प्रतापगढ़ में एक तरफ लोग जंगलो में आग लगा रहे हैं, अपने लालच के लिए जंगलो को साफ़ कर रहे हैं, तो वहीँ दूसरी ओर जिले के एक थानाधिकारी ने थाने को हरा-भरा करने और लोगो को भी इससे सीख देने के लिए कवायद शुरू की है...
प्रतापगढ़ जिले के वन इलाको में रोजाना आग लगने के मामले सामने आ रहे हैं. लोग कोयले और महुवे के लिए जंगलो को आग की भेंट चढ़ा रहे हैं. तो वहीँ दूसरी ओर पीपलखूंट थानाधिकारी हरीश चन्द्र ने थाने को हरा-भरा करने की मुहीम शुरू की है. इसके लिए उन्होंने थाना परिसर में 200 पौधों को उगाया है. और यह काम उन्होंने खुद अपने हाथो से किया है. थाने के काम-काज से फ्री होते ही पूरा स्टाफ पौधे उगाने और उनको पानी देने में जुट जाता है... तपती धूम में पौधे लगने और उनका ध्यान रखने की जद्दो-जहद कौन करना चाहेगा, पर यहाँ का पूरा थाना स्टाफ इसके लिए काम कर रहा है. कितनी भी गर्मी क्यों ना हो, यहाँ का स्टाफ पौधों को पानी देने और उनका ख्याल रखने में कमी नहीं रखता. थानाधिकारी की मानें तो उनके 200 में से 196 पौधे पूरी तरह स्वास्थ्य हैं और जल्द ही बड़े होंगे. थानाधिकारी ने कहा कि ऐसा करके वे लोगो को यही सन्देश देना चाहते हैं, कि जंगल है तो कल है. जंगल नहीं होने तो ऑक्सीजन के भी लाले पड़ जाएंगे. थानाधिकारी थाने को हरा-भरा कर लोगो को प्रेरित करना चाहते हैं. हर दम सख्ती से पेश आने वाले पुलिस वालों के मन में पर्यावरण को लेकर इतनी हमदर्दी हो सकती है, किसी ने सोचा भी नहीं होगा.
थानाधिकारी की मानें तो वे लोगो को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं और जंगल नहीं होने के दुष्प्रभाव भी बता रहे हैं...ऐसे में हमें वन क्षेत्र के साथ-साथ रहना सीखना होगा और इसे संरक्षण देना होगा. जरुरी है कि सभी थाने और अन्य सरकारी महकमे पेड-पौधों से इसी तरह का प्रेम रखें, लोग जंगलो को जलाने के बजाय उनका संरक्षण करें... तभी पर्यावरण स्वस्थ रह सकता है. दरअसल प्रतापगढ़ जिले में वन क्षेत्र बड़े पैमाने पर है. पर गुज़रे कुछ दिनों में इतनी आग लगी है, कि यह अब चंद दायरे में सिमट कर रह गया है...
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