प्रतापगढ़ में दुकानदार अवैध रूप से खाद, बीज और कीटनाशक बेच रहे हैं. कई लोग बिना लाइसेंस के ही इनका व्यापार कर रहे हैं तो दूसरी ओर लाइसेंसी दूकान अवैध वसूली कर रहे हैं. और विभाग है कि चैन की नींद सोया हुआ है.
प्रतापगढ़ में खाद, बीज और कीटनाशक का अवैध धंधा हो रहा है, और विभाग की सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई. कृषि विभाग खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वालों को लाइसेंस जारी करता है, जिसके बाद ही इनका व्यापार हो सकता है. लेकिन लोग धडल्ले से दुकानों पर खाद, बीज और कीटनाशक बेच रहे हैं. लोगों को विभाग की परवाह नहीं है... इधर ये दुकानदार महंगे दामों पर खाद, बीज और कीटनाशक पर अवैध रूप से मोटी रकम एन्ट रहे हैं, ऐसे में किसान भी ठगे जा रहे हैं. शिकायत यह भी है कि लाइसेंसी दूकानदार तय मानकों से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं. किसानों को कम दाम पर खाद-बीज और कीटनाशक मुहैया कराने के सरकारी दावे नाकाफी नज़र आ रहे हैं. अधिकारी समय-समय पर निरिक्षण कर कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन यह भी साफ़ कर रहे है कि इन्स्पेक्टर नहीं होने के चलते वे पर्याप्त शिकंजा कसने में सफल नहीं हो सकते...
नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: लाइसेंस दिए हुए हैं. जितने भी इन्स्पेक्टर है, वह कार्रवाई करते हैं. निरिक्षण करते हैं. चूँकि इन्स्पेक्टर की संख्या कम है, ऐसे में सभी का निरिक्षण नहीं हो पाता...
विभाग की सुस्ती का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आखिर कार्रवाई गत वर्ष मुंगाना गाँव में हुई थी. जबकि आज भी लगभग हर दुकानदार धांधली करने में लगा है..
नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: नियम और मानक पर केस आया नहीं था, पिछले साल नियमों के परे मुंगाना में एक था, जो नियमों का पालन नहीं कर रहा था, उसका लाइसेंस निरस्त किया था...
विभाग को चाहिए कि अब सख्ती से अवैध खाद-बीज और कीटनाशक बेचने वालों पर कार्रवाई करे... इन्स्पेक्टर कम है तो एक-एक कर सभी पर शिकंजा कसे... जिससे सरकारी योजनाओं का मकसद सफल हो और किसानों को राहत प्रदान की जा सके... ऐसा करके कृषि बहुपयोगी सामानों का अवैध धंधा तो बंद होगा ही, साथ ही किसानों को भी फायदा पहुचेगा.
प्रवेश परदेशी, ज़ी मीडिया, प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ में खाद, बीज और कीटनाशक का अवैध धंधा हो रहा है, और विभाग की सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई. कृषि विभाग खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वालों को लाइसेंस जारी करता है, जिसके बाद ही इनका व्यापार हो सकता है. लेकिन लोग धडल्ले से दुकानों पर खाद, बीज और कीटनाशक बेच रहे हैं. लोगों को विभाग की परवाह नहीं है... इधर ये दुकानदार महंगे दामों पर खाद, बीज और कीटनाशक पर अवैध रूप से मोटी रकम एन्ट रहे हैं, ऐसे में किसान भी ठगे जा रहे हैं. शिकायत यह भी है कि लाइसेंसी दूकानदार तय मानकों से ज्यादा कीमत वसूल रहे हैं. किसानों को कम दाम पर खाद-बीज और कीटनाशक मुहैया कराने के सरकारी दावे नाकाफी नज़र आ रहे हैं. अधिकारी समय-समय पर निरिक्षण कर कार्रवाई की बात तो कह रहे हैं, लेकिन यह भी साफ़ कर रहे है कि इन्स्पेक्टर नहीं होने के चलते वे पर्याप्त शिकंजा कसने में सफल नहीं हो सकते...
नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: लाइसेंस दिए हुए हैं. जितने भी इन्स्पेक्टर है, वह कार्रवाई करते हैं. निरिक्षण करते हैं. चूँकि इन्स्पेक्टर की संख्या कम है, ऐसे में सभी का निरिक्षण नहीं हो पाता...
विभाग की सुस्ती का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आखिर कार्रवाई गत वर्ष मुंगाना गाँव में हुई थी. जबकि आज भी लगभग हर दुकानदार धांधली करने में लगा है..
नानुराम मीणा, सहायक उपनिदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़: नियम और मानक पर केस आया नहीं था, पिछले साल नियमों के परे मुंगाना में एक था, जो नियमों का पालन नहीं कर रहा था, उसका लाइसेंस निरस्त किया था...
विभाग को चाहिए कि अब सख्ती से अवैध खाद-बीज और कीटनाशक बेचने वालों पर कार्रवाई करे... इन्स्पेक्टर कम है तो एक-एक कर सभी पर शिकंजा कसे... जिससे सरकारी योजनाओं का मकसद सफल हो और किसानों को राहत प्रदान की जा सके... ऐसा करके कृषि बहुपयोगी सामानों का अवैध धंधा तो बंद होगा ही, साथ ही किसानों को भी फायदा पहुचेगा.
प्रवेश परदेशी, ज़ी मीडिया, प्रतापगढ़
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