Monday, November 30, 2015

सरकारी छात्रावासों में परोसा जा रहा ज़हरीला खाना! लगातार बच्चे हो रहे बीमार. गन्दा पानी पीने को भी मजबूर हैं बच्चे. आधे छात्रों ने छोड़ा छात्रावास! क्या है पूरा मामला? देखिए.






प्रतापगढ़ के एक सरकारी छात्रावास में बच्चों पर किस कदर ज़ुल्म ढाया जा रहा है, देख पर आप दंग रह जाएगे! इस छात्रावास में गंदे खाने के डर से आधे से ज्यादा बच्चे घर जा चुके हैं, और 12 बीमार हो कर अस्पताल पहुँच चुके हैं. क्या है इसके पीछे की वजह? देखिए!

यह बच्चा जिसका नाम घनश्याम है, गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचा. यह गुज़रे दो दिनों से बीमार था. बच्चों ने वार्डन को बताया भी लेकिन सुनवाई नहीं हुई, ऐसे में बच्चों ने 108 एम्बुलेंस को कॉल लगाया और जिला चिकित्सालय लेकर पहुंचे. हमने जब पड़ताल की और अन्य बच्चों से बात की- तो सारी कहानी बेपर्दा हो गई!

यह है जिला मुख्यालय स्थित समाज कल्याण विभाग का बालक छात्रावास. जिसे राजकीय अम्बेडकर बालक छात्रावास के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ करीब 80 बच्चे रहते हैं. यह आदिवासी बच्चो का छात्रावास है, ताकि आस-पास के ग्रामीण इलाकों से बच्चे यहाँ आके पढ़ सके. लेकिन यहाँ के बच्चों को जो खाना खिलाया जाता है, उसमें कीड़े निकलते हैं. सड़ी हुई रोटियां परोसी जाती, शौचालय की महीनों से सफाई नहीं हुई, जब बच्चे बीमार होते है तो उन्हें अस्पताल तक नहीं लाया जाता...

दूषित खाने के चलते यहाँ लगातार बच्चे बीमार हो रहे हैं. आंकडो पर नज़र डाली जाए तो अब तक कुल 12 बच्चे बीमार होकर अस्पताल पहुँच चुके हैं. वहीँ लगभग आधे बच्चे होस्टल छोड़ घर चले गए हैं. बच्चों का यह भी आरोप है कि यहाँ सरकार द्वारा आने वाले फंड में घोटाला हो रहा है. बच्चों को सस्ते कपडे और जुटे पहनाए जा रहे हैं. इसके अलावा दूध में 95% पानी होता है, जिसे वे ठीक से पी तक नहीं पाते. जूतों के लिए हर बच्चे पर 600 रूपए का बजट आया था, लेकिन इसमें भी घपलेबाजी सामने आती है. 600 की वजह 200 वाले जुटे ही पहनाए जाते हैं, जो महीने-दो महीने में ही टूट जाते हैं.

इन बच्चों की बातें सुन अंदाज़ा लग गया होगा कि किस कदर बच्चों पर सरकारी छात्रावासों में ज़ुल्म ढाए जाते हैं. गन्दा खाना खिलाया जाता है, फिर बीमार होते हैं तो अस्पताल भी नहीं ले जाते! यह असल तस्वीर है उन आदिवासी इलाकों के छात्रावासों की, जहाँ माता-पिता के पास और कोई रास्ता नहीं होता... गरीबी के चलते उन्हें मजबूरन यहीं उनका एडमिशन करना होता है. अब आलाधिकारियों को चाहिए कि ऐसे भ्रष्ट वार्ड के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे, ताकि बच्चों को उनका हक मिल सके.

भाटपूरा के ट्रांसफामर में लगी आग. विद्युत विभाग के कर्मचारी पहुंचे मौके पर. आग पर पाया काबू.





प्रतापगढ़ के भाटपूरा में अचानक एक ट्रांसफार्मर में आग लग गई, घटना के बाद सैंकडो घरों की बिजली गुल हो गई तो वहीँ लोग भी सहम गए...!

अज्ञात कारणों से अचानक ट्रांसफार्मर में आग लग गई. आग इतनी भयानक थी, कि लोग डर गए... सुचना पर विद्युत विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. आग पर काबू पाया गया.. आग पर काबू पाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली... ट्रांसफार्मर पर अधिक लोड होने से आजकल इस तरह की घटनाएँ बढ़ गई है. इससे पहले खेरोट में भी ट्रांसफार्मर जलने का मामला सामने आया था जिससे गांव भर की बिजली ठप्प हुई थी. 

Saturday, November 21, 2015

BJP का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर. जिले भर से कार्यकर्ता हुए शामिल. सांसद और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी पहुंचे.


प्रतापगढ़ में BJP का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा है, जिसमें जिले भर से कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं.. इस मौके पर सांसद और भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी भी आए हुए हैं. प्रतापगढ़ के नरसिंह घाट पर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ. जहाँ सभापति कमलेश डोशी, बड़ी सादडी विधायक गोतम दक, भाजपा जिलाध्यक्ष धनराज शर्मा मौजूद रहे. सांसद सीपी जोशी ने कहा कि - आज भाजपा देश की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है और भाजपा ने यह मुकाम अपने अच्छे कार्यों के बूते हांसिल किया है... सीपी जोशी का कहना है कि बिहार और दिल्ली चुनाव में अन्य पार्टियों के एक हो जाने से भाजपा नहीं आ पाई...भाजपा का वोट प्रतिशत आज भी बरकरार है... लोग चाहते हैं कि देश में भाजपा ही कायम रहे.. मौके पर सभापति कमलेश डोशी ने सभी कार्यकर्ताओं को एक जुट होकर पार्टी को आगे ले जाने का आह्वान किया...!

मंदिर से चांदी के छत्र चुराने वाले आरोपी गिरफ्तार. पडूनी के मंदिर से चुराए थे छत्र. दो आरोपी पुलिस हिरासत में.




प्रतापगढ़ पुलिस ने पडूनी के मंदिर से चुराए गए लाखों की लागत के 28 चांदी के छत्र के मामले का खुलासा करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

अरनोद थाना क्षेत्र के पडूनी में कुछ अज्ञात लोगों ने मंदिर पर से 28 महंगे चांदी के छत्र चुराए थे. पुलिस भी कार्रवाई को लेकर गंभीर रही. मंदिर के पुजारी रमेश कुमार ने थाने में आकर रिपोर्ट दी जिस पर अनुसन्धान शुरू हुआ. जगदीष नारायण मीणा वृत्ताधिकारी प्रतागपढ़ के नेतृत्व में टीम गोपीचन्द मीणा थानाधिकारी अरनोद ने गठित की. पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए नोगांवा व चुपना के बीच बताए गए हुलिये के एक व्यक्ति को पकड़ कर तलाशी ली गई. तलाशी लेने पर युवक के पास 24 चांदी के छत्र पाए गए.. युवक ने अपना नाम राधेश्याम खारोल उम्र 60 साल बताया जो कि एमपी के रतलाम जिले के चिप्या का है. पूछताछ मे इसने 6 छत्र प्रतापगढ़ जिले के ही नोगांवा निवासी फिरोज खान को देना बताया, जिसके घर दबिश दी गई... वांछित अभियुक्त फिरोज खां उम्र 22 को चुराये हुये चांदी के 4 छत्र सहित गिरफ्तार किया गया... अभियुक्त से अनुसंधान जारी है.

लेम्प्स व्यवस्थापक से लूट के आरोपी गिरफ्तार. रास्ते में रोक कर लुटे थे 25000 रूपए. पीपलखूंट थाना क्षेत्र के टामटिया की घटना.


प्रतापगढ़ पुलिस ने लूट के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है... कुछ दिनों पूर्व टामटिया ग्राम पंचायत में लेम्पस के व्यवस्थापक पवन कुमार के साथ लूट की वारदात ने तूल पकड़ लिया था. यह व्यवस्थापक गेंहू वितरण कर 25 हजार रूपए और लेम्प्स का रिकोर्ड लेकर घर जा रहा था. इसी दरमियान रास्ते में कुछ नकाबपोश युवकों ने इसे रोक मारपीट की और सारे पैसे लूट कर ले गए. व्यवस्थापक से मामला दर्ज कराया. अन्य व्यवस्थापकों की ओर से कार्रवाई का दबाव बना हुआ था. ऐसे में एसपी के निर्देश पर पीपलखूंट पुलिस उपाधीक्षक राजपाल सिंह ने टीम गठित की. पुलिस को एक अनजान युवक ने फोन किया और बताया कि यह लूट की वारदात किसने की है और वे कहाँ रहते हैं. ऐसे में पुलिस ने बताए गए मौकों पर दबिश दी और गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों ने पूछताछ में लूट की वारदात करना कुबूल किया है. इधर पुलिस ने भी चैन की सांस ली है. आरोपियों के नाम दिनेश मीणा, मांगीलाल मीणा और जीतू मीणा है... इनमे से जीतू बांसवाडा जिले के भूंगडा थाने इलाके का है...

प्रेस ऑफ इंडिया की प्रतापगढ़ कार्यकारिणी का गठन. प्रवेश परदेशी बने जिलाध्यक्ष. जिले भर के पत्रकारों से मिल जुल कर काम करने का किया आह्वान!

प्रेस ऑफ इंडिया की प्रतापगढ़ कार्यकारिणी का गठन... प्रवेश परदेशी बने जिलाध्यक्ष...




