Sunday, November 1, 2015

प्रतापगढ़ में पेयजल संकट का हाई अलर्ट जारी! कई दिनों तक नहीं मिलेगा लोगों को पानी. रेगिस्तान से भी बदतर स्थिति में पहुंचा प्रतापगढ़. लोगों का फूट रहा गुस्सा. कब होगा समाधान ?




प्रतापगढ़ में जलदाय विभाग ने शहर में पेयजल संकट का हाई अलर्ट जारी किया है. बदहाल विद्युत व्यवस्था और फूटी पाइपलाइन अब जलापूर्ति में रोड़ा बन रही है. शहर भर में पानी की विकराल समस्या गहरा गई है, जिसके बाद लोग मानों पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं.

कहा जाता है कि प्रतापगढ़ जिले को पानी का मानों वरदान प्राप्त है. जाखम बाँध समेत जिले के सभी बाँध पानी से लबालब भरे हैं. यहाँ पानी की कोई कमी नहीं है. बावजूद इसके यहाँ पीने के पानी के हालात रेगिस्तान से बदतर है. एक बार फिर जलदाय विभाग के हाई अलर्ट के बाद लोगों की नींद उडी हुई है. जलदाय विभाग ने यह अलर्ट अनिश्चितकाल के लिए जारी किया है. यहाँ बदहाल विद्युत व्यवस्था और साथ ही जगह-जगह पुरानी टूटी-फूटी पाइप लाइन पेयजल में रोड़ा बन कर उभर रही है. ऐसे में लोग पानी की राह देख रहे हैं. गत दो सालों से यहाँ पेयजल आपूर्ति का हाल सुधरने के बजाय बिगड़ा ही है. कई बार आंदोलन हुए, चक्का जाम हुए, नेशनल हाईवे जाम किया, सब कुछ किया, लेकिन सरकार की नींद नहीं टूटी. जलदाय विभाग ने अलर्ट जारी कर मानों हाथ खड़े कर लिए हैं. विभाग कहता है कि उन्हें स्टोरेज टंकी भरने के लिए सुचारू बिजली नहीं मिलती, और टंकी भर्ती है तो टूटी हुई पाइप लाइनों के चलते सप्लाई नहीं हो पाती. ऐसे में लोग समस्या की स्थिति में है. लोग यही सोच रहे हैं, कि पानी लाए तो लाए कहाँ से! शहर में हेंडपंप की कमी है, शहर में तो कुए भी नहीं होते... ऐसे में पानी की एक विकराल समस्या ने जन्म ले लिया है.

रेखा परदेशी, समाजसेविका : प्रतापगढ़ में वर्षों से पानी की समस्या है और अब तो विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है कि पानी नहीं दे सकते... कैसे काम चलेगा...
यहाँ रेगिस्तान से भी बदतर स्थिति है... कहाँ जाए पानी के लिए... यहाँ जाखम में खूब पानी है, रोज पानी आ सकता है, पहले 15 दिनों में एक-दो बार पानी आता था, अब तो अलर्ट ही जारी हो गया...हमारा पानी पर अधिकार है, हम समय पर बिल चूका रहे हैं फिर भी स्थिति यह क्यों है... कम से कम एक दिन छोड़ कर एक दिन नल दें... और देते हैं तो 10-15 मिनट देकर बंद कर देते हैं, कम से कम एक घंटे तक तो पानी आए...

डी.डी. सिंह रानावत, वरिष्ट नागरिक : पानी के लिए जनता त्राहि-त्राहि कर रही है, हालत बिलकुल खराब है... जाखम डेम में कितना पानी है, फिर भी हालात खराब है, कोई सुनने वाला नहीं है... 


विभाग में अधिकारीयों से बात करने पहुंचे, तो वे भी नदारद मिले... लेकिन लेबोरेटरी इंचार्ज मिले तो बात की. इन्होने भी कुबूला कि यहाँ हालत कितने बदतर है... इन्होने यह तक कह डाला कि कालबेलियों से डर के मारे अधिकारी काम नहीं करते... भला कैसी अजीबो-गरीब बात है...

के.वी मीणा, जलदाय विभाग लेबोरेटरी इंचार्ज : जगह-जगह लीकेज है, कच्ची बस्ती में लाइन फूटी है, कहा लेकिन बंद नहीं करते... कालबेलियों से डरते हैं विभाग वाले...


प्रतापगढ़ में पानी की विकराल समस्या गहराती जा रही है, इधर स्थानीय नेताओं की नींद नहीं टूट रही. अधिकारी तो मानों चैन की नींद सो रहे हैं. ज़रूरत है कि अब इन हालातों पर बड़े स्तर पर कार्रवाई हो, तभी कुछ सुधार की अपेक्षा की जा सकती है.

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