घटना छोटी सादडी थाना क्षेत्र के धोबियों का खेड़ा की है, जहाँ एक पति ने अपनी ही पत्नी की बेहरमी से हत्या कर दी, जिस पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है...! शादी को बीस वर्ष गुजार चुके थे, और पति नानुसिंह और पत्नी गंगाबाई के बीच अक्सर नोक-झोंक होने लगी थी, लेकिन पत्नी को कतई पता नहीं था कि घरेलु कलह से चलते कभी पति उसकी जान भी ले लेगा... 20 अप्रैल 2013 को पत्नी गंगा बाई खेत पर रखवाली के लिए सो रही थी. पति नानू सिंह ने खाना खाते ही पत्नी का जायजा लिया. पत्नी सोई हुई मिली, तो मौके देख अचानक ही लकड़ी और नुकीले औजार से वार कर छलनी-छलनी कर दिया. पत्नी को इतने ज़ख्म दिए कि मौत ही हो गई. हत्या के बाद नानुसिंह फरार हो गया. इसी बीच गंगा के पिता तुलसीराम को मामले की सुचना लगी. पिता के रिपोर्ट पर पुलिस ने अनुसन्धान शुरू किया और आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया. न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह तथा 32 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अपर सत्र न्यायधीश हुकुम सिंह राजपुरोहित ने अभियुक्त नानुसिंह के विरूद्ध अपराध 302 भा.दं.सं. का सिद्ध मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
नानुसिंह और गंगा के चार लड़के हैं, जो अब बिना माँ के जी रहे हैं. गंगा की हत्या के लिए उम्र कैद की सजा बेहद छोटी है, लेकिन बेटों को इस बात से राहत ज़रूर है कि उनके माँ का कातिल अब सलाखों के पीछे हैं.
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