प्रतापगढ़ के सर्किट हाउस में प्रेस ऑफ इंडिया की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में जिले भर से पत्रकार मौजूद रहे. बैठक में कार्यकारिणी का गठन हुआ. जि
लाध्यक्ष पत्रकार प्रवेश परदेशी को बनाया गया और महिला कार्यकारिणी जिलाध्यक्ष आशा टांक को बनाया गया. साथ ही जिला संरक्षक प्रभारी प्रकाश जैन को बनाया गया. पत्रकार लव जैन जिला संगठन मंत्री नियुक्त हुए. जिलाध्यक्ष परदेशी ने सभी संवाददाताओं को एक जुट होकर काम करने की बात कही, और सभी का आभार व्यक्त किया. सभी पत्रकारों ने कार्यक्रम को सराहा. सभी पत्रकारों ने एक-एक कर विचार व्यक्त किए और पत्रकारों पर शोषण के मुद्दों को उठाया और इस पर सख्त क़ानून बनाने की मांग की. बैठक की खासियत यह रही कि सभी पत्रकारों को अपनी राय रखने का अवसर मिला. सभी ने संगठन की सदस्यता ग्रहण की. पिरियोडीकल प्रेस ऑफ इंडिया एक देश व्यापी पत्रकार संगठन है. सर्किट हाउस में आयोजित इस बैठक में प्रतापगढ़, अरनोद, धरियावद, छोटी सादडी उपखंड के कई पत्रकार पहुंचे. सभी ने जिलाध्यक्ष प्रवेश परदेशी का स्वागत किया. और संगठन को पत्रकारों के हित में बताया. 

Monday, November 16, 2015

कुए का पानी पीने से 84 लोग बीमार! एक ही गाँव के लोग हुए बीमार. चिकित्सा विभाग की पहुंची टीम. इलाज कर लिए पानी के सेम्पल!



प्रतापगढ़ के घोटारसी क्षेत्र के देवद गाँव में कुए से दूषित पानी पीने की वजह से करीब 84 लोग बीमार हो गए. ये एक ही मोहल्ले के लोग हैं जिन्होंने कुए से पानी पिया था. पानी पीने के बाद सभी को एकाएक उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत हुई. मामले की गम्भीरता को देखते हुए अवलेश्वर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम मौके पर रवाना हुई. सभी मरीजों का उपचार किया गया. बहरहाल सभी की हालत ठीक है. गनीमत रही कि विभाग की टीम ने समय रहते उपचार किया, नहीं तो हालत खराब होने पर हादसा भी हो सकता था. चिकित्सा विभाग ने दूषित पानी का सेम्पल ले लिया है और जांच की जा रही है. आस-पास के गाँव वालों को भी हिदायत दी जा रही है कि जल-स्रोतों की गुणवत्ता का ध्यान रखें!

हथुनिया थाने ने पकड़ा अफीम तस्कर. करीब आठ लाख रूपए की अफीम बरामद. बोरी का रहने वाला है आरोपी दिनेश. नाकाबंदी के दौरान कार्रवाई!



प्रतापगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तस्कर को करीब 8 लाख रूपए की अफीम की साथ गिरफ्तार किया है... पुलिस ने वरमंडल तिराहे पर नाकाबंदी की और सामने से आते तस्कर को दबोच लिया. आरोपी के पास से 2 किलो अफीम बरामद हुई जिसकी कीमत इंटरनेशनल मार्केट में आठ से दस लाख रूपए बताई जा रही है. इधर पुलिस आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है और यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिर ये कहाँ से अफीम लाया था और कहाँ बेचने जा रहा था. आरोपी का नाम दिनेश प्रजापत है जिसकी उम्र महज़ 37 वर्ष है, जो जिले के ही बोरी का रहने वाला है! पुलिस ने इसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. गौरतलब है कि प्रतापगढ़ अफीम उत्पादन और तस्करी का गढ़ है. अफीम तस्करी मादक पदार्थों के निर्माण के लिए की जाती है, जिसके मूह-मांगे दाम मिलते हैं!

प्रतापगढ़ में पक्षी और इंसान बने दोस्त. साथ-साथ करते हैं खेती ! नहीं है एक-दूसरे से डर. कौन है यह पक्षी? देखिए खास रिपोर्ट!


अब हम आपको दिखाते हैं प्रतापगढ़ में कैसे पक्षी और इंसान दोस्त बन गए हैं. अक्सर किसानों को पक्षियों का डर रहता है, क्योंकि पक्षी उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं, फसलें चोपट करते हैं, लेकिन प्रतापगढ़ के किसान दुआ करते हैं कि पक्षी उनके खेत में आए, और यह पक्षी हैं- सफ़ेद बगूले!

यह तस्वीरें हैं किसानों के और बगूलों के बीच दोस्ती की. अक्सर आपने किसानों को पक्षियों को भगाते देखा होगा. किसान पक्षियों को भगाने के लिए क्या-क्या नहीं करते! रात भर खेत पर जागते हैं, बिजूका लगाते हैं, और भी बहुत कुछ! लेकिन प्रतापगढ़ के किसान पक्षियों के साथ मित्रता से पेश आते हैं, क्योंकि वो इनके फायदों को भी जानते हैं. पक्षी अक्सर फसलें चोपट करने के लिए बदनाम होते हैं, लेकिन एक पक्षी ऐसा भी है जो किसानों का मित्र है. यह पक्षी है बगूला! इस पक्षी से किसानों को प्रेम इसलिए है क्योंकि ये उनके काम में हाथ बटाते हैं. खेत में किसानों को नुकसान न पहुंचे, इसलिए ये बगूले बड़े बिच्छु को भी निगल जाते हैं, इसके साथ ही छोटे-मोटे कीड़े मकोडों का सफाया कर देते हैं. ऐसे में फसल तो बचाते ही हैं साथ ही जहरीले जानवरों पर भी नज़र रखते हैं. पक्षी इंसान को देख कर किस तरह भागते हैं, सब परिचित हैं, लेकिन यहाँ कुछ और ही नज़ारा देखने को मिलता है. यहाँ पक्षी और किसान साथ में मिल कर काम करते हैं. यह बगूले किसानों से महज़ एक-एक फीट पास में रह कर काम करते हैं. ये पक्षी किसानों को देख उड़ते नहीं है. क्योंकि उन्हें भी विश्वास होता है कि ये किसान उन्हें कुछ नहीं करेंगे.
तो आपने देखा किस तरह पक्षी और इंसानों के परस्पर एक सम्बन्ध होता है, जिसके बूते ये साथ में काम करते हैं. अक्सर कुछ किसान नासमझी कर इन बगूलों को यह सोच कर मार देते हैं कि ये खेत को नुकसान पहुंचेंगे. लेकिन उन्हें कतई पता नहीं होता कि ये कभी फसल नहीं खाते. इनका भोजन तो वे जीव-जन्तु हैं , जो उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं.

प्रतापगढ़ के वरमंडल में बाप-बेटे पर फायरिंग का मामला पिता के पेट में लगी थी गोली. इलाज के दौरान पिता ने तोड़ा था दम. दोनों आरोपी गिरफ्तार.



प्रतापगढ़ के वरमंडल में मांगीलाल और उसके बेटे राजेश पर फायरिंग मामले में पुलिस ने आरोपी गोविंद और तुलसीराम को गिरफ्तार कर लिया है ...फायरिंग में मांगीलाल की मौत हो गयी ..वारदात के बाद पूरे गांव का माहौल तनाव का माहौल बन गया और परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया ...जानकारी के मुताबिक आरोपी गोविंद, राजेश से दो हजार रुपए मांग रहा था.. इसी दौरान दोनो के बीच झगड़ा हो गया और आरोपी ने राजेश और उसके पिता पर फायरिंग कर दी..पुलिस गिरफ्त में आए दूसरे आरोपी तुलसीराम ने ही गोविंद को बंदूक लाकर दी थी

फायरिंग की इस वारदात से इलाके में तनाव था ...और परिजनों ने शव लेने से भी इनकार कर दिया था...जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया.

गौरक्षकों ने पकड़ी 8 गायों से भरी 2 पिकअप. टोल नाके पर पकड़ी पिकअप. आरोपियों को पहले कार में किया बंद, फिर ले जाया गया थाने!




प्रतापगढ़ में गौरक्षकों ने हिम्मत दिखाते हुए आठ गोवंश को कत्लखाने पहुँचने से बचाया. गौरक्षकों को सुचना मिली थी कि रठांजना थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रतापगढ़ टोल नाके पर गोवंश आने वाले हैं.

ऐसे में गोरक्षकों की टीम वहाँ जा पहुची. कपासन की ओर से आ रही दो पिकप को रुकवाया गया और देखा तो दोनों गाड़ियों में कुल आठ बैल ठूंस ठूस कर भरे हुए थे. गोरक्षकों ने तुरंत दोनों गाड़ियों में बैठे पांच आरोपियों को उतारा और फिर एक गाडी के अंदर बंद कर दिया. यहाँ आरोपियों को पकडे रखने में टोल नाका कर्मचारियों का भी भरपूर सहयोग मिला. आरोपियों को और गाडी को थाने ले जाया गया.


Friday, November 13, 2015

अम्बामाता की महिमा - मैले में जुटने लगे श्रद्धालु ! आज से मैले का आगाज़. विशेष मान्यता लिए है अम्बा माता मंदिर. मिलता है माँ का साक्षात आशीर्वाद. प्रशासन ने सुनिश्चित की व्यवस्था.

