प्रतापगढ़ का वो विभाग जिस पर शहर और जिले के विकास का ज़िम्मा है, खुद बदहाल है.. बात सार्वजनिक निर्माण विभाग यानि PWD की है, जहाँ कर्मचारियों की कमी से अधिकारी ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. यहाँ अधीक्षण अभियंता कार्यालय में अधीक्षण अभियंता, एक तकनिकी सहायक और दो बाबू के अलावा सारे पद खाली पड़े है...इसके अलावा चार अधिशाषी अभियंता कार्यालयों में सहायक अभियंता, कनिष्ट अभियंता, मंत्रालयिक कर्मचारियों समेत सभी पद खाली हैं. करीब 60% पद खाली हैं. विभाग की मानें तो ऐसी स्थिति में कार्य संपादन और गुणवत्ता पूर्ण काम करवाने में परेशानी होती है. यहाँ लंबे समय से ऐसी ही स्थिति चली आ रही है. पर फिर भी समाधान निकल नहीं रहा. ऐसे में सवाल यह कि सरकार कर्मचारियों की नियुक्ति कर नहीं रही, तो गुणवत्ता पूर्ण और समुचित कार्यों की उम्मीद कैसे की जा सकती है. कर्मचारी नहीं हैं, तो हो रहे निर्माण कार्यों की मोनिटरिंग भी नहीं हो पाती. ऐसे में स्थिति डामाडोल है.
PWD में कर्मचारियों की नियुक्ति बेहद जरुरी है. नहीं तो विभाग ठीक से काम नहीं कर पाएगा. PWD के अधीन होने वाले निर्माण कार्यों पर अक्सर मिलावट खोरी और गुणवत्ता पूर्ण काम ना होने के आरोप लगते आए हैं, कर्मचारियों की कमी भी इसमें वजह कही जा सकती है...
महेश गोयल, अधिशाषी अभियंता, PWD, प्रतापगढ़- अधीक्षण अभियंता कार्यालय में अधीक्षण अभियंता , एक तकनिकी सहायक और दो बाबू के अलावा सारे पद खाली है...और चार अधिशाषी अभियंताओं के कार्यालय में सहायक अभियंता, कनिष्ट अभियंता, मंत्रालयिक कर्मचारियों समेत सभी पद खाली हैं. करीब 60% पद खाली हैं. कार्य संपादन और गुणवत्ता पूर्ण काम करवाने में परेशानी होती है
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