Saturday, August 29, 2015

प्रतापगढ़ के लोगों ने पेड़ों के साथ मनाई राखी. पेड़ों की रक्षा का लिया संकल्प. देखिए प्रतापगढ़ की अनूठी राखी.




पेड-पौधे हमारे जीवन का आधार है. पेड़ों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. इसी बात को समझाने के लिए प्रतापगढ़ के लोगों ने पेड़ों के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया. देखिए प्रतापगढ़ के लोगों की यह अनूठी पहल.

प्रतापगढ़ के ये लोग अपने भाई-बहनों के बाद पेड़ों के साथ राखी का पर्व मना रहे हैं. हमारे जीवन में पेड़-पौधों के महत्व को समझाने के लिए प्रतापगढ में लोगों ने रक्षा बंधन का पर्व अपने अनूठे तरीके से मनाया. लोगों ने बडे उत्साह के साथ पेड़-पौधों को राखी बाँध कर मानव-मात्र को संदेश दिया कि अगर हम पेड़ों की रक्षा नहीं करेंगे, तो हमारा सारा पर्यावरण अस्वस्थ हो जाएगा... रक्षा बंधन भाई-बहनों का त्योहार है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देता है... लेकिन प्रतापगढ में नन्हे बच्चों ने पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा करने का वचन दिया है... आज रक्षा बंधन के दिन सुबह से ही बच्चों में खासा उत्साह देखा गया. सुबह जल्दी ही कई बच्चे पूजा की थाल सजाकर बाग-बगीचों में आ गए और पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन दिया. पहले पेड़ों की पूजा की, दीपक लगाया. धूप-अगरबत्ती लगाई. फूल चढ़ाए और आरती भी की. फिर पेड़-पौधों को उतने ही स्नेह से राखी बांधी, जितनी कोई बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है. इसके बाद आस-पास के ग्रामीण जंगल पहुंचे, जहाँ उन्होंने पेड़ों को राखी बाँध कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. बच्चों के बाद आस-पास के ग्रामीण भी वन क्षेत्र पहुंचे. और पेड़ों को राखी बाँध पर उनकी रक्षा का वचन लिया. अक्सर ग्रामीणों में शिक्षा का अभाव होता है, और पेड़ों का महत्त्व पता नहीं होता. लेकिन प्रतापगढ़ के ग्रामीण अलग है. जो पेड़ों को राखी बाँध कर रक्षा का वचन ले रहे हैं. ऐसे सैंकडों लोगों ने पेड़ों को राखी बाँध कर त्यौहार को अनूठे तरीके से मनाया.

अब लोगों को यह समझ में आने लगा है कि पेड़ नहीं रहेंगे, तो बारिश नहीं होगी और हमारा पर्यावरण बिगड जाएगा. लोगों ने पेड़ों को राखी बांधकर पेड़ों की रक्षा का तो वचन दिया ही है, बड़ी सहजता से हमारे जीवन में पेड़ों के महत्व का संदेश भी दिया है... प्रतापगढ़ के लोगों की यह पहल काबिले-तारीफ़ है.

योगेश्वरी सिंह, छात्रा : आज रक्षाबंधन के पर्व को हमने अनूठे तरीके से मनाया है. भाइयों के साथ पेड़ों को राखी बाँधी है. और हमें पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए. ताकि वे भी हमारे साथ रहें.

लालू राम मीणा, अध्यापक : आज रक्षा बंधन का त्यौहार है. हम सभी मिल कर पेड़ों की रक्षा के लिए आगे आए हैं. हम पेड़ों को राखी बाँध कर प्रण लेते हैं कि पेड़ों की कटाई को रोके और पेड़ों की रक्षा करें. हमारा पर्यावरण पेड़ों से शुद्ध रहता है और आनंदमय रहता है. सभी पेड़ों को राखी बांधे और राखी मनाएं.

अरनोद में लगता जाम, लोग परेशान! दुकानदारों ने किया सड़कों पर अतिक्रमण. कहाँ है प्रशासन ?


प्रतापगढ़ को मध्यप्रदेश के रतलाम से जोड़ता मार्ग इन दिनों परेशानियों का सबब बना हुआ है. वैसे ही इस रोड पर इतने गड्ढे हैं, ऊपर से अरनोद में लगता लंबा जाम एक बड़ी परेशानी बना हुआ है.