प्रतापगढ़ की माँ अम्बा की कृपा ही कुछ ऐसी है कि दिवाली के दो दिन बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से माता टेकने आते हैं... माता के मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटी शुरू हो गई है... अम्बामाता के सबसे बड़े मैले का आगाज़ आज से हो चूका है!

प्रतापगढ़ में माँ अम्बामाता का मंदिर अपनी महिमा के लिए दूर-दूर तक विख्यात है, और यही वजह है कि दिवाली के ठीक दो दिन बाद लगने वाले मैले में हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं. यहाँ अम्बा माता के मंदिर में रोज पूजा के दौरान भक्त अपनी मन्नत लेकर माता के पास फूल रखते हैं... फूल गिरता है तो मन्नत पूरी होती है. इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त कभी खाली नहीं गया, ऐसा मंदिर पुजारी का कहना है और स्थानीय लोगों का मानना है-

अम्बामाता की महिमा अपरम्पार है. मैले में स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहाँ पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती... अम्बामाता का मंदिर सबसे चमत्कारी मंदिरों में से एक है.. यहाँ माता का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त होता है...अम्बामाता के इस मंदिर की स्थापना आज से चार सौ साल पहले हुई थी. तभी से माता की महिमा फैलती गई और भक्त जुटने लगे. 15 तारीख तक लगने वाले इस मैले में आज से भक्त जुटना शुरू होंगे, और हजारों की संख्या में पहुचेंगे. निकटवर्ती एमपी और गुजरात से भी विशेषकर भक्त यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करके ही लौटते हैं!

अरनोद में उडाए आग के गुब्बारे! विशेष प्रकार से उडाए जाते हैं गुब्बारे. देखने के लिए लगा लोगों का जमावड़ा. दिवाली के दूसरे दिन हर साल होता है आयोजन.



प्रतापगढ़ जिले के अरनोद कस्बे में दीपावली के दूसरे दिन आग के गुब्बारे उडाए जाते हैं! यह गुब्बारे हाइड्रोजन गेस से नहीं, आग की लपटों से ऊपर हवा में उड़ते है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.

जैसे ही गुबारा ऊपर उठता है, बच्चे तालियाँ बजाकर, शोर मचाकर इसका स्वागत करते हैं... गुब्बारा रंग-बिरंगे पतले कागज़ का बना होता है...इसके नीचे घास-फूस से आग लगाई जाती है और फिर उस पर तेल से भीगा कपड़ा रखा जाता है...आग से निकलता धुँआ जब गुबारे में अच्छी तरह भर जाता है, तो गुब्बारा ऊपर उठता है... आग से धुंआ निकलता रहता है और देखते ही देखते गुब्बारा बहुत ऊपर जाकर आँखों से ओझल हो जाता है... अरनोद में प्रति वर्ष दीपावली के दूसरे दिन यह आयोजन किया जाता है. कस्बे के मुखिया चन्दा इकट्ठा करते हैं और एक खुले मैदान में आतिशबाजी के साथ आसमान में गुब्बारा उड़ाते हैं...

बांस से बनी पतली किमची को मोड़ कर एक गोलाई बनाई जाती है तथा रंगीन पतंग के कागज को चिपका कर उस गोलाई से चिपका दिया जाता है. उपर से उसको गोलाई में बांध दिया जाता है और गोलाई को दो पतले तारों से बांध दिया जाता है. ऐसे तो यह गुब्बारा बनता है. फिर इसमें घास पुस एकत्रित करके आग जलाई जाती है... और उसके ऊपर दो चार लोगों द्वारा गुब्बारे को कुछ ऊंचाई पर पकड़ लिया जाता है. आग से निकलने वाली कार्बनडाई आक्साईड गैस को गुब्बारे में भरी जाती है. गैस गुब्बारे में भर जाती है तो एक कपड़े को मीठा खाने के तेल में भीगो कर गुब्बारे की गौलाई पर लगे तारों के बीच में लटका कर उसमें आग लगा दी जाती है. जिससे गुब्बारे में कपडें में लगी आग से कार्बनडाई आक्साईड गैस बनती रहती है और गुब्बारे में भरती रहती है. जिससे गुब्बारा ऊंचाई तक उड़ पाता है.

इस प्रकार एक-एक कर पांच गुब्बारे बनाकर उडाए जाते है. इसे देखने के लिए प्रत्येक समाज व वर्ग के बच्चे पुरूष महिलाएं सभी एकत्रित होते है और नव वर्ष की बधाईयां देते है.

लेकिन गुब्बारों की उड़ान का यह खेल बहुत खतरनाक है...अगर यह गुब्बारा किसी के कच्चे मकान, घास के ढेर या गेस के खुले गोदाम पर जाकर गिर जाता तो क्या होता! गुब्बारे की यह ऊडान उस जमाने की याद दिलाते हैं, जब वायुयान का आविष्कार नहीं हुआ था. मनुष्य आकाश में पंछियों को उड़ते देख कर स्वयं उड़ने की कल्पना करता था. आसमान में उड़ने के लिए सबसे पहले इसी तरह के गुब्बारों का आविष्कार हुआ था. फ्रांस के गोल्फर बंधु को इस तरह के गुब्बारों का आविष्कारक कहा जाता है. उन्होंने चिमनी से धुँआ उड़ते हुए सोचा क़ि इस धुए के बल से हलकी वस्तुएं ऊपर उड़ सकती है. उन्होंने कागज़ का थैला बना कर उसमें गर्म हवा भरी तो वो ऊपर उठने लगा. उन्होंने कागज़ के थैलों में गर्म हवा भरकर कई प्रयोग किये. यह बात 1783 की है. तब इस जादुई उड़ान को देखकर हर कोई दंग रह गया था. इस उड़ान को देखने के लिए दर्शको में विख्यात वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रेंकलिन भी थे. अरनोद में भी यह परंपरा तब से चली आ रही है जब एरोप्लेन का आविष्कार नहीं हुआ था. तब यही मनोरंजन के साधन थे.

Thursday, November 12, 2015

दिवाली पर नहीं देखा जाता ब्राह्मण का मूह! देखे जाने पर निकाला जाता है खून. प्रतापगढ़ के गाँवों की पुरानी परंपरा!






हिन्दू धर्म में ब्राह्मणों को एक उच्च स्थान प्राप्त है. ब्राहमणों को पुरुष प्रधान माना जाता है. समाज के सभी वर्गों के मांगलिक आदि कार्य ब्राह्मण ही संपन्न कराते हैं. लेकिन आज दिवाली पर ब्राह्मणों को अपना मुंह छिपाना पड़ता है. उस दिन एक जाति-समाज के लोग ब्राह्मणों की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करते हैं. मामला है प्रतापगढ़ से . देखिए खास रिपोर्ट!

प्रतापगढ़ जिले के बारावरदा समेत छोटे-बड़े करीब 15 गांवों में गुर्जर समाज में ब्राहमणों का मुंह नहीं देखने की परंपरा है.. यहाँ दीपावली के दिन ब्राह्मणों की हालत दयनीय हो जाती है. उन्हें अपने घर में परदे में या दरवाजा बंद करके रहना पड़ता है...

प्रतापगढ़ जिले के इन गांवों में हर साल दीपावली के दिन गुर्जर जाति के लोग ब्राहमणों का मुंह नहीं देखते हैं. जब पूरा देश बड़े हर्ष और उल्लास के साथ दीपावली पर्व मनाता है, तो इन गांवों के ब्राहमणों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है, घर में बंद रहना पड़ता है. यहाँ तक कि बच्चों को भी घर से बाहर निकलने नहीं दिया जाता है.

दीपावली पर जब भी किसी गुर्जर जाति के महिला-पुरुष को ब्राहमण का मुह दिख जाता है, तो उस ब्राह्मण के शरीर के किसी अंग से थोड़ा-सा खून निकालकर उससे तिलक लगाकर प्रायश्चित किया जाता हैं. कभी-कभी आपस में टकराव भी हो जाता है। पिछले वर्ष दीपावली के दिन बारावरदा गाँव में एक ब्राह्मण ने दीपावली के दिन अपनी आटा चक्की की दूकान खोल दी. गुर्जर समाज के लोग वहां से निकले तो उन्हें अनाज पीसते ब्राह्मण का मुंह दिख गया. बस फिर क्या था, ब्राह्मण को उसकी दूकान से बाहर निकालकर पिटाई कर दी. यहाँ आज भी गलती होने पर पिटाई की परंपरा है. ऐसा भी माना जाता है कि पिटाई ना कर वे प्रथा का विरोध करेंगे. ऐसे में पिटाई करनी जरुरी ही मानी जाती है. यह तो गनीमत है कि प्रथा में परिवर्तन आया है, पहले तो मूह देखने पर सर फोड़ने तक का रिवाज़ था.

