Thursday, December 31, 2015

प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना साबित हुई फिसड्डी. किसान में सूखे के मारे मचा हाहाकार. मुआवजे के लिए क्या फिर सड़कों पर उतरेंगे किसान?

प्रतापगढ़ में प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना फिसड्डी साबित होती दिख रही है. एक तरह किसान सूखे के मारे हाहाकार कर रहे हैं, तो दूसरी ओर प्रशासन चैन की नींद सो रहा है...

प्रतापगढ़ में इस वर्ष बारिश कम होने से सुखा पैदा हो गया है. बारिश कम होने से जलस्रोतों में पानी कम है, तो सिंचाई के लिए किसान महंगे टेंकर पर निर्भर है. क्योंकि सिंचाई के लिए चलाई जा रही योजना का भी कोई फायदा नहीं मिल रहा है... आंकडो पर नज़र डाली जाए तो -- 600 हेक्टेयर के अगेंस्ट 150 हेक्टयेर, फव्वारे के 2150 हेक्टयेर के अगेंस्ट 1000 हेक्टयेर, मसाला फसलों में 50 हेक्टेयर के अगेंस्ट 35 हेक्टयेर ही पूरे हुए हैं. कई गाँव ऐसे हैं, जहाँ सूखे से फसलें खराब हो रही हैं. वहाँ अभी तक विभाग का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा है... सूखे के पीछे कम बारिश और अवैध जल दोहन को कारण माना जा रहा है... इधर प्रशासन की सुस्ती ने चिंता और बढ़ा दी है... ऐसी हालत में जब किसान सूखे की मार से परेशान हों, प्रशासन को आगे आकार सहायता करनी चाहिए... नहीं तो एक बार फिर खराबा होगा और किसान मुआवजे के लिए सड़कों पर उतरेंगे...

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