अधिकारीयों ने इस दौर में पीपलखूंट उपखंड के चुली, खाखरी खेडा, कुण्डाल, जामली और पावटी में निरीक्षण किया. यहाँ MPT, छोटे तालाब और अन्य संरचनाओं का निरीक्षण किया गया. देखा गया कि बनाई गई संरचनाओं की क्या स्थिति है, और क्या आने वाले वक्त में लोगो की जरूरत पूरी करने की काबिल हैं भी या नहीं...इस मौके पर जिला कलेक्टर ने वन विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की सराहना की. और आशा जताई कि इस पहल से क्षेत्र के जल स्तर में वृद्धि होगी. इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने नाबार्ड के तहत 50 हेक्टेयर में किए गए वृक्षारोपण का भी निरीक्षण किया. और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की. सारी व्यवस्था माकूल पाए जाने पर कलेक्टर ने ऐसे ही काम करने की उम्मीद जताई... वन विभाग द्वारा भी जल संरक्षण के लिए गाँव-गाँव MPT,छोटे तालाब आदि बनाने का काम करवाया गया है. ताकि बारिश का पानी संचय हो, और जमीन में चार्ज हो.. प्रतापगढ़ पहाड़ी इलाका है, लिहाज़ा पानी टिक नहीं पाता...बह कर चला जाता है. ऐसे में इन छोटे तालाबों और MPT को वरदान माना जाने लगा है.
Thursday, July 7, 2016
प्रतापगढ़ के जिला कलेक्टर ने पीपलखूंट में किया विभिन्न कार्यों का निरीक्षण. उप वन संरक्षक और विकास अधिकारी रहे साथ.
अधिकारीयों ने इस दौर में पीपलखूंट उपखंड के चुली, खाखरी खेडा, कुण्डाल, जामली और पावटी में निरीक्षण किया. यहाँ MPT, छोटे तालाब और अन्य संरचनाओं का निरीक्षण किया गया. देखा गया कि बनाई गई संरचनाओं की क्या स्थिति है, और क्या आने वाले वक्त में लोगो की जरूरत पूरी करने की काबिल हैं भी या नहीं...इस मौके पर जिला कलेक्टर ने वन विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की सराहना की. और आशा जताई कि इस पहल से क्षेत्र के जल स्तर में वृद्धि होगी. इसके साथ ही जिला कलेक्टर ने नाबार्ड के तहत 50 हेक्टेयर में किए गए वृक्षारोपण का भी निरीक्षण किया. और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की. सारी व्यवस्था माकूल पाए जाने पर कलेक्टर ने ऐसे ही काम करने की उम्मीद जताई... वन विभाग द्वारा भी जल संरक्षण के लिए गाँव-गाँव MPT,छोटे तालाब आदि बनाने का काम करवाया गया है. ताकि बारिश का पानी संचय हो, और जमीन में चार्ज हो.. प्रतापगढ़ पहाड़ी इलाका है, लिहाज़ा पानी टिक नहीं पाता...बह कर चला जाता है. ऐसे में इन छोटे तालाबों और MPT को वरदान माना जाने लगा है.
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