पहले यह परम्परा दीपावली पर सात दिन तक चलती थी, लेकिन बदलते समय के साथ गुर्जर समाज ने ब्राह्मणों को होने वाली परेशानियों को महसूस किया है और ब्राह्मणों का मुंह न देखने की सैकड़ों बरसों से चली आ रही परम्परा को सात दिन के बजाय दो दिन कर दिया है. दीपावली के दिन गुर्जर समाज के घर-घर में साबूदाने की खीर बनती है. मसला सिर्फ एक गाँव का नहीं है, जिले भर के गाँवों का है. - जिस गाँव में गुर्जर समाज के घर कम हैं और ब्राह्मणों के ज्यादा, वहां गुर्जर घर में ही पूजापाठ करते है क्योकि घर से बाहर निकलने पर ब्राहमण की शक्ल दिख जाने का डर बना रहता है. जहां गुर्जर की आबादी अधिक है, वहां गुर्जर अपने घर से बाहर नदी तालाब या कुए पर पूजापाठ करते हैं. और अपने आराध्य देव को भोग लगाते हैं. गुर्जरों का मानना है कि दीपावली के दिन ब्राह्मण की शक्ल देख ले तो कोई भी नुकसान हो सकता है. मवेशी मर सकते हैं, घर में बीमारी आ सकती है या काम-धंधा चौपट हो सकता है. पूजापाठ के बाद ब्राह्मण का चेहरा दिख जाए तो कोई हर्ज नहीं.

कहा जाता है कि दीपावली के दिन ब्राह्मणों ने गुर्जर समाज के आराध्य देव देवनारायण को मरवाने की कोशिश की थी. देवनारायण गुर्जरों के आराध्य देव है. उस दिन के बाद से गुर्जर समाज के लोगों को शाप है कि दीपावली के दिन से तीन दिन तक वे ब्राहमणों का मुंह नहीं देखें, वरना अनर्थ हो जाएगा.. देवनारायण जी गुर्जरों को कहा कि वे दिवाली से सात दिन तक ब्राह्मणों का मूह ना देखें, गुर्जरों ने आग्रह किया और कहा कि "ब्राह्मणों का मूह नहीं देखेंगे तो कैसे दिवाली मानेगी"... ऐसे में उन्होंने इस समयावधि को घटा कर तीन दिन किया. वक्त के साथ-साथ यह प्रथा एक दिन, यानि दिवाली के दिन तक ही सिमट कर रह गई...

ब्राह्मणों के बिना पूजा नहीं होती, विधि-विधान नहीं होते, लेकिन यहाँ बिना ब्राह्मणों के ही दिवाली मनाई जाती है. इस प्रथा की वजह से ब्राह्मणों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है और उन्हें घर में ही रहकर दिवाली मनानी होती है. एक पुरानी रीत को निभाते हुए गुर्जर ब्राह्मणों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, खून निकालते हैं, मारपीट करते हैं...! दिवाली का दिन मिलने-जुलने का दिन है, आज के दिन सभी भाईचारे के साथ मिलते हैं, दिवाली की शुभकामना देते हैं, लेकिन आज भी ऐसी जगह हैं, जहाँ इस त्यौहार को खून निकालकर या मार-पीट कर मनाया जा रहा है.

महिला पर किया करीब 25 लोगों ने हमला. पुरानी रंजिश के चलते हुई वारदात. घायलावस्था में लाया गया जिला चिकित्सालय. पुलिस जुटी जांच में.

प्रतापगढ़ में एक महिला पर एक साथ करीब 25 लोगों ने ताबातोड हमला बोल दिया. घटना में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई.

मामला रठांजना थाना क्षेत्र के बरडीया का है. महिला चंदा गुर्जर घर पर अकेली थी. इसी दरमियान उसी के परिवार के 20 से 25 लोगों ने एक साथ आकर हमला बोल दिया. महिला पर ताबा-तोड़ वार किये गए. महिला के सर पर गंभीर चोट आई है. सभी ने एक साथ मिल कर महिला को पीटा और जम कर हंगामा किया. आरोपियों में अधिकतर महिलाऐं थी. पीड़ित महिला का आरोप है कि पुरानी रंजिश को लेकर उन्होंने ऐसा किया है. घटना की सूचना आस-पडोस वालों ने 108 एम्बुलेंस को दी जिसके बाद उसे जिला चिकित्सालय लाया गया. इधर रठांजना थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है...

मारपीट के पीछे का कारण क्या था, यह जांच के बाद ही साफ़ हो पाएगा. लेकिन प्रथम दृष्टया इसे जमीन विवाद से जोड़ कर देखा जा रहा है. बहरहाल महिला का उपचार जिला चिकित्सालय में जारी है... और पति समेत पूरे परिवार वाले कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

Monday, November 9, 2015

प्रतापगढ़ में जल ग्रहण से मिटेगी जल समस्या! डार्क-ज़ोन क्षेत्र में है प्रतापगढ़. पहाड़ी इलाकों में नहीं टिकता पानी. सरकार की योजना शुरू.




प्रतापगढ़ जैसे पहाड़ी इलाकों में पानी का संचयन नहीं हो पाता, लिहाज़ा पानी के लिए समस्या बढती है और ग्रामीण प्यासे रह जाते हैं... इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार ने प्रतापगढ़ के पहाड़ी इलाकों में पानी की समस्या खत्म करने के लिए जल ग्रहण योजना चलाई है!

प्रतापगढ़ डार्क ज़ोन में शामिल हैं, क्योंकि यहाँ की भूमि में जल स्तर कम है, और इसका एक कारण यह भी है कि यह ऊंचाई पर स्थित है. लिहाज़ा यहाँ जल ग्रहण योजना चलाई जा रही है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है, योजना के तहत अधिकाधिक पानी का संग्रहण किया जाएगा! मसलन- दलोट में जल ग्रहण योजना के तहत हमीरपूरा पठार में केचमेंट क्षेत्र में ट्रीटमेंट वाटर टेंक निर्माण का काम चल रहा है. योजना के पूरा होते ही यहाँ पानी का संचयन किया जा सकेगा. अक्सर बारिश में आने वाला पानी पहाड़ी इलाकों में नीचे की ओर बह कर व्यर्थ हो जाता है जिसका कोई फायदा लोगों को नहीं मिलता. लिहाज़ा सरकार योजना के तहत प्रतापगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पानी मुहैया कराना चाहती है. दलोट भी एक बड़ा पहाड़ी इलाका है जहाँ पानी की समस्या लंबे अरसे से गहरा रही है. यहाँ भी योजना के तहत निर्माण चल रहे हैं, जिसके निरिक्षण विभाग की टीम भी आ रही है. अधिकारी का कहना है कि योजना के सफल होते ही पहाड़ी इलाकों में जल की विकराल समस्या दूर होगी! योजना के तहत कच्चे एनिकट बनाए जाएंगे जो पहाडो के पानी को संरक्षित करेंगे..! यहाँ अधिकारीयों की टीम भी पहुंची जिन्होंने MINI TANK, STANDARD TANK, DEEP CONTINUOUS TANK का निरिक्षण किया. मौजूद कंसल्टेंट ने उन्हें निर्माण कार्यों से अवगत कराया!

निर्माण कार्यों का जायजा लेने के मकसद से बांसवाडा, जालोर, पाली, राजसमन्द से कई अधिकारी पहुंचे... सरकार इस योजना को सफल बनाकर सुदूर पहाड़ी इलाकों में भी पानी की उपलब्धता बढ़ाना चाहती है, जिससे लोगों को सीधे फायदा पहुंचे और पानी के लिए दूर भटकना न पड़े!

श्यामलाल प्रजापत, रिपोर्टर, दलोट

रोडवेज में यात्री से लुटे 28000 रूपए. प्रतापगढ़ बस स्टेंड पर हंगामा. यात्री ने कंडक्टर पर ही लगाए आरोप. मजदूरी कर घर लौट रहा था यात्री.



प्रतापगढ़ में बस स्टेंड पर तब हंगामा खडा हो गया जब एक यात्री ने बस से उतर कर कंडक्टर पर चोरी का आरोप लगाया...! रोडवेज बस में एक मजदूर से चोरी का मामला सामने आया है.

यात्री प्रतापगढ़ के लाम्बाडाबरा का रहने वाला है जो कि नोखा में मजदूरी के लिए गया था. यात्री नोखा से प्रतापगढ़ घर लौट रहा था इसी दरमियान चित्तोडगढ़ के आस-पास इससे 28,000 रूपए लूट लिए गए. यात्री का आरोप है कि जब कंडक्टर को उसने शिकायत की तो उसने उल्टा यात्री से ही बदसलूकी शुरू कर दी. कंडक्टर ने लात मार कर बस से बाहर फेंक देने की धमकी दे डाली. प्रतापगढ़ बस स्टेंड पर युवक ने उतर कर जम कर हंगामा किया. यात्री कंडक्टर से पैसे लेने की बात पर अड़ा रहा, क्योंकि उसे शक है कि इसी कंडक्टर ने यह चोरी की है. यात्री का कहना है कि वह गरीब मजदूर है जो कि नोखा में बोरवेल पर काम करने गया था, और दिवाली पर यह पैसे कमा कर घर आ रहा था. यात्री इस घटना के बाद से सहमा हुआ है...! इधर इस घटना ने रोडवेज में सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रहे थे.
पीड़ित, ड्राइवर और कंडक्टर को पुलिस सूरजपोल चौकी ले आई और बहरहाल मामले की तफ्तीश की जा रही है!

अध्यापको ने बेचे दस रूपए में दस दीपक! बोनस की मांग नहीं हुई पूरी, सरकार से खफा हैं शिक्षक. 2012 में हुई थी नियुक्ति. झाड़ू और दीपक बेच किया प्रदर्शन.



