प्रतापगढ़ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हेमराज मीणा मंदसौर मार्ग की रिपोर्ट के लिए कमीश्नर नियुक्त किया है. प्रतापगढ़ से राजपुरिया तक एवं प्रतापगढ़ से बरडि़या तक सड़क मार्ग तक की वस्तुस्थिति व मौके की रिपोर्ट के लिये अधिवक्ता ललित शुक्ला को कमीश्नर नियुक्त किया है। दरअसल इस मार्ग का निर्माण करोडो की लागत से कुछ सालों पहले किया गया था. उसके बाद यह मार्ग घटिया सामग्री के चलते उखड गया. इसके बाद PWD ने मरम्मत करवा कर इतिश्री कर ली. ऐसे में कोर्ट ने गुज़रे साल अगस्त माह में PWD को 1 महीने में सड़क निर्माण के आदेश दिए. पर PWD ने कुछ किया नहीं. ऐसे में PWD पर आदेशों की अवहेलना की कार्रवाई भी हो गई. अब वकीलों का कहना है कि PWD ने जो मरम्मत कार्य कराया था, वो फर्जी था, मरम्मत हुई ही नहीं और कागजों में दर्शा दी गई... सारे मांजरे को साफ़ करने के लिए कोर्ट ने कनिश्नर ही नियुक्त कर दिया. जो सड़क को पूरा देखेंगे, जांच करेंगे और रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे... प्रार्थी रमेश चन्द्र शर्मा एवं उनके अधिवक्ता की मौजूदगी में विपक्षी PWD अधीक्षण अभियन्ता एवं उनके अधिवक्ता लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी की उपस्थिति में सडक मार्ग की जांच की जाएगी... प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार पिछोलिया, सचिन पटवा, रामचन्द्र माली, कुलदीप शर्मा ने न्यायालय में निवेदन किया कि विपक्षी PWD न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई है इसलिए इन्हे सिविल कारावास से दण्डित किया जाए और मौके की स्थिति न्यायालय के समक्ष आये... इसके लिए कमिश्नर नियुक्त किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अधिवक्ता ललित शुक्ला को कमिश्नर नियुक्त किया।
प्रतापगढ़ का मंदसौर रोड अब एक रोड से ज्यादा मुद्दा बन गया है. जिस पर कभी आंदोलन होते हैं, कभी हस्ताक्षर अभियान चलता है, कभी लोग टावर पर चढ़ जाते हैं. इसके पीछे का कारण इस रोड का महत्त्व भी है. जिले का यह व्यापारिक मार्ग है, बड़ी संख्या में लोग यहाँ से एमपी जाते-आते हैं.. यह मार्ग प्रतापगढ़ जिले को एमपी के मंदसौर जिले से जोड़ता है. कमीश्नर की नियुक्त के बाद क्या बदलाव अब सामने आता है, यह देखने वाली बात होगी..
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