Wednesday, April 27, 2016

प्रतापगढ़ में हत्या की एक दर्दनाक दास्ताँ... पहले पिलाई शराब, फिर मारी गोली, फिर कुए में फेंकी लाश... दोस्त ही दोस्त का निकला कातिल ! एक ऐसी कहानी, जिसे जान कर आप दंग रह जाएंगे! खास रिपोर्ट.



एक सुबह... अचानक कुए में लाश मिलती है, पुलिस और लोग बड़ी संख्या में पहुँचते हैं, पहले महज़ एक्सीडेंट माना जाता है, फिर पोस्टमोर्टम में गोली मिलने पर हत्या का खुलासा होता है, और इसी बीच कातिल भी गिरफ्तार हो जाता है... ये कहानी है प्रतापगढ़ की. कैसे एक दोस्त ने प्रोपर्टी के लिए अपने ही दोस्त की गोली मार कर हत्या की, और फिर वारदात को महज़ एक्सीडेंट साबित करने के लिए कैसे लाश को कुए में फेंका गया? देखिए कातिल दोस्त की ये खास रिपोर्ट-

जिस दरिंदे को अभी आप देख रहे हैं, ये दरअसल कातिल दोस्त है, जिसने अपनी घिनौनी वारदात कर दोस्ती के रिश्ते को शर्मसार किया है. साकरिया का मदनलाल अंजना इस दरिंदे रामनिवास शर्मा को अपना दोस्त ही नहीं भाई भी मानता था, दोनों साथ रहते, साथ खाना खाते... दोस्ती ऐसी थी कि घर वाले भी भरोसा करने लगे. मानों रामनिवास उनका दूसरा भाई हो.. लेकिन एक दिन...!!!! कुछ ऐसा हुआ जिसने सब कुछ खत्म कर दिया.

घटना 22 अप्रैल की है. रठांजना थाना इलाके के साकरिया की है. यहाँ अचानक सुबह मदलाल अंजना के कुए में मोटरसाइकिल समेत पड़े होने की सुचना पर सनसनी फ़ैल गई. पुलिस पहुंची और मौका मुआयना कर लाश निकली गई. हत्या की रिपोर्ट होने पर धारा 302 IPC के तहत मामला दर्ज किया. इसके बाद लाश का पोस्टमार्टम कराया गया, तो तीसरे प्रयास में गले से गोली मिली. इसी बीच मदनलाल का दोस्त रामनिवास फरार हो गया. शक गया तो पुलिस ने कार्रवाई तेज की, और गोपनीय सुचना पर रामनिवास को गिरफ्तार कर लिया. फिर सारी कहानी बेपर्दा हो गई...

हादसे के पिछली रात रामनिवास ने मदनलाल के साथ अपने अन्य दोस्तों के साथ मिल कर शराब पार्टी की थी, जहाँ शराब-मिट सब कुछ था. सारे दोस्तों के घर जाने के बाद अब हमेशा की तरह रामनिवास और मदनलाल अकेले ही थे. रामनिवास ने मदनलाल को खूब शराब पिलाई, लिहाज़ा वो नशे में मानों बेसुध हो गया. इसके बाद रामनिवास ने मदनलाल के गले पर बेहद करीब से गोली भी मार दी. हत्या के बाद मदनलाल के शव को एक बोरी में डाला और फिर मोटरसाइकिल के साथ गाँव के ही कुए में फेंक आया.

सवेरे जब लाश मिली और भीड़ जमा हुई तो पट्ठा यहाँ भी आ पहुंचा. पुलिस के साथ खड़ा रहा, रोया भी, दुःख भी जाहिर किया. इसके बाद अंतिम संस्कार के लिए लकडियाँ लाने भी चला गया. लेकिन जैसे ही शव से गोली निकली, भाग खड़ा हुआ, फिर पुलिस की गिरफ्त में आ गया...
रामनिवास ऐसा करेगा, ऐसा कभी मदनलाल ने सपने में भी नहीं सोचा था, इसीलिए वो इसे बेहद करीब रखता था. दोनों का रिश्ता किसी भाई से कम नहीं था. रामनिवास ने कहा कि "वो मदनलाल के साथ रहकर खेती बाडी व घर का सारा काम सम्भालता था। परिवार के सभी सदस्यों का उसने विश्वास अर्जित कर लिया। रामनिवास के समस्त खर्चो की पूर्ति भी मदनलाल ही करता था। मदन लाल के कोई सन्तान नही है एंव मदन लाल के छोटे भाई अमरसिंह की भी कुछ समय पूर्व मृत्यु हो गई थी। मदनलाल अच्छी जमीन जायदाद वाला घर का एक मात्र जिम्मेदार व्यक्ति था। मृतक मदनलाल एंव मुल्जिम रामनिवास दोनो ही खाने-पीने के शौकीन होने से कई बार साथ ही पार्टिया करते थे। रामनिवास की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से उसकी नियत खराब हो गई वह मदनलाल को खत्म कर जमीन जायदाद सम्बधी काम अपने हाथ में लेना चाहता था। इस लिये वह पिछले दो महीने से मदनलाल को निपटाने के लिये प्लान बना रहा था।"

रामनिवास की इस करतूत ने दोस्ती के रिश्ते को शर्मसार किया है... पार्टी में शामिल अन्य लोगो की भूमिका की जांच की जा रही है। हथियार बरामदगी के प्रयास किये जा रहे है। इस घटनाक्रम मे किसी षडयंत्र की सम्भावना बाबत् भी पूछताछ की जा रही है।

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