Sunday, November 1, 2015

राशन डीलरों की धांधली से गरीब ग्रामीण परेशान. केरोसिन और गेंहू पर की जा रही अवैध वसूली. ग्रामीणों ने लगाए डीलरों पर गंभीर आरोप.




प्रतापगढ़ में इन दिनों राशन डीलरों की अजीबो-गरीब धांधली चल रही है. यह राशन डीलर गरीबों को गेंहू या अन्य सामान नहीं दे रहे! दूकान पर जाने पर ग्रामवासियों के साथ बदसलूकी की जाती है, धक्के मार कर बाहर निकाल दिया जाता है! ऊपर से अवैध वसूली भी परवान पर है. देखिए प्रतापगढ़ से यह रिपोर्ट-

प्रतापगढ़ जिले में राशन डीलरों की धांधली ने लोगों की नाक में दम कर रखा है. लोगों का आरोप है कि राशन डीलर गेंहू-केरोसिन नहीं देते, ऊपर से धक्का मार कर दूकान से बाहर निकाल देते हैं. ग्रामवासियों का यह भी आरोप है कि ये डीलर गेंहू-केरोसिन पर अवैध वसूली करते हैं. तय कीमतों से ज्यादा कीमत वसूलते हैं! ऐसे में सभी परेशान हो चले हैं. ऐसा एक-दो दिन से नहीं, बल्कि महीनों से चल रहा है. ग्रामवासियों ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. ग्रामवासियों का कहना है कि गरीब लोगों को तो हाथ पकड़ कर बाहर निकाल देते हैं. इसके अलावा जिन्हें केरोसिन दिया जाता है, उनसे 20 रूपए तक लिए जाते हैं, जबकि सरकारी रेट 17 रूपए की है... यही हाल गेंहू का भी है. गेंहू पर भी कीमत बढ़ा कर ली जा रही है. ये डीलर एक सप्ताह माल देते हैं और एक सप्ताह ब्लेक मार्केटिंग करते हैं.

कालू राम मीणा, ग्रामीण, 
केसरपुरा : हमें सामग्री नहीं मिलती. जनता परेशान है. कलेक्ट्रेट पहुंचे हम. मामला बताया... 16 रूपए केरोसिन का रेट है, 19 रूपए लेते हैं, डीलर गरीब जनता को पकड़ कर बाहर निकाल देते हैं, कहते हैं जाओ करा दो रिपोर्ट!... समस्या चार-पांच महीनों से हैं. हर बार कालाबाजारी करते हैं. एक सप्ताह देते हैं. एक सप्ताह कालाबाजारी करते हैं. केरोसिन के 20 रूपए तक लिए जा रहे हैं.

हरी शंकर मीणा, ग्रामीण, 
केसरपुरा
 : केसरपुरा में वार्ड 1-2 में डीलर धांधली कर रह है. एक महीने में तीन दिन देता है. केरोसिन देता है तो जबरदस्ती गेंहू की एंट्री भी कर देता है.

आखिरकार सभी गाँव वाले एक जुट हुए और सचिवालय पहुंचे, जहाँ हंगामे के बाद रसद अधिकारी ने कार्रवाई का मन बनाया. अधिकारी ने केसरपूरा और चिकलाड के राशन डीलरों का प्राधिकार पत्र निलंबित किया...

बनवारी लाल मीणा, जिला रसद अधिकारी : केसरपूरा पीपलखूंट से ग्रामवासी आए, उन्होंने शिकायत दी, हमने दुकानदार को डोशी मानते हुए प्राधिकार पत्र निलंबित किया है, जांच कर रहे हैं. इसी तरह चिकलाड़ से भी लोग आए, उन्होंने भी शिकायत की... वहाँ भी यही कार्रवाई की...
राशन डीलर पहले तो माल पर अवैध कीमत वसूलते हैं, फिर फर्जी एंट्री कर माल को अन्यत्र महंगे दामों पर बेच कर और रुपया कमाते हैं. ये तो केसरपुरा और चिकलाड़ के ग्रामवासियों में दम था जो विभाग से कार्रवाई करवा दी, अधिकतर ग्रामवासी डर से शिकायत नहीं करा पाते, लिहाज़ा कार्रवाई नहीं होती. अभी तो महज़ दो पंचायतों में कार्रवाई हुई है... हाल तो पूरे जिले के बेकार है. जिले भर में कुछ इसी तरह राशन डीलर धांधली चल रहे हैं. अब ज़िम्मेदारी विभाग की है, कि वे अपने इन्स्पेक्टर को भेज कर सभी डीलर की जांच कराए, और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करे.

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