Saturday, March 26, 2016

चारागाह भूमि विकास समिति योजना पर ग्रहण. पंचायत समिति ने नहीं बाटी पुस्तके. ग्राम पंचायतों को नहीं है योजना की जानकारी.



प्रतापगढ़ में पंचायत समिति कर्मचारियों की लापरवाही के चलते बहुउपयोगी पुस्तकों का वितरण अभी तक नहीं हो पाया है. यहाँ सैंकडो की संख्या में सरकार ने चारागाह भूमि विकास समितियों के सन्दर्भ में पुस्तकें भेजी थी. इन पुस्तकों को हर ग्रामपंचायत कार्यालय पर भिजवाना था, ताकि वे योजना को समझ सकें. लेकिन अधिकारियो-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते पुस्तकें नहीं बाटी जा सकी. लिहाज़ा अब ये धुल का रही है... और इसी वजह से योजना भी अभी तक अटकी पड़ी है. दरअसल राजस्थान पंचायती राज नियम 1996 के नियम 170 के अंतर्गत चरागाह भूमि के संचालन और विकास के लिए हर ग्राम स्तर पर 5 सदस्यीय "चरागाह भूमि विकास समिति" बनाई जानी थी. जिसका मुखिया वार्ड-पञ्च होता और गांव की दो महिलाओं को इसमें शामिल भी किया जाता. इतने साल गुजरने के बावजूद आज तक जिले में एक भी ग्राम पंचायत में ये समिति नहीं बनाई गई. पुस्तकें नहीं बाटी गई तो पंचायतों को जानकारी भी नहीं हुई... ऐसे में सरकार की इस योजना पर पानी फिर चूका है. योजना का मकसद आज भी अधूरा ही है. इस "चरागाह भूमि विकास समिति" योजना के पीछे का मकसद यही था कि बेकार पड़ी चरागाह भूमि का उपयोग हो सके. जो जमीन किसी काम ना आती हो, उसे बहु-उपयोगी बनाया जा सके. और ये काम ग्रामीण अपनी सोच और इच्छा के मुताबिक करें. जब तक पुस्तके वितरित नहीं होंगी ,तब तक ग्रामवासी योजना को नही समझ सकेंगे..!

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