प्रतापगढ़ में आज तब लोगों का जमावड़ा लग गया जब शिक्षकों ने दस रूपए में दस दीपक और झाड़ू बेचने शुरू कर दिए!
जब इतने सस्ते दाम पर झाड़ू और दीपक मिल रहे हों तो भला कौन नहीं आएगा! स्थायीकरण और दिवाली बोनस की सौगात ना मिलने पर शिक्षकों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षक गाँधी चौराहे पर ठेला लगाकर दीपक, झाड़ू और रुई बेचने लगे. इसके दाम भी बेहद कम रखे गए. दस रूपए में दस दीपक और एक झाड़ू दिए जाने लगे तो ग्रामीण भी इस ऑफर को देखते हुए जमा होने लगे. शिक्षकों की मांग है कि इन्हें स्थायी किया जाए. सरकार ने इन्हें दिवाली बोनस से वंचित रखा है, लिहाज़ा ये दीपक और झाड़ू बेच कर ही बोनस कमाने की बात कह रहे हैं. इनका कहना है कि अब सरकार ने तो सुनी नहीं ,अब जनता से ही बोनस कमा लिया जाए! ये 2012 में नियुक्ति पर लगे तृतीय ग्रेड के शिक्षक हैं जो सरकार तक अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं...!

Sunday, November 8, 2015

व्यापारी से लूट और मारपीट के मामले का खुलासा. जीजा ने ही दिया था वारदात को अंजाम. व्यापारी से लुटे थे 8 मोबाईल और 70 हजार रूपए. बांसवाडा से वारदात को अंजाम देने प्रतापगढ़ आए थे आरोपी!



प्रतापगढ़ पुलिस ने बहुचर्चित व्यापारी लूट और मारपीट मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने घटना में शरीक हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है साथ ही एक कहानी भी निकल कर सामने आई है... क्या है पूरा मामला? देखिए इस रिपोर्ट में-

प्रतापगढ़ पुलिस ने व्यापारी से लूट के मामले का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. घटना 29 अक्टूबर की रात करीब 12 बजे की है जब व्यापारी मनीष तम्बोली अपनी बस स्टेंड स्थित दूकान से घर लौट रहा था. घर आते समय कुछ लोगों ने उस पर ताबतोड वार किए. युवक के सर पर एक बेसबाल बेट से वार किया जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गया. आरोपी मनीष से 70 हजार रूपए और कुछ मोबाइल फोन लूट कर ले गए. घायल को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के लिए टीम गठित की. इसी दरमियान एक मोबाइल सिम के बांसवाडा रोड पर होने और किसी बच्चे द्वारा इसे उठा ले जाने की सुचना मिली. तफ्तीश की गई , तो सामने आया कि यह आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए यह सिम फैंकी हैं. लेकिन पुलिस आरोपियों के बांसवाडा के होने की बात तफ्तीश की दौरान समझ चुकी थी. पुलिस को पता चला कि पीड़ित व्यापारी मनीष की कजिन बहन भी बांसवाडा में ही रहती है, जिसने 2011 में अपने पति से विवाद के चलते तालाक के बाद एक मुस्लिम युवक नौशाद से शादी कर ली थी. जिस बात से मनीष अपनी बहन से खफा रहने लगा. मनीष नहीं चाहता था कि उसकी बहन और उसका पति कभी भी घर-परिवार में आए-जाए... मनीष शादी से ही दोनों के विरोध में था. ऐसे में पुलिस का शक नौशाद पर गया, नौशाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा मामला बेपर्दा हो गया. नौशाद ने अपने दोस्तों के साथ घटना की बात कुबूली और पुलिस ने 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. कुल 3 आरोपी नौशाद, इरशाद और इरफ़ान की गिरफ्तार के बाद अब दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी गिरफ़्तारी के लिए तलाश जारी है.

साले की बेरुखी के चलते आरोपी ने इस वारदात को अंजाम दिया. आरोपी का मकसद सिर्फ साले से बदला लेना था, ना की लूट की वारदात करना. लूट की वारदान उसने महज़ पुलिस को गुमराह करने के लिए की थी. आरोपी तो पुलिस के हत्थे चढ गए लेकिन पीड़ित मनीष अभी भी जिंदगी की जंग अहमदाबाद के अस्पताल में लड़ रहा है. जिसकी सलामती के लिए पुलिस परिजन और सभी दुआएं कर रहे हैं.

प्रतापगढ़ में सरेआम फायरिंग! दो हजार रूपए के लेन देन को लेकर बाप-बेटे पर दागी गोलियाँ. दोनों का इलाज जारी! फायरिंग कर आरोपी फरार.





प्रतापगढ़ में महज़ दो हजार रूपए के लेन-देन को लेकर पिता-पुत्र पर फायरिंग का मामला सामने आया है... घटना में दोनों ही गंभीर रूप से घायल हो गए.

घटना प्रतापगढ़ थाना क्षेत्र के वरमंडल की है, जहाँ गाँव के ही युवक गोविन्द शर्मा ने बाप-बेटे पर फायरिंग कर दी. बताया जा रहा है कि आरोपी गोविन्द सिंह युवक मांगीलाल से लंबे समय से दो हजार रूपए मांग रहा है. मांगीलाल का बेटा राजेश घर आ रह आ रहा था, इसी दरमियान गोविन्द ने उसे रोका और पैसों की बात कहकर मारपीट करने लगा... बेटे ने कहा कि पैसा पिताजी से ले लीजिए... ऐसे में बेटा घर पहुंचा, तो पीछे-पीछे आरोपी भी आ गया, और घर आते ही पिता और पुत्र दोनों पर फायरिंग कर दी. जानकारी के मुताबिक़, आरोपी ने पांच गोलियाँ दागी जिसमें से दो गोली पिता के पेट पर और एक गोली पुत्र के पैर पर लगी. दोनों का इलाज जिला चिकित्सालय में चल रहा है. इधर प्रतापगढ़ पुलिस भी मामले की तफ्तीश में जुट गई है और फरार आरोपी गोविन्द की तलाश सरगर्मी से जारी है.

Friday, November 6, 2015

अफीम लंबरदारों को कोताही पड़ेगी भारी. विभाग ने सौंपा गाँव-गाँव में मुखिया को अफीम उत्पादन की निगरानी का ज़िम्मा. लेकिन- स्थानीय शख्स से सांठ-गाँठ कर तस्करी बढ़ने की संभावना से भी नहीं किया जा सकता इनकार! खास रिपोर्ट.



प्रतापगढ़ में अब उन लंबरदारों की खेर नहीं है जो कि अफीम उत्पादन और NDPS के मामलों की निगरानी में कोताही बरतेंगे... इस बार सरकार ने अफीम फसल के उत्पादन और निगरानी के ज़िम्मेदारी प्रत्येक गाँव में किसानों के मुखिया को दी है... 

इस बार विभाग ने अफीम उत्पादन पर निगरानी की ज़िम्मेदारी किसानों के मुखिया को सौंपी है, जिन्हे लम्बरदार कहा जा रहा है. सरकार ऐसा कर काम को और आसान बनाना चाहती है. हर गाँव में अफीम उत्पादन पर नज़र रखने के लिए एक लम्बरदार नियुक्त किया गया है. यह लम्बरदार गाँव का ही स्थानीय होगा और सभी गतिविधियों पर नज़र रखेगा. अफीम उत्पादन से लेकर इसके अवैध व्यापार पर निगरानी की सारी ज़िम्मेदारी इसी की होगी. यदि किसी किसान ने हेरफेर की... तो इसके लिए जिम्मेदार लम्बरदार का अफीम लाइसेंस भी कट जाएगा. इस लम्बरदार की ज़िम्मेदारी होगी कि यह सभी दस्तावेज़ काश्तारों तक पहुंचाएगा, अगर गाँव में कोई भी अवैध अफीम तस्करी के मामले में पकड़ा जाता है तो उसकी सुचना विभाग को देगा और पैमाइश के दौरान विभाग के साथ रहेगा... सरकार की इस प्रक्रिया से विभाग को अकेले प्रतापगढ़ में करीब दस लाख रूपए का फायदा हर साल होगा. साथ ही विभाग के कर्मचारियों और अधिकारीयों को बार-बार निगरानी नहीं रखनी पड़ेगी. लूट-खसोट और राहजनी जैसी वारदातों पर भी अंकुश लगेगा. जिले में कुल 216 गांवों को अफीम लाइसेंस जारी किए गए हैं.

JAGDISH MAAWAL, JILA AFEEM ADHIKARI : फसल के लिए अफीम पट्टे दे दिए हैं. हर गाँव में मुखिया नियुक्त किए हैं. लम्बरदार कहते हैं इन्हें. इन सभी को दस्तावेज़ काश्तारों को देने के लिए कहा है. इनकी DUTY बनाई है कि उन्हें किसी भी प्रकार की अनियमितता का ध्यान रखना होगा. और दिशा-निर्देशों का पालन करेगा... NDPS के केस में कोई पकड़ा जाता है तो सूचित करेगा, अवैध उत्पादन के लिए सूचित करेगा, पैमाइश कार्य में साथ रहेगा.
विभाग ऐसा कर अपना बोझ हल्का करना चाहता है... लेकिन गाँव के ही स्थानीय से सांठ-गाँठ कर अवैध अफीम का व्यापार और आसान हो जाएगा- लिहाज़ा अवैध अवैध व्यापार और तस्करी बढ़ने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता... गौरतलब है कि अफीम प्रतापगढ़ की प्रमुख उपज है, जिसकी बड़े पैमाने पर तस्करी मादक पदार्थों के निर्माण के लिए की जाती है. प्रतापगढ़ इसके लिए कुख्यात भी है...!

पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा. नुकीले हथियार से की थी पत्नी की हत्या. कोर्ट ने सुनाया फैसला. देखिए प्रतापगढ़ के बेरहम पति की घिनौती करतूत!



प्रतापगढ़ के कोर्ट ने एक पति को उसके गुनाहगारों के लिए आजीवन कारावास की सजा दी है! इस दरिंदे ने अपनी ही पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी थी... देखिए प्रतापगढ़ से बेरहम पति की करतूत की कहानी!


घटना छोटी सादडी थाना क्षेत्र के धोबियों का खेड़ा की है, जहाँ एक पति ने अपनी ही पत्नी की बेहरमी से हत्या कर दी, जिस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है...! शादी को बीस वर्ष गुजार चुके थे, और पति नानुसिंह और पत्नी गंगाबाई के बीच अक्सर नोक-झोंक होने लगी थी, लेकिन पत्नी को कतई पता नहीं था कि घरेलु कलह से चलते कभी पति उसकी जान भी ले लेगा... 20 अप्रैल 2013 को पत्नी गंगा बाई खेत पर रखवाली के लिए सो रही थी. पति नानू सिंह ने खाना खाते ही पत्नी का जायजा लिया. पत्नी सोई हुई मिली, तो मौके देख अचानक ही लकड़ी और नुकीले औजार से वार कर छलनी-छलनी कर दिया. पत्नी को इतने ज़ख्म दिए कि मौत ही हो गई. हत्या के बाद नानुसिंह फरार हो गया. इसी बीच गंगा के पिता तुलसीराम को मामले की सुचना लगी. पिता के रिपोर्ट पर पुलिस ने अनुसन्धान शुरू किया और आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया. न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह तथा 32 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपर सत्र न्यायधीश हुकुम सिंह राजपुरोहित ने अभियुक्त नानुसिंह के विरूद्ध अपराध 302 भा.दं.सं. का सिद्ध मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.


नानुसिंह और गंगा के चार लड़के हैं, जो अब बिना माँ के जी रहे हैं. गंगा की हत्या के लिए उम्र कैद की सजा बेहद छोटी है, लेकिन बेटों को इस बात से राहत ज़रूर है कि उनके माँ का कातिल अब सलाखों के पीछे हैं.

प्रतापगढ़ की मस्कट बनी उड़न गिलहरी. दुर्लभ जीव के संरक्षण के लिए खुले रास्ते. सीतामाता अभयारण्य की दुर्लभ जीव है उड़न गिलहरी.


प्रतापगढ़ की दुर्लभ उड़न गिलहरी को आखिर पहचान मिल ही गई ! लंबे अरसे से उठ रही मांग के बाद सरकार ने फैसला लिया है कि अब प्रतापगढ़ को उड़न गिलहरी के तौर पर ही जाना जाएगा... जब कभी भी कहीं भी प्रतापगढ़ का उल्लेख होगा, तो उड़न गिलहरी को ही प्रतिक चिन्ह बना कर सामने लाया जाएगा.

उड़न गिलहरी अब प्रतापगढ़ जिले की मस्कट बन गई है. वन प्रेमियों के अथक प्रयासों ने इसे यह दर्जा दिलाया है. लंबे अरसे से मांग उठती आ रही थी कि उड़न गिलहरी को प्रतापगढ़ का मस्कट यानि शुभंकर बनाया जाए, जिसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजे गए, और मंजूरी मिलने पर फैसला लिया गया कि अब प्रतापगढ़ को उड़न गिलहरी के तौर पर ही जाना जाएगा. इस बात से फायदा यह हुआ कि अब सरकार का ध्यान लुप्त होते इस जीव पर बढ़ता दिख रहा है. अब लग रहा है कि इसके संरक्षण के प्रयास भी तेज किए जाएंगे. उड़न गिलहरी एक दुर्लभ जीव है. यह ऐसी गिलहरी है जो उडती हुई नज़र आती है. यह एक पेड से दूसरे पेड पर ग्लाइड करती है. इसकी दुर्लभ हरकतों को केमरे में कैद करने सैलानी भी आते हैं. लेकिन दुर्भाग्यवश अब इसकी संख्या में शिकार और घटते वन क्षेत्र के चलते कमी आई है. यह गिलहरी ऊंचे पेड़ों पर कोटरों में रहना पसंद करती है. पर चूँकि ऊंचे पेड पहले काटे जाते हीं, इसलिए इसके घर भी उजड गए हैं.

SUGNA RAM JAT, DFO (IFS) : प्रतापगढ़ को उड़न गिलहरी के रूप में जाना जाएगा... क्योंकि यहाँ उड़न गिलहरी पाई जाती है जो विशेष है... यह स्तनधारी प्राणी है, जो दुर्लभ है, यह सीतामाता अभयारण्य में ही पाई जाती है, यह विशेष स्थान रखती है.


उड़ने वाली यह गिलहरी सिर्फ प्रतापगढ़ के सीतामाता वन अभयारण्य में मिलती है. लिहाज़ा प्रतापगढ़ की पहचान भी इसी से की जाएगी... ऐसे में वन प्रेमियों की आस बढ़ी है , कि अब इसका संरक्षण भी होगा!

Tuesday, November 3, 2015

स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव मनजीत सिंह पहुंचे प्रतापगढ़. कहा- प्रदेश सफाई के मामले में है पीछे. प्रतापगढ़ की तर्ज पर प्रदेश भर में सफाई संग्रहण की गाडियां लगाने की बात कही.




स्वायत्त शासन विभाग के शासन सचिव मनजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के शहर सफाई के मामले में 200, 300 से लेकर 400 तक की रेंक पर है, साथ ही घर-घर शौचालय में अभी भी पीछे हैं...

मनजीत सिंह के बयान से साफ़ है कि सफाई के नाम पर चलाई जा रही योजनाएं सिरे नहीं चढ पा रही है. जब उच्च पदस्थ अधिकारी खुद इस बात को मान रहे हैं... मंजीत सिंह ने यह भी माना कि घर-घर शौचालय का सपना अभी भी दूर है. मंजीत सिंह दौरे पर प्रतापगढ़ पहुंचे जहाँ नगरपरिषद द्वारा कराए गए कार्यों का दौरा किया और सराहना की. मंजीत सिंह का कहना था कि प्रतापगढ़ में जिस रफ़्तार से विकास हुआ है वह वास्तव में प्रशंसनीय है. उन्होंने प्रतापगढ़ के वूडलैंड पार्क की भी प्रशंसा की. दौरे में सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने प्रदेश के हर शहर में प्रतापगढ़ की तर्ज पर घर-घर कचरा लेने वाले गाडी लगाने की बात कही. दरअसल प्रतापगढ़ में विशेष गाडियां हर सुबह घर-घर जाकर कचरा एकत्रित करती है, जिसका बाद में उपयोग खाद बनाने से लेकर कई बहुउपयोगी योजनाओं में किया जाता है. सचिव मंजीत सिंह ने इस पहल को आइडियल बताया और माना कि ऐसी व्यवस्था महानगरों में भी नहीं हुई है. उन्होने यह योजना पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही.

स्वच्छ भारत और घर-घर शौचालय के अभियान में प्रदेश अभी भी पीछे है. खुद उच्च अधिकारी भी इस बात को मानते हैं. लेकिन अगर प्रतापगढ़ जैसी व्यवस्था हर शहर में लागू की गई, तो व्यवस्था में जल्दी बदलाव आ सकता है. देखना होगा शासन सचिव का यह फैसला कब तक धरातल पर दिख पाता है.

प्रतापगढ़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई. अवैध शराब की खेप बरामद. पुलिस उपाधीक्षक जगदीश नारायण मीणा की कार्रवाई. तीन थानों की टीमों ने दी दो घरों में दबिश.





प्रतापगढ़ पुलिस ने अवैध शराब पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है... पुलिस ने मध्यप्रदेश निर्मित शराब के 387 कार्टन जब्त किए हैं. पुलिस ने यह कार्रवाई मध्यप्रदेश से सटे रिछाव्रा में की है... जिसके बाद शराब माफिया में मानों हडकंप मचा हुआ है.

प्रतापगढ़ पुलिस उपाधीक्षक जगदीश नारायण मीणा को सुचना मिली थी कि हथुनिया थाना क्षेत्र में मध्यप्रदेस सीमा से सटे गाँव रिछावरा में अवैध शराब का गोरखधंधा चल रहा है. यहाँ मध्यप्रदेश में बनी हुई शराब को अवैध रूप से रखा हुआ है. ऐसे में DYSP ने तीन थानों (अरनोद, प्रतापगढ़ और हथुनिया थाना) की टीम गठित की. पुलिस का भारी जाब्ता लेकर वे मौके पर पहुंचे. यहाँ उन्होंने सुचना के आधार पर दो घरों में एक साथ दबिश दी, जहाँ से शराब की बड़ी खेप बरामद हुई. एक घर से 317 पेटी और दूसरे घर से 70 पेटी... यानि कि कुल 387 कार्टन देशी शराब जब्त की. जब्त शराब की कीमत कम से कम आठ लाख रूपए बताई जा रही है. कार्रवाई की भनक लगते ही मामले में लिप्त तीनों आरोपी इन्द्रपाल सिंह, करण सिंह और भगवत सिंह भागने में कामयाब रहे. तीनों आरोपियों के विरूद्ध धारा 19/54 राजस्थान आबकारी अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण पंजिबद्ध किया गया. बहरहाल तीनों आरोपियों की तलाश में टीमें लगातार दबिश दे रही है.

