलीफ को भूल जाते हैं. रावण को जलाने के बजाय गोलियों से छलनी कर पर्यावरण संरक्षण का सन्देश भी दिया जाता है.

प्रतापगढ़ में नाबालिग लड़की से गेंगरोप. पुलिस ने गिरफ्तार किए तीन दरिंदे.

प्रतापगढ़ पुलिस ने अहम कार्रवाई करते हुए नाबालिग लड़की के साथ गेंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. लड़की अपने भाई के साथ घर जा रही थी, तभी दरिंदों ने इस वारदात को अंजाम दिया.

मामला घंटाली थाना क्षेत्र का है. एक नाबालिग लड़की ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह दशहरा मेला देखकर अपने मामेरे भाई के साथ घर जा रही थी, रास्ते में करीब आठ लोग शराब पी रहे थे. और उसके भाई को पीटने लगे. एक युवक जबरन उसे उठा कर कहीं ले गया और निर्वस्त्र कर बलात्कार किया, इसके बाद दूसरे ने भी किया...ऐसे कर बेरहमी से उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया. मामला सामने आने के बाद एसपी ने भी तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. और पीपलखूंट DSP जगराम मीणा के नेतृत्व में घंटाली थाना पुलिस ने तीन आरोपियों विक्रम, प्रकाश और निर्मल को गिरफ्तार कर लिया. बाकी अन्य आरोपियों की भी तलाश की जा रही है.

Saturday, August 6, 2016

प्रतापगढ़ में भीषण हादसा. गेस रिसाव से किचन में हुआ विस्फोट! परिवार के 5 लोग झुलसे.



प्रतापगढ़ के एक घर में गेस रिसाव से भीषण आग लग गई... किचन में विस्फोट हुआ और परिवार के 5 लोग गंभीर रूप से झुलस गए.
हादसा धमोतर थाना क्षेत्र के कुलमीपूरा का है. यहाँ सुबह महिला कीचन में चाय बनाने गई. जैसे ही लाइटर ओन किया, किचन में फैली गेस ने आग पकड़ ली और जोरदार विस्फोट हुआ. हादसे में पति-पत्नी, दो बच्चे और एक बुज़ुर्ग महिला गंभीर रूप से झुलस गए. इलाके में अफरा-तफरी मच गई. लोग पीडितो को अस्पताल लेकर पहुंचे. जहाँ से बुज़ुर्ग महिला को छोड़ बाकी चारों को उदयपुर रेफर कर दिया गया. बताया गया कि रात को उपयोग में लेने के बाद गेस बंद करना भूल गए थे, या टंकी से रिसाव के चलते किचन में ये गेस फ़ैल गई और फिर ये हादसा हो गया.
किचन में काम पूरा होने के बाद सिलेंडर पर गेस जरुर बंद करें और कटी-फटी नालियों को तुरंत रिप्लेस करें...इसके अलावा ये जांच लें कि गेस बंद है या नहीं. ये वो सावधानियां है, जो आपको प्रतिदिन जरुर बरतनी चाहिए.

जिला जेल में कैदी ने पिया एसिड. होने लगी खून की उल्टियां. पहुँचाया अस्पताल.



प्रतापगढ़ जिला जेल में आज एक विचाराधीन कैदी ने एसिड पी लिया...हालत खराब हुई तो जिला अस्पताल से उदयपुर रेफर कर दिया गया.कैदी का नाम रामा मीणा है, जो कि हत्या के एक मामले में विचाराधीन था. कुछ दिनों पहले जेल में ही कैदी ने सफाई का एसिड छिपा कर रख लिया. और आज अचानक शौच करने के बाद एसिड पी लिया. इसके बाद उसे खूब की उल्टियां होने लगी. हालत बेकाबू होने लगी. इलाज के लिए जिला चिकित्सालय लाया गया, लेकिन यहाँ से उदयपुर रेफर कर दिया. अभी कैदी की हालत गंभीर बनी हुई है...कैदी से बातचीत के दौरान उसने आत्महत्या के प्रयास के पीछे का कोई भी कारण स्पष्ट नहीं किया है.मामले की जांच की जा रही है.