प्रतापगढ़ के अरनोद उपखंड में दाखिल होते ही एक लंबे जाम का सामना करना पड़ता है. यहाँ दुकानदारों ने सामान को बाहर रख अतिक्रमण किया हुआ है. जिस वजह से हर पल यहाँ वाहनों का जाम लगा रहता है, और वाहन चालकों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ती है. यहाँ यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए कभी किसी पुलिसकर्मी को तैनात नहीं किया गया. यहाँ बे-रोकटोक दुकानदार अतिक्रमण कर बैठे हैं, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. लोगों ने कई बार उपखंड अधिकारी को परेशानी से अवगत कराया भी, लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई. ऐसे में यहाँ स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है, और यातायात व्यवस्था मुहाल पड़ी है.


श्यामलाल प्रजापत, रिपोर्टर, अरनोद 

सभापति ने वाल्मीकि समाज के साथ मनाई राखी. दिया सुरक्षा का वचन. जिला कारागृह में भी राखी के लिए पहुंची बहने.





प्रतापगढ़ में रक्षाबंधन का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. आज सुबह से ही लोग राखी का पर्व मना रहे हैं. एक तरफ नगरपरिषद बोर्ड वालिमिकी समाज के साथ राखी मना रहा है, तो वहीँ जिला कारागृह में भी राखी मनाई जा रही है.


सुबह नगरपरिषद सभापति वाल्मीकि समाज के बीच राखी मनाने पहुंचे. बोर्ड के पार्षद और सभापति ने सबसे पहले उन्ही के साथ राखी का पर्व मनाने का फैसला किया. वाल्मीकि समाज की कई महिलाओं ने इस पर्व पर पार्षदों और सभापति को राखी बाँध उनसे रक्षा का वचन लिया. प्रतापगढ़ के जिला कारागृह में भी राखी मनाई जा रही है. यहाँ सुरक्षा के लिहाज़ से इंतज़ाम किए गए हैं. अधिकारीयों और पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में बहने जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बाँध रही है. साथ ही अपने भाइयों से ये वचन ले रही है कि वे दोबारा ऐसा कोई काम ना करें जिससे उन्हें जेल जाना पड़े. यहाँ पहुंची महिलाओं ने पुलिस कर्मियों को भी राखी बाँधी. जिसके बदले पुलिस कर्मियों ने महिलाओं को तोहफे भेंट किए. ये पुलिस कर्मी राखी के त्यौहार पर अपने घर नहीं जा सके. ऐसे में ड्यूटी निभाते हुए महिलाओं से राखी बंधवा कर उन्होंने भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया.


बाईट - कमलेश डोशी, सभापति : आज मैं अपने साथी पार्षदों के साथ हरिजन बस्ती में राखी मनाने पहुंचा, जिस बात से गौरव महसूस कर रहा हूँ.

बाईट - मुकेश, जेलर, जिला कारागृह : आज जेल में राखी मनाई जा रही है. रक्षाबंधन का यह त्यौहार है. जेल में सारे इंतजाम किए गए हैं. कैदी वचन दे रहे हैं कि दोबारा ऐसा कोई काम नहीं करेंगे कि जेल आना पड़े. 

Friday, August 28, 2015

धरियावद के नन्हे बच्चों की अनोखी पहल. सैनिकों को भेज रहे राखी. देखिए खास रिपोर्ट.






प्रतापगढ़ के धरियावद के नन्हे बच्चों ने राखी पर अनोखी पहल की है. ये बच्चे अपने हाथ से तरह-तरह की राखियाँ तैयार कर रहे हैं और सीमा पर तैनात जवानों को भेज रहे हैं. बच्चों की इस विचारधारा हो देख हर कोई स्तब्ध है. 

धरियावद के ये बच्चे बड़ी संख्या में राखियाँ तैयार कर रहे हैं. ये बच्चे विशेष कारीगर तो नहीं है, लेकिन जस्बा भी किसी से कम नहीं है. ये एक स्कूल में पहली से पांचवी कक्षा तक पढने वाले सामान्य बच्चे हैं. जो राखी भेज सैनिकों को यह सन्देश देना चाहते हैं- कि हम सभी आपके साथ हैं. सैनिक सीमा पर तैनात रह कर हमारी रक्षा करते हैं. त्यौहार कोई भी हो, सैनिक उसका तुत्फ़ उठा नहीं पाते. बच्चों की यह अनोखी पहल हर किसी को आकर्षित कर रही है. और सब बच्चों में सैनिकों के प्रति हमदर्दी को सराह रहे हैं. बच्चों द्वारा बनाई गई राखियाँ परफेक्ट तो नहीं है, लेकिन इनमें उनका नन्हा अपनापन है, इसलिए हर कोई इन्हें पसंद कर रहा है. ये बच्चे कई दिनों से राखियां बनाने में लगे हैं.