JAGDISH NARAYAN MEENA, DYSP : मुझे सुचना मिली थी कि रिछावरा में अवैध शराब है. वहाँ इन्द्रपाल सिंह, करन सिंह और भगवत सिंह अवैध व्यापर करते हैं. मैंने अरनोद, कोतवाली और हथुनिया के SHO को साथ लिया. एक मकान से 317 पेटी और दूसरे से 70 पेटी मिली. कुल मिलाकर 387 मिली. 

पुलिस का मानना है कि पुलिस द्वारा एमपी सीमा से सटे गाँवों में अवैध शराब की अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है. पुलिस इस कार्रवाई को बड़ी सफलता के तौर पर देख रही है. प्रतापगढ़ में अवैध शराब माफिया बड़े पैमाने पर अपना व्यवसाय कर रहा है. लेकिन कार्रवाई से हडकंप भी मचा हुआ है.


व्यवसायी के लूट के मामले में संगठन हुआ एक. व्यापारी संगठन ने की कार्रवाई की मांग. आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तार की मांग. पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर से मिले व्यापारी. मोबाइल व्यवसायी से मारपीट कर लुटे थे 8 मोबाइल और 70 हजार रूपए.




प्रतापगढ़ में व्यवसायी से लूट के मामले में अब पूरे जिले भर के व्यापारी एक हो गए हैं. व्यापारी एक सुर में आरोपियों की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं. क्योंकि जिले में व्यापारियों पर लगातार हमले बढते जा रहे हैं.
प्रतापगढ़ में एक मोबाइल व्यवसायी पर हमले और लूट के मामले में व्यापारी संगठन आरोपियों की गिरफ़्तारी के लिए एक जुट हो गया है. दरअसल 29 अक्टूबर को बस स्टेंड का एक मोबाइल व्यवसायी मनीष देर रात दूकान से घर लौट रहा था. इसी बीच एरियापति रोड पर कुछ अज्ञात बदमाशों ने उस पर बुरी तरह से हमला बोल दिया. पहले तो व्यापारी को जम कर मारा-पीटा गया. बदमाश व्यापारी से आठ महंगे मोबाइल और 70 हजार रूपए लूट कर फरार हो गए. घटना में व्यापारी गंभीर रूप से घायल हुआ जिसे इलाज के लिए उदयपुर भेजा गया, जहाँ अभी भी वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है.

घटना के अगले दिन पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारीयों ने मौकाय वारदात का जायजा लिया, पुलिस ने दावा भी किया कि उनके हाथ अहम सुराग लगे हैं, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ़्तारी ना होता देख व्यापारी संघ एक होकर कार्रवाई की मांग कर रहा है. व्यापारी संघ एक जुट होकर जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग लेकर पहुंचा. यहाँ उन्होंने सख्ती से और जल्द कार्रवाई की मांग की, तो वहीँ पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि जल्द आरोपी उनके गिरफ्त में होंगे...

पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बाद व्यापारी कार्रवाई के इंतज़ार में है, लेकिन अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन करने से भी परहेज़ नहीं करेंगे...

जिला कलेक्टर ने किया कारागृह का निरिक्षण. जेल प्रबंधन से मिले कलेक्टर. कैदियों की व्यवस्थाओं का लिया जायजा.




प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर सत्यप्रकाश बसवाला जिला कारागृह के निरिक्षण पर पहुंचे... जहाँ सारी व्यवस्थाओं का जायजा लिया.

जेल प्रशासन और तमाम सुरक्षा के इंतजामों के बीच उन्होंने कारागृह का निरिक्षण किया. उन्होंने कैदियों की व्यवस्था समेत सारी सुविधाओं का जायजा लिया. इस दौरान DYSP मुंशी लाल भी साथ रहे जहाँ उन्होंने तमाम दस्तावेजों और व्यवस्थाओं से रूबरू कराया. कलेक्टर का कहना था कि वे समय-समय पर जेल व्यवस्था को सुचारू रखने के मकसद से निरिक्षण करते हैं, और खामी पाए जाने पर निर्देशित करते हैं... कलेक्टर ने जेल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया, यहाँ सेक्युरिटी गार्ड को उन्होंने कोई कोताही ना बरतने की सलाह दी...

Sunday, November 1, 2015

जिले में धडल्ले से बिक रहे अवैध खाद, बीज और कीटनाशक. कृषि विभाग में इन्स्पेक्टर की कमी से हो पा रही कार्रवाई. लाइसेंस दुकानदार भी कर रहे अवैध वसूली. बेबस विभाग, परेशान किसान!

प्रतापगढ़ में दुकानदार अवैध रूप से खाद, बीज और कीटनाशक बेच रहे हैं. कई लोग बिना लाइसेंस के ही इनका व्यापार कर रहे हैं तो दूसरी ओर लाइसेंसी दूकान अवैध वसूली कर रहे हैं. और विभाग है कि चैन की नींद सोया हुआ है.


प्रतापगढ़ में खाद, बीज और कीटनाशक का अवैध धंधा हो रहा है, और विभाग की सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई. कृषि विभाग खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वालों को लाइसेंस जारी करता है, जिसके बाद ही इनका व्यापार हो सकता है. लेकिन लोग धडल्ले से दुकानों पर खाद, बीज और कीटनाशक बेच रहे हैं. लोगों को विभाग की परवाह नहीं है... इधर ये दुकानदार महंगे दामों पर खाद, बीज और कीटनाशक पर अवैध रूप से मोटी रकम एन्ट रहे हैं, ऐसे में किसान भी ठगे जा रहे हैं. शिकायत यह भी है कि लाइसेंसी दूकानदार तय मानकों से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं. किसानों को कम दाम पर खाद-बीज और कीटनाशक मुहैया कराने के सरकारी दावे नाकाफी नज़र आ रहे हैं. अधिकारी समय-समय पर निरिक्षण कर कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन यह भी साफ़ कर रहे है कि इन्स्पेक्टर नहीं होने के चलते वे पर्याप्त शिकंजा कसने में सफल नहीं हो सकते...

नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: लाइसेंस दिए हुए हैं. जितने भी इन्स्पेक्टर है, वह कार्रवाई करते हैं. निरिक्षण करते हैं.  चूँकि इन्स्पेक्टर की संख्या कम है, ऐसे में सभी का निरिक्षण नहीं हो पाता...


विभाग की सुस्ती का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आखिर कार्रवाई गत वर्ष मुंगाना गाँव में हुई थी. जबकि आज भी लगभग हर दुकानदार धांधली करने में लगा है..


नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: नियम और मानक पर केस आया नहीं था, पिछले साल नियमों के परे मुंगाना में एक था, जो नियमों का पालन नहीं कर रहा था, उसका लाइसेंस निरस्त किया था...

विभाग को चाहिए कि अब सख्ती से अवैध खाद-बीज और कीटनाशक बेचने वालों पर कार्रवाई करे... इन्स्पेक्टर कम है तो एक-एक कर सभी पर शिकंजा कसे... जिससे सरकारी योजनाओं का मकसद सफल हो और किसानों को राहत प्रदान की जा सके... ऐसा करके कृषि बहुपयोगी सामानों का अवैध धंधा तो बंद होगा ही, साथ ही किसानों को भी फायदा पहुचेगा.

प्रवेश परदेशी, ज़ी मीडिया, प्रतापगढ़

राशन डीलरों की धांधली से गरीब ग्रामीण परेशान. केरोसिन और गेंहू पर की जा रही अवैध वसूली. ग्रामीणों ने लगाए डीलरों पर गंभीर आरोप.




प्रतापगढ़ में इन दिनों राशन डीलरों की अजीबो-गरीब धांधली चल रही है. यह राशन डीलर गरीबों को गेंहू या अन्य सामान नहीं दे रहे! दूकान पर जाने पर ग्रामवासियों के साथ बदसलूकी की जाती है, धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जाता है! ऊपर से अवैध वसूली भी परवान पर है. देखिए प्रतापगढ़ से यह रिपोर्ट-

प्रतापगढ़ जिले में राशन डीलरों की धांधली ने लोगों की नाक में दम कर रखा है. लोगों का आरोप है कि राशन डीलर गेंहू-केरोसिन नहीं देते, ऊपर से धक्का मार कर दूकान से बाहर निकाल देते हैं. ग्रामवासियों का यह भी आरोप है कि ये डीलर गेंहू-केरोसिन पर अवैध वसूली करते हैं. तय कीमतों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं! ऐसे में सभी परेशान हो चले हैं. ऐसा एक-दो दिन से नहीं, बल्कि महीनों से चल रहा है. ग्रामवासियों ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामवासियों का कहना है कि गरीब लोगों को तो हाथ पकड़ कर बाहर निकाल देते हैं. इसके अलावा जिन्हें केरोसिन दिया जाता है, उनसे 20 रूपए तक लिए जाते हैं, जबकि सरकारी रेट 17 रूपए की है... यही हाल गेंहू का भी है. गेंहू पर भी कीमत बढ़ा कर ली जा रही है. ये डीलर एक सप्ताह माल देते हैं और एक सप्ताह ब्लेक मार्केटिंग करते हैं.

