प्रतापगढ़ की माँ अम्बा की कृपा ही कुछ ऐसी है कि दिवाली के दो दिन बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश भर से माता टेकने आते हैं... माता के मंदिर में भक्तों की भीड़ जुटी शुरू हो गई है... अम्बामाता के सबसे बड़े मैले का आगाज़ आज से हो चूका है!
प्रतापगढ़ में माँ अम्बामाता का मंदिर अपनी महिमा के लिए दूर-दूर तक विख्यात है, और यही वजह है कि दिवाली के ठीक दो दिन बाद लगने वाले मैले में हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं. यहाँ अम्बा माता के मंदिर में रोज पूजा के दौरान भक्त अपनी मन्नत लेकर माता के पास फूल रखते हैं... फूल गिरता है तो मन्नत पूरी होती है. इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त कभी खाली नहीं गया, ऐसा मंदिर पुजारी का कहना है और स्थानीय लोगों का मानना है-
अम्बामाता की महिमा अपरम्पार है. मैले में स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहाँ पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती... अम्बामाता का मंदिर सबसे चमत्कारी मंदिरों में से एक है.. यहाँ माता का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त होता है...अम्बामाता के इस मंदिर की स्थापना आज से चार सौ साल पहले हुई थी. तभी से माता की महिमा फैलती गई और भक्त जुटने लगे. 15 तारीख तक लगने वाले इस मैले में आज से भक्त जुटना शुरू होंगे, और हजारों की संख्या में पहुचेंगे. निकटवर्ती एमपी और गुजरात से भी विशेषकर भक्त यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करके ही लौटते हैं!
प्रतापगढ़ में माँ अम्बामाता का मंदिर अपनी महिमा के लिए दूर-दूर तक विख्यात है, और यही वजह है कि दिवाली के ठीक दो दिन बाद लगने वाले मैले में हजारों श्रद्धालु पहुँचते हैं. यहाँ अम्बा माता के मंदिर में रोज पूजा के दौरान भक्त अपनी मन्नत लेकर माता के पास फूल रखते हैं... फूल गिरता है तो मन्नत पूरी होती है. इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त कभी खाली नहीं गया, ऐसा मंदिर पुजारी का कहना है और स्थानीय लोगों का मानना है-
अम्बामाता की महिमा अपरम्पार है. मैले में स्थिति ऐसी हो जाती है कि यहाँ पैर रखने की भी जगह नहीं मिलती... अम्बामाता का मंदिर सबसे चमत्कारी मंदिरों में से एक है.. यहाँ माता का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त होता है...अम्बामाता के इस मंदिर की स्थापना आज से चार सौ साल पहले हुई थी. तभी से माता की महिमा फैलती गई और भक्त जुटने लगे. 15 तारीख तक लगने वाले इस मैले में आज से भक्त जुटना शुरू होंगे, और हजारों की संख्या में पहुचेंगे. निकटवर्ती एमपी और गुजरात से भी विशेषकर भक्त यहाँ आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण करके ही लौटते हैं!
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