जब इतने सस्ते दाम पर झाड़ू और दीपक मिल रहे हों तो भला कौन नहीं आएगा! स्थायीकरण और दिवाली बोनस की सौगात ना मिलने पर शिक्षकों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षक गाँधी चौराहे पर ठेला लगाकर दीपक, झाड़ू और रुई बेचने लगे. इसके दाम भी बेहद कम रखे गए. दस रूपए में दस दीपक और एक झाड़ू दिए जाने लगे तो ग्रामीण भी इस ऑफर को देखते हुए जमा होने लगे. शिक्षकों की मांग है कि इन्हें स्थायी किया जाए. सरकार ने इन्हें दिवाली बोनस से वंचित रखा है, लिहाज़ा ये दीपक और झाड़ू बेच कर ही बोनस कमाने की बात कह रहे हैं. इनका कहना है कि अब सरकार ने तो सुनी नहीं ,अब जनता से ही बोनस कमा लिया जाए! ये 2012 में नियुक्ति पर लगे तृतीय ग्रेड के शिक्षक हैं जो सरकार तक अपनी बात पहुँचाना चाहते हैं...!
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