कालू राम मीणा, ग्रामीण, 
केसरपुरा : हमें सामग्री नहीं मिलती. जनता परेशान है. कलेक्ट्रेट पहुंचे हम. मामला बताया... 16 रूपए केरोसिन का रेट है, 19 रूपए लेते हैं, डीलर गरीब जनता को पकड़ कर बाहर निकाल देते हैं, कहते हैं जाओ करा दो रिपोर्ट!... समस्या चार-पांच महीनों से हैं. हर बार कालाबाजारी करते हैं. एक सप्ताह देते हैं. एक सप्ताह कालाबाजारी करते हैं. केरोसिन के 20 रूपए तक लिए जा रहे हैं.

हरी शंकर मीणा, ग्रामीण, 
केसरपुरा
 : केसरपुरा में वार्ड 1-2 में डीलर धांधली कर रह है. एक महीने में तीन दिन देता है. केरोसिन देता है तो जबरदस्ती गेंहू की एंट्री भी कर देता है.

आखिरकार सभी गाँव वाले एक जुट हुए और सचिवालय पहुंचे, जहाँ हंगामे के बाद रसद अधिकारी ने कार्रवाई का मन बनाया. अधिकारी ने केसरपूरा और चिकलाड के राशन डीलरों का प्राधिकार पत्र निलंबित किया...

बनवारी लाल मीणा, जिला रसद अधिकारी : केसरपूरा पीपलखूंट से ग्रामवासी आए, उन्होंने शिकायत दी, हमने दुकानदार को डोशी मानते हुए प्राधिकार पत्र निलंबित किया है, जांच कर रहे हैं. इसी तरह चिकलाड़ से भी लोग आए, उन्होंने भी शिकायत की... वहाँ भी यही कार्रवाई की...
राशन डीलर पहले तो माल पर अवैध कीमत वसूलते हैं, फिर फर्जी एंट्री कर माल को अन्यत्र महंगे दामों पर बेच कर और रुपया कमाते हैं. ये तो केसरपुरा और चिकलाड़ के ग्रामवासियों में दम था जो विभाग से कार्रवाई करवा दी, अधिकतर ग्रामवासी डर से शिकायत नहीं करा पाते, लिहाज़ा कार्रवाई नहीं होती. अभी तो महज़ दो पंचायतों में कार्रवाई हुई है... हाल तो पूरे जिले के बेकार है. जिले भर में कुछ इसी तरह राशन डीलर धांधली चल रहे हैं. अब ज़िम्मेदारी विभाग की है, कि वे अपने इन्स्पेक्टर को भेज कर सभी डीलर की जांच कराए, और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करे.

लूट की शातिर गेंग चढ़ी पुलिस के हत्थे. डोडाचुरा लूट की वारदात को देने जा रहे थे अंजाम. पुलिस ने वारदात से पहले ही गिरफ्तार किये आरोपी. चित्तोडगढ़ और हरियाणा के हैं आरोपी. दिल्ली की तिहाड जेल की हवा खा चूका है आरोपी तौफीक.

प्रतापगढ़ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए लूट के एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गेंग डोडाचुरा गोदाम लूट की बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहे थे, लेकिन मंसूबों में कामयाब होने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ गए.

धोलापानी थाना पुलिस को सुचना मिली थी कि एक गेंग कार चोरी और लूट की बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रही है, ऐसे में पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने मौके पर दबिश दी और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने 6 आरोपियों को एक टवेरा कार समेत गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कार से कई उपकरण भी बरामद किए हैं. छ: में से पांच आरोपी चित्तोडगढ़ जिले के तो एक आरोपी हरियाणा के नूह जिले का बताया जा रहा है. इस गैंग में शामिल तौफिक और नदीम द्वारा गत एक माह में चित्तौड़गढ़, फतेहनगर और शम्भुपुरा से दो बलेरो, एक फ़ोर्स क्रूजर और एक टेम्पो 1109 चुराना स्वीकार किया है. गिरफ्तार अपराधी तौफिक अन्तर्राज्यीय बदमाश है जो हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और यू.पी. में वारदातें कर चुका है. साथ ही राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल और मथुरा जेल की हवा खा चुका है. पुलिस का मानना है कि यह आरोपी जल्द ही बड़ी वारदात को अंजाम देने जा रहे थे. ये लोग छोटी सादडी में डोडाचुरा गोदाम लूटने वाले थे, और गोमाना में महँगी कार चुराने का प्लान था, लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब हो पाते, इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ गए. अभियुक्तों की सूचना पर इनके सहयोगी तथा बेचे गये चोरी के वाहनों की तलाष हेतु विषेश टीम का गठन किया है, जिसमें तीन थानों की पुलिस शामिल है. इस टीम में अरनोद थाना, धमोतर थाना और छोटी सादडी थाना पुलिस शामील है.

प्रतापगढ़ में पेयजल संकट का हाई अलर्ट जारी! कई दिनों तक नहीं मिलेगा लोगों को पानी. रेगिस्तान से भी बदतर स्थिति में पहुंचा प्रतापगढ़. लोगों का फूट रहा गुस्सा. कब होगा समाधान ?




प्रतापगढ़ में जलदाय विभाग ने शहर में पेयजल संकट का हाई अलर्ट जारी किया है. बदहाल विद्युत व्यवस्था और फूटी पाइपलाइन अब जलापूर्ति में रोड़ा बन रही है. शहर भर में पानी की विकराल समस्या गहरा गई है, जिसके बाद लोग मानों पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.

कहा जाता है कि प्रतापगढ़ जिले को पानी का मानों वरदान प्राप्त है. जाखम बाँध समेत जिले के सभी बाँध पानी से लबालब भरे हैं. यहाँ पानी की कोई कमी नहीं है. बावजूद इसके यहाँ पीने के पानी के हालात रेगिस्तान से बदतर है. एक बार फिर जलदाय विभाग के हाई अलर्ट के बाद लोगों की नींद उडी हुई है. जलदाय विभाग ने यह अलर्ट अनिश्चितकाल के लिए जारी किया है. यहाँ बदहाल विद्युत व्यवस्था और साथ ही जगह-जगह पुरानी टूटी-फूटी पाइप लाइन पेयजल में रोड़ा बन कर उभर रही है. ऐसे में लोग पानी की राह देख रहे हैं. गत दो सालों से यहाँ पेयजल आपूर्ति का हाल सुधरने के बजाय बिगड़ा ही है. कई बार आंदोलन हुए, चक्का जाम हुए, नेशनल हाईवे जाम किया, सब कुछ किया, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूटी. जलदाय विभाग ने अलर्ट जारी कर मानों हाथ खड़े कर लिए हैं. विभाग कहता है कि उन्हें स्टोरेज टंकी भरने के लिए सुचारू बिजली नहीं मिलती, और टंकी भर्ती है तो टूटी हुई पाइप लाइनों के चलते सप्लाई नहीं हो पाती. ऐसे में लोग समस्या की स्थिति में है. लोग यही सोच रहे हैं, कि पानी लाए तो लाए कहाँ से! शहर में हेंडपंप की कमी है, शहर में तो कुए भी नहीं होते... ऐसे में पानी की एक विकराल समस्या ने जन्म ले लिया है.

रेखा परदेशी, समाजसेविका : प्रतापगढ़ में वर्षों से पानी की समस्या है और अब तो विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है कि पानी नहीं दे सकते... कैसे काम चलेगा...
यहाँ रेगिस्तान से भी बदतर स्थिति है... कहाँ जाए पानी के लिए... यहाँ जाखम में खूब पानी है, रोज पानी आ सकता है, पहले 15 दिनों में एक-दो बार पानी आता था, अब तो अलर्ट ही जारी हो गया...हमारा पानी पर अधिकार है, हम समय पर बिल चूका रहे हैं फिर भी स्थिति यह क्यों है... कम से कम एक दिन छोड़ कर एक दिन नल दें... और देते हैं तो 10-15 मिनट देकर बंद कर देते हैं, कम से कम एक घंटे तक तो पानी आए...

डी.डी. सिंह रानावत, वरिष्ट नागरिक : पानी के लिए जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, हालत बिलकुल खराब है... जाखम डेम में कितना पानी है, फिर भी हालात खराब है, कोई सुनने वाला नहीं है... 


विभाग में अधिकारीयों से बात करने पहुंचे, तो वे भी नदारद मिले... लेकिन लेबोरेटरी इंचार्ज मिले तो बात की. इन्होने भी कुबूला कि यहाँ हालत कितने बदतर है... इन्होने यह तक कह डाला कि कालबेलियों से डर के मारे अधिकारी काम नहीं करते... भला कैसी अजीबो-गरीब बात है...

के.वी मीणा, जलदाय विभाग लेबोरेटरी इंचार्ज : जगह-जगह लीकेज है, कच्ची बस्ती में लाइन फूटी है, कहा लेकिन बंद नहीं करते... कालबेलियों से डरते हैं विभाग वाले...


प्रतापगढ़ में पानी की विकराल समस्या गहराती जा रही है, इधर स्थानीय नेताओं की नींद नहीं टूट रही. अधिकारी तो मानों चैन की नींद सो रहे हैं. ज़रूरत है कि अब इन हालातों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हो, तभी कुछ सुधार की अपेक्षा की जा सकती है.