Sunday, November 8, 2015

व्यापारी से लूट और मारपीट के मामले का खुलासा. जीजा ने ही दिया था वारदात को अंजाम. व्यापारी से लुटे थे 8 मोबाईल और 70 हजार रूपए. बांसवाडा से वारदात को अंजाम देने प्रतापगढ़ आए थे आरोपी!



प्रतापगढ़ पुलिस ने बहुचर्चित व्यापारी लूट और मारपीट मामले का खुलासा कर दिया है. पुलिस ने घटना में शरीक हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है साथ ही एक कहानी भी निकल कर सामने आई है... क्या है पूरा मामला? देखिए इस रिपोर्ट में-

प्रतापगढ़ पुलिस ने व्यापारी से लूट के मामले का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया है. घटना 29 अक्टूबर की रात करीब 12 बजे की है जब व्यापारी मनीष तम्बोली अपनी बस स्टेंड स्थित दूकान से घर लौट रहा था. घर आते समय कुछ लोगों ने उस पर ताबतोड वार किए. युवक के सर पर एक बेसबाल बेट से वार किया जिससे वह मौके पर ही बेहोश हो गया. आरोपी मनीष से 70 हजार रूपए और कुछ मोबाइल फोन लूट कर ले गए. घायल को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल लाया गया. पुलिस ने प्रकरण को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के लिए टीम गठित की. इसी दरमियान एक मोबाइल सिम के बांसवाडा रोड पर होने और किसी बच्चे द्वारा इसे उठा ले जाने की सुचना मिली. तफ्तीश की गई , तो सामने आया कि यह आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए यह सिम फैंकी हैं. लेकिन पुलिस आरोपियों के बांसवाडा के होने की बात तफ्तीश की दौरान समझ चुकी थी. पुलिस को पता चला कि पीड़ित व्यापारी मनीष की कजिन बहन भी बांसवाडा में ही रहती है, जिसने 2011 में अपने पति से विवाद के चलते तालाक के बाद एक मुस्लिम युवक नौशाद से शादी कर ली थी. जिस बात से मनीष अपनी बहन से खफा रहने लगा. मनीष नहीं चाहता था कि उसकी बहन और उसका पति कभी भी घर-परिवार में आए-जाए... मनीष शादी से ही दोनों के विरोध में था. ऐसे में पुलिस का शक नौशाद पर गया, नौशाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सारा मामला बेपर्दा हो गया. नौशाद ने अपने दोस्तों के साथ घटना की बात कुबूली और पुलिस ने 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. कुल 3 आरोपी नौशाद, इरशाद और इरफ़ान की गिरफ्तार के बाद अब दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं, जिनकी गिरफ़्तारी के लिए तलाश जारी है.

साले की बेरुखी के चलते आरोपी ने इस वारदात को अंजाम दिया. आरोपी का मकसद सिर्फ साले से बदला लेना था, ना की लूट की वारदात करना. लूट की वारदान उसने महज़ पुलिस को गुमराह करने के लिए की थी. आरोपी तो पुलिस के हत्थे चढ गए लेकिन पीड़ित मनीष अभी भी जिंदगी की जंग अहमदाबाद के अस्पताल में लड़ रहा है. जिसकी सलामती के लिए पुलिस परिजन और सभी दुआएं कर रहे हैं.

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