प्रतापगढ़ में इस बार रिकोर्ड-तोड़ गर्मी पड़ रही है. आलम यह है कि दोपहर में बाज़ार सुनसान रहने लगे हैं. गर्मी की वजह से खेत भी सुने पड़े हैं. किसान भी खेती और अन्य कामों के लिए शाम या सुबह के वक्त ही बाहर निकल रहे हैं. तो वहीँ सूखे की दोहरी मार से भी परेशानी बढती जा रही है. इस गर्मी के मौसम में लोग अक्सर पेय पदार्थों की दुकानों पर डेरा डाले रहते हैं. तो कई लोग छाया दार जगह तलाशते हैं. प्रतापगढ़ का नगरपरिषद स्थित टाउन होल भी इस तरह भटके लोगो का सहारा बनता है, और यहाँ घने पेड़ों की छाँव में लोग भीषण गर्मी में सुकून के दो पल बिताते हैं... तापमान की बात करें, तो अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. भीषण गर्मी में लू के थपेड़े परेशानी और भी बढा देते हैं. डी-हाइड्रेशन और लू के मरीज भी बढते जा रहे हैं. लोगो का यह भी कहना है कि जिले में इस साल की गर्मी गुज़रे साल की तुलना में ज्यादा है.
गाँव-गाँव सुख रहा पानी- गर्मी की मार के चलते पानी भी लगातार सुख रहा है. जल-स्रोतों में पानी कम हो रहा है. तो वहीँ पहले ही कम हो चुके भू-जल स्तर से परेशानी और बढ़ रही है. इस गर्मी में पानी की अहमियत कई गुना बढ़ जाती है. ऐसे में ग्रामीणों को बूंद-बूंद के लिए अन्य गाँवो के मोहताज़ होना पड़ रहा है. ऐसी गर्मी में इंसानों के साथ-साथ जानवर भी परेशान है. वे भी पानी के लिए भटक रहे हैं.
इस भीषण गर्मी से निजात पाने के लिए लोग कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम और फ्रूट-ज्यूस का सहारा ले रहे हैं. अभी तो अप्रैल का ही महीना है और प्रदेश गर्मी की आग में जल रहा है. ये गर्मी और कितना कहर बरपाती है, देखने वाली बात होगी.
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