आजकल लोगों में देश-प्रेम की भावना कम हो रही है. ऐसे में ये बच्चे राखी के माध्यम से सैनिकों को जता रहे हैं, कि हम सब आपके साथ हैं. ये बच्चे मिसाल है उन लोगों के लिए भी, जो अपने जीवन में कहीं-न-कहीं सैनिकों के बलिदान को नज़रंदाज़ कर देते हैं.


संदीप माली, रिपोर्टर, धरियावद

अरनोद में अज्ञात लोगों ने फूंकी बाइक. लंबी मशक्कत के बाद आग पर पाया काबू. लोगों की सूझ-बुझ से बुझी आग.




प्रतापगढ़ के अरनोद में महल चौक के सामने अज्ञात लोगों ने बाइक को आग लगा दी. दरअसल बाइक किसी पुलिसकर्मी की है जो हाट बाज़ार में आया हुआ था. इसी दरमियाँ बाइक को किसी ने आग लगा दी. बाइक से आग की लपटे उठती देख इलाके में सनसनी फ़ैल गई और लोग आग बुझाने की मशक्कत में जुट जाए. लोगों ने अपनी सूझ-बुझ से आग पर काबू पाया. गनीमत रही कि आग पेट्रोल टेंक तक नहीं पहुंची, नहीं तो कोई बड़ा हादसा यहाँ हो सकता था. आग पर काबू पाने के बाद लोगों ने चैन की सांस ली. और उन लोगों का शुक्रिया अदा किया जो बेपरवाह आग बुझाने में जुट गए.

श्याम लाल प्रजापत, रिपोर्टर, अरनोद

Thursday, August 27, 2015

विशेष पर्यटक स्थल बनेगा प्रतापगढ़. पूंगा तालाब में बनाए "ट्री हाउस". जाखम और आरामपुरा का किया जा रहा सौन्दर्यकरण.




प्रतापगढ़ को एक खूबसूरत पर्यटक स्थल बनाने की कवायद वन विभाग ने शुरू कर दी है. प्रतापगढ़ में भरपूर वन संपदा है, खूबसूरत वन्यजीव हैं, सबसे ज्यादा प्रजातियों के पक्षी भी यहीं पाए जाते हैं. सीतामाता अभयारण्य में वो खासियत है जिसके बूते पर्यटकों को बड़ी संख्या में यहाँ आकर्षित किया जा सकता है.

वन विभाग ने प्रतापगढ़ को इको टूरिस्म के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू कर दी है. इसे लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है. सीतामाता वन अभयारण्य में तीन साईट का सलेक्शन किया गया है - पूंगा तालाब, जाखम बाँध और आरामपूरा! पूंगा तालाब में वन विभाग ने पेड़ों पर खूबसूरत घर बनाए हैं. यहाँ पेड़ों पर "tree house" का निर्माण किया गया है, जो सभी को आकर्षित कर रहे हैं. पेड़ों पर बने इन घरों को देख सभी आकर्षित हो जाते हैं. प्रकृति की खूबसूरती के बीच पेड़ों पर बने इन घरों में रहने को भला कौन मना करेगा? पूंगा तालाब में घुसते ही कुछ इसी तरह के नज़ारे दिखाई पड़ते हैं. इन tree house को बड़े खूबसूरत ढंग से यहाँ बनाया गया है. इसके लिए मजबूत पेड़ों का चयन किया गया है. साथ ही इन्हें ऐसी जगह बनाया गया है- जहाँ पेंथर यानि तेंदुआ रोज पानी पीने आता है. ऐसा इसलिए, ताकि यहाँ आने वाले पर्यटक अभयारण्य की एक और खूबसूरती से वाकिब हो सकें. पूंगा तालाब में ऐसे पांच tree house बनाए गए हैं. यहाँ पेंथर के अलावा वूडलेंड बर्ड और जंगली मुर्गे के रोमांचक दृश्यों को भी देखा जा सकता है. पूंगा तालाब पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

इसके बाद जाखम बाँध को भी इको टूरिस्म के तौर पर विकसित किया जा रहा है. जाखम बाँध एक खूबसूरत जगह है. कहने को यह बाँध है, लेकिन किसी बड़े टूरिस्ट पॉइंट से कम नहीं है. हालांकि यहाँ टूरिस्ट अच्छी संख्या में आते हैं, फिर भी विभाग बाहरी टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए इसे डेवेलप करना चाहता है. जिसके लिए यहाँ भी तराशने के लिए विचार-विमर्श जारी है. जिसका काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद पास ही के आरामपुरा को भी विकसित किया जा रहा है. आरामपुरा एक खूबसूरत जगह है, जहाँ तेंदुआ और अन्य जंगली जानवर रोज पानी पीने आते हैं. IFS अधिकारी मुकेश सैनी का कहना है, कि इस कवायद के बाद टूरिस्ट बड़ी संख्या में प्रतापगढ़ पहुंचेंगे.

वन विभाग की इस कवायद के बाद प्रतापगढ़ इको-टूरिस्म एरिया बनता जा रहा है. अभी सीजन है, पर्यटकों के घूमने-फिरने का. विभाग का मानना है कि उनकी इस कवायद के बाद अब पर्यटक प्रतापगढ़ जरुर आएँगे.

Mukesh Saini, IFS (DFO, Chittorgarh)

मुकेश सैनी, IFS अधिकारी (DFO, चित्तोडगढ़) : सीतामाता अभयारण्य में तीन जगहों का सलेक्शन किया है. पूंगा तलब, आराम पूरा और जाखम. विशेषकर पूंगा तालाब ओन रोड साइड है. इसके लिए यहाँ पांच हट बनाई है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से वूडलेंड बर्ड, जंगली मुर्गों के लिए फेमस है. यहाँ बर्ड बहुत ज्यादा आते हैं. यहाँ टूरिस्ट कम आ रहे हैं. इसलिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. यहाँ इस सीजन में टूरिस्ट लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

Wednesday, August 26, 2015

छात्र संघ चुनाव के बाद माहौल गरमाया. जिला चिकित्सालय में पथराव, एम्बुलेंस के शीशे तोड़े. डर के मारे घरों में दुबके लोग.




प्रतापगढ़ में छात्र संघ चुनाव के बाद माहौल पूरी तरह तनाव पूर्ण हो गया. चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद आक्रोशित छात्रों ने जिला चिकित्सालय में जम कर पत्थरबाजी की. और एक मोटरसाइकिल आंशिक रूप से आग लगा दी.

पूरी घटना में छात्रों ने जिला चिकित्सालय में खड़ी तीन एम्बुलेंस को अपना निशाना बनाया. यहाँ छात्रों ने पत्थरों से एम्बुलेंस के शीशे तोड़ दिए. इसके बाद छात्रों ने एक मोटरसाइकिल को आंशिक रूप से जला दिया. चिकित्सालय में पुलिस का जाब्ता बुलाया गया. पूरे इलाके में सनसनी फैली रही. और इन पत्थरबाज छात्रों से बचने के लिए लोग घर में ही दुबक कर बैठे रहे. चिकित्सालय के अंदर और बाहर पूरे इलाके में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात रही. 

छात्र संघ चुनाव में ABVP का कब्ज़ा. प्रतापगढ़ और धरियावद में हुए चुनाव. प्रतापगढ़ में NSUI को एक भी पद नहीं.



प्रतापगढ़ में छात्र संघ चुनाव में दोनों ही महाविद्यालयों में ABVP ने कब्ज़ा जमा लिया है.

प्रतापगढ़ जिले में प्रतापगढ़ कोलेज और धरियावद कोलेज में छात्र संघ चुनाव हुए हैं. चुनाव में छात्राओं की सुरक्षा से लगाकर सफाई और शिक्षा के मुद्दे अहम थे. आज सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ, जो कि एक बजे खत्म हुआ. लेकिन नतीजे घोषित होते होते लंबा वक्त गुजर गया. ऐसे में छात्र बाहर ही इंतज़ार करते रहे. प्रतापगढ़ कोलेज में नतीजा आठ बजे तो धरियावद में नतीजा चार बजे ही घोषित हो गया. प्रतापगढ़ में अध्यक्ष पद पर ABVP के अनिल मीणा ने चुनाव जीता है और उपाध्यक्ष पद पर भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के चन्दन कुमार मीणा जीते. संयुक्त सचिव के पद पर ABVP की कृतिका सिसोदिया, और महासचिव के पद पर ABVP के नरेन्द्र लबाना जीते. कुल मिलाकर प्रतापगढ़ कोलेज में उपाध्यक्ष पद को छोड़ कर सभी पदों पर ABVP ने कब्ज़ा जमा लिया है. एक भी सीट पर NSUI का कब्ज़ा नहीं है.


वहीँ धरियावद में अध्यक्ष पद पर ABVP के गिरधारी लाल मीणा ने चुनाव जीता है, वहीँ उपाध्यक्ष पद पर NSUI के विकास कुमार ने जीत हांसिल की. महासचिव NSUI की कांता कुमारी और संयुक्त सचिव ABVP की प्रेमलता बनी. यहाँ ABVP और NSUI ने बराबर कब्ज़ा जमाया है. प्रतापगढ़ कोलेज में 75.33 प्रतिशत और धरियावद में 92.24 प्रतिशत मतदान हुआ था.



राजकीय महाविद्यालय, प्रतापगढ़ ...कौन जीता कौन हारा-


ABVP से -
अध्यक्ष के लिए - अनिल मीणा, (विजयी)
उपाध्यक्ष के लिए - मिथुन डांगी (हारे),
संयुक्त सचिव - कृतिका सिसोदिया (विजयी),
महासचिव- नरेन्द्र लबाना (विजयी)


NSUI से -
अध्यक्ष - रोनक पाटीदार, (हारे)
उपाध्यक्ष - राम सिंह, (हारे)
संयुक्त सचिव - चांदनी साहू, (हारे)
महासचिव - कमलेश मीणा (हारे)


भारतीय विद्यार्थी मोर्चा से -
अध्यक्ष - गोवर्धन मीणा, (हारे)
उपाध्यक्ष- चंदनकुमार मीणा (जीते)
संयुक्त सचिव - कला, (हारी)
महासचिव- कल्पना (हारी)




राजकीय महाविद्यालय, धरियावद ...
कौन जीता कौन हारा-

ABVP से -
अध्यक्ष के लिए - गिरधारी लाल मीणा, (जीते)
उपाध्यक्ष के लिए - प्रभुलाल मीणा, (हारे)
महासचिव - भगवती मेघवाल, (हारे)
संयुक्त सचिव - प्रेमलता मीणा (जीती)


NSUI से -
अध्यक्ष - सुरेश कुमार मीणा , (हारे)
उपाध्यक्ष - विकास कुमार मीणा, (जीते)
महासचिव - कांताकुमारी मीणा, (जीती)
संयुक्त सचिव- भेरूलाल मीणा (हारे)

Monday, August 24, 2015

चुनाव संपन्न होने के बाद भी नहीं हटे बेनर. चुनाव के बाद बाद भी वोट की अपील जारी. विभाग की लापरवाही के चलते नहीं हुई कारवाई.



चुनाव संपन्न हुए अरसा बीत चूका है, बावजूद इसके प्रचार के लिए लगाए गए बेनर-पोस्टर अभी तक नहीं हटाए गए हैं. विभाग के सुस्त रवैये से अभी भी गली-मोहल्लों में अवैध रूप से बेनर लगे हुए हैं.

चुनाव संपन्न हो गए हैं, लेकिन जगह-जगह लगे बेनर अभी भी वोट की अपील कर रहे हैं. चुनाव संपन्न होने के बाद भी लगे बेनर-पोस्टर को हटाने का ज़िम्मा निर्वाचन विभाग का था. विभाग को चाहिए था कि कर्मचारियों को भेज इन बोर्ड को हटाए. विभाग ने कर्मचारियों को भेजा तो सही, लेकिन कुछ बेनर-पोस्टर हटा कर काम पूरा कर दिया गया. विभाग की लापरवाही के चलते अभी भी कई जगह यह बेनर-पोस्टर लगे हैं. कई जगह तो सरकारी इमारतों और बिजली के खम्बो पर अवैध रूप से बेनर लगे हैं. चौराहों पर बिना परमिशन लगाए गए बड़े बेनर भी अभी तक लगे हैं. लेकिन विभाग इस ओर कोई कारवाई नहीं कर रहा है. इसके अलावा सार्वजनिक जगहों पर लगे बेनर हटाने का काम सबसे पहले किया जाना चाहिए था. लेकिन अब चुनाव होने के बाद भी सार्वजानिक जगहों पर यह बेनर लगे हैं. हाल ही में बेनर हटाते वक्त हुई कर्मचारी की मौत को अधिकारी कारवाई ना करने की वजह बता रहे हैं. और प्रत्याशियों के खर्च से बेनर हटाने की बात कह रहे हैं.


दिनेश मंडोवरा, उपखंड अधिकारी: आचार संहिता पालना के लिए तहसीलदार के साथ दल गठित किया गया था. जिसमें बेनर हटा रहे थे. लेकिन बीच में कर्मचारी के करंट से डेथ के कारण नहीं हटा पाए. अब प्रत्याशियों के खर्चे में शामिल कर इन्हें हटाया जाएगा.

कुछ दिनों पूर्व बेनर हटाते हुए विभागीय कर्मचारी की मौत हो गई थी. जिसके बाद विभाग को यह काम रोकना पड़ा. हमारी पहल के बाद अधिकारी की नींद टूटी और कारवाई की बात कही. देखना होगा अभी भी वोट की अपील कर रहे इन बेनर पर वे कब तक कारवाई कर पाते हैं.

जैन समाज के लोगों ने किया प्रतापगढ़ बंद. शहर भर में बंद प्रतिष्ठान. संथारा प्रथा पर सुनाए गए फैसले का विरोध.







प्रतापगढ़ में आज सारा काम-काज ठप्प पडा है. शहर आज पूरी तरह बंद है. अर्थव्यवस्था चर्मरागाई है. जैन धर्म के लोग संथारा प्रथा पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय द्वारा सुनाए गए फैसले के विरोध में उतर आए, और काम-धंधे बंद कर दिए हैं.

जैन धर्म के लोगों ने प्रतापगढ़ बंद का ऐलान किया है. जिसे दूसरे समाज के लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. जैन धर्म के लोग प्रतापगढ़ में बाहुल्यता से हैं. सभी लोगों ने दुकाने बंद कर दी है. और किसी भी प्रकार का लेन-देन ना करने की घोषणा की है. यही नहीं, जैन बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, साथ ही जैन मालिक अपने स्कूल और कोलेज बंद कर बैठे हैं. जैन समाज के इस फैसले के बाद शहर की व्यवस्था पूरी तरह ठप्प पड़ी है. बाजार सुना पड़ा है. बाहर से आने वाले व्यापारियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जैन धर्म के लोग माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय द्वारा संथारा प्रथा पर सुनाए गए निर्णय को गलत बता रहे हैं. उनका कहना है- संथारा आत्महत्या नहीं है. यह मोक्ष प्राप्ति का और आत्मा से जुड़ने का माध्यम है. न्यायलय को किसी की धार्मिक भावना से नहीं खेलना चाहिए. जैन समाज के लोगों का कहना है कि वे तब तक बंद जारी रखेंगे जब तक कोर्ट अपना फैसला वापिस नहीं लेती. जैन समाज के बंद से आज पूरे शहर में सन्नाटा पसरा है. दूकान-प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं, बैंक भी खाली हैं, कृषि उपज मंडी पूरी तरह बंद पड़ी है. छोटी-मोटी चीजें लेने के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. प्रतापगढ़ में जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में है. एक तरह से पूरे बाजार में दुकानें जैन समाज के लोगों की है. जैन समाज के लोग कोर्ट का फैसला वापिस ना लेने पर, देशव्यापी आंदोलन की बात कह रहे हैं.

Sunday, August 23, 2015

एम्बुलेंस और बाइक की भिडंत. बाल-बाल बचा नाबालिग. बांसवाडा रोड पर पेट्रोल पम्प के सामने हुआ हादसा.



प्रतापगढ़ में एम्बुलेंस से एक्सीडेंट की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही है. शहर के बांसवाडा रोड पर गौतम नगर से आती एक एम्बुलेंस और बाइक की भिडंत हो गई.

जानकारी के मुताबिक़ एम्बुलेंस और बाइक, दोनों ही तेज रफ़्तार में थे. अपनी सूझ-बुझ खोकर नाबालिग बाइक सवार सीधा एम्बुलेंस में जा घुसा. गनीमत रही कि एम्बुलेंस और बाइक चालक दोनों ही सुरक्षित रहे. इधर बाइक क्षतिग्रस्त हो गई, तो वहीँ एम्बुलेंस को भी काफी नुकसान पहुंचा. एम्बुलेंस चालक सुरक्षित बाहर आ गया. घटनास्थल पर लोगों का भारी जमावड़ा लग गया. और नाबालिग के परिजनों को बुलाया गया. इसके बाद मौके पर खूब कहासुनी हुई. 

कौन था वो बागी ? जिसने पलट दिया सारा सियासी तख्ता. कोंग्रेस पार्टी ने खोज-बीन शुरू की. बोरदिया ने पार्टी के फैसले को बताया गलत.




कौन था वो बागी? साम-दाम-दंड-भेद! सारे पैतरे... सीटें भी मिली... लेकिन फिर भी... नतीजा- फ़ैल! यही हाल हुआ प्रतापगढ़ में कोंग्रेस पार्टी का. सीटें पर्याप्त थी, फिर भी सभापति भाजपा के बन गए. गुटबाजी ने कोंग्रेस के लिए जीत के सारे रस्ते बंद कर दिए!

प्रतापगढ़ में आपसी फूट कोंग्रेस को ले डूबी! कमलेश डोशी एक बार फिर प्रतापगढ़ में सभापति बने. क्रोस वोटिंग का संदेह होने पर कोंग्रेस से सुरेन्द्र बोरदिया को सचिन पायलट के निर्देश पर निष्काषित कर दिया गया. जबकि उनका दावा है कि उन्होंने क्रोस वोटिंग नहीं की. ऐसे में पार्टी अब अजीबो-गरीब स्थिति में है. अगर बोरदिया ने क्रोस वोटिंग नहीं की, तो आखिर की किसने? आखिर वह बैमान कौन है, जिसने भाजपा को मत दिया, और सारा सियासी तख्ता पलट कर रख दिया. प्रतापगढ़ कोंग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पूर्ण बहुमत के बावजूद कोंग्रेस सभापति नहीं बना पाई. आलाकमान की ओर से प्रतापगढ़ कोंग्रेस कमिटी पर दबाव बढ़ रहा है. पांच साल से कोंग्रेस जमीन तलाशने में लगी थी, लेकिन एक बागी ने सब कुछ पलट कर रख दिया. यह चुनाव प्रतापगढ़ के इतिहास में कोंग्रेस के लिए, सबसे घटिया चुनाव साबित हुआ. पार्टी से निष्काषित हुए सुरेन्द्र बोरदिया पार्टी के निर्णय पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

सुरेन्द्र बोरदिया, पूर्व पालिका अध्यक्ष : आरोप जो मेरे ऊपर लगे हैं, वो गलत हैं. अगर मैं पार्टी विरोधी गतिविधी में होता तो पांचवी बार पार्षद नहीं बनता. पार्टी चाहे वैसे जांच करा ले, क्योंकि सांच को आंच नहीं है.

पार्टी में बागियों को तलाशने की गहमा-गहमी तेज हो चुकी है. पार्टी से निष्काषित हुए बोरदिया उन्हें निष्काषित न कर, असली बागी तलाशने की बात कह रहे हैं. आपको बतादें कि कोंग्रेस पार्टी के पास पूर्ण बहुतमत था. कोंग्रेस के पास 16 तो भाजपा के पास 14 सीटें थी. बावजूद इसके कोंग्रेस अपना सभापति नहीं बना पाई. जानकारी के मुताबिक़ कोंग्रेस के दो पार्षदों ने और भाजपा के एक पार्षद से क्रोस वोटिंग की. जिस वजह से आंकड़ा 15-15 का हो गया. और लोटरी से भाजपा के कमलेश डोशी की जीत हुई. कोंग्रेस पार्टी पर यह भी आरोप लग रहे हैं, कि उन्होंने बिना पार्षदों से चर्चा किए ही सारे फैसले ले लिए. और यह हार उसी का परिणाम है.

सुरेन्द्र बोरदिया, पूर्व पालिका अध्यक्ष : 
मुझे पुछा नहीं गया. कोई राय नहीं ली गई. मालवीय जी से निवेदन किया था, कि पार्षदों से डिस्कस करें. ताकि योग्य व्यक्ति सभापति बने. लेकिन उस बात को उड़ा दिया गया. और मनमाने तरीके से तीन-चार लोगों ने किसी को भी चुन लिया. लेकिन जनता इस बात के लिए कोंग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा रही है. जनता के बोल आप खुद भी जान रहे होंगे.


इस चुनाव में कोंग्रेस पार्टी की अजीबो-गरीब स्थिति थी. कोंग्रेस सुरेन्द्र चंडालिया को सभापति का चेहरा बना कर चुनाव लड़ रही थी. सभापति पद के दूसरे दावेदार इस बात से खफा थे. इन लोगों ने चंडालिया को हरवाने में पूरी ताकत फूंक दी. लिहाज़ा चंडालिया खुद अपने वार्ड से नहीं जीत पाए. इसके अलावा कुछ और प्रमुख दिग्गज जैसे- रवि ओझा, सुनील मेहता, लाता शर्मा भी अपने वार्ड से हार चुके थे. अब बचे थे तो सिर्फ सुरेन्द्र बोरदिया, जो पहले भी चेयरमेन रह चुके हैं. लेकिन सारे पार्षद चंडालिया के थे, इसलिए बोरदिया को समर्थन देने को राज़ी नहीं थे. बोरदिया चेयरमेन ना बने, इसलिए सभी पार्षदों की रातों-रात खरीद-फरोख्त हुई. पार्षदों की लाखों में बोलियां लगी. और कुछ बिक भी गए. पार्टी आलाकमान इस ओर कुछ भी बोलने से कतरा रही है. पार्टी उन दो बागियों को ढूंढ चुकी है, जिन्होंने क्रोस वोटिंग की. खबर यह भी है कि इन पार्षदों की 55 लाख रूपए में खरीद-फरोख्त हुई थी. पार्टी ने पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय को जिले का चुनाव प्रभारी बना कर भेजा. अब उन पर भी पार्टी की ओर से दबाव बनता जा रहा है. फिलहाल पार्टी कुछ भी बोलने से बच रही है. प्रतापगढ़ में अपनी साख गवां चुकी कोंग्रेस पार्टी के पास कार्यकर्ताओं समेत जनता को देने के लिए कोई जवाब नहीं है. क्योंकि बहुमत कोंग्रेस का था, और सभापति भाजपा के बन गए!!!

प्यार में परिवार पर हमला. तलवार और लाठियों से किया हमला. तीन महिलाओं समेत सात घायल. सभी को लाया गया चिकित्सालय.




हले प्यार किया, प्रेमिका को दो बार घर भगा कर ले आया, और आखिरकार प्रेमिका के पति समेत कई लोगों ने प्रेमी के परिवार पर हथियारों से हमला बोल दिया. और तीन महिलाओं समेत सात लोगों को गम्भीर रूप से घायल कर दिया. देखिए प्रतापगढ़ से यह रिपोर्ट.

हम आपको प्यार में हमले की ऐसी दास्ताँ सुनाने जा रहे हैं, जिसे सुन कर आप सन्न रह जाएंगे. देवगढ़ थाना क्षेत्र के बोरदी के केशुराम मीणा को पास गाँव की धापूडी मीणा से प्यार हो गया. दोनों का प्यार सारी हदें पार कर चूका था. केशुराम अपनी प्रेमिका धापूडी को दो बार भगा कर लाया. दोनों बार प्रेमी की प्रेमिका के परिवार से कहासुनी हुई. लेकिन इस कहासुनी को घटना में बदलते देर नहीं लगी. युवक दूसरी बार महिला को घर भगा कर लाया. महिला के पति को जब इस बात की भनक लगी, तो वह गुंडों समेत प्रेमी के घर आ पहुंचा. और पूरे परिवार को निशाना बनाया. आरोपी तलवार और लाठियों से लेस थे. आरोपियों ने प्रेमी के परिवार पर जमकर कहर ढाया. इस घटना में प्रेमिका के पति ने... प्रेमी के भाई के सर पर तलवार से जोरदार हमला किया, साथ ही प्रेमी को भी जमकर धोया, और अपनी पत्नी को फिर घर ले गया. प्रेमी का परिवार पूरी घटना में गम्भीर रूप से घायल हो गया. तीन महिलाओं समेत सात लोगों को गम्भीर चोट आई, जिसमें प्रेमी की असली पत्नी, बड़ी भाभी और माँ शामिल है. पूरी घटना में प्रेमिका का पति प्रेमी के घर से 10 हजार रूपए और मोबाइल भी लूट कर ले गया. घटना के बाद सभी को जिला चिकित्सालय लाया गया. घायल के परिजन का कहना है कि प्रेमिका के परिवार की ओर से दूसरी बार इस तरह से हमला किया गया है.

सुका मीणा, पीड़ित प्रेमी का भाई : हमलवार तलवार और लाठियों से लेस थे. उन्होंने पूरे परिवार पर हमला किया. प्रेम प्रसंग का मामला था.
जानकारी के मुताबिक पीड़ित प्रेमी ने प्रेम-प्रसंग की बात कुबूल की है. लेकिन वह इतना घायल है, कि कुछ बोलने की हालत में नहीं है. इधर प्रेमी महिला को उसका पति घर ले गया है. लेकिन वह फिर अपने प्रेमी के पास लौटना चाहती है. इस पूरे मामले में प्रेमी और प्रेमिका शादीशुदा हैं. लेकिन अपने साथियों को छोड़, ये एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं. इधर घर-परिवार इस बात को राज़ी नहीं है.

Saturday, August 22, 2015

उपसभापति की सीट पर कोंग्रेस का कब्ज़ा. पूर्ण बहुमत से जीती विद्या राठोर. कोंग्रेसियों ने ली चैन की सांस.

प्रतापगढ़ में सभापति चुनाव हारने के बाद उपसभापति की सीट पर कोंग्रेस ने पूर्ण बहुमत से कब्ज़ा जमाया है, ऐसे में कोंग्रेस चैन की सांस ले रही है.

आपको बतादें कि पूर्ण बहुमत के बावजूद कल कोंग्रेस अपना सभापति नहीं बना पाई थी. क्रोस वोटिंग के चलते यह स्थिति पैदा हुई, और भाजपा के कमलेश डोशी सभापति बने. तभी से कोंग्रेस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. आज जब उपसभापति का चुनाव शुरू हुआ, तो फिर कोंग्रेसियों में इस बात को लेकर डर था- कि कहीं फिर क्रोस वोटिंग ना हो जाए. पार्टी आलाकमान के भी सख्त निर्देश थे, कि सभापति चुनाव हारने के बाद अब उपसभापति चुनाव में कोई कोताही न बरती जाए. आज कोंग्रेस के सभी पार्षदों ने एक मत होकर "विद्या राठोर" को उपसभापति बनाया. चुनाव के बाद अब पूरे शहर में कोंग्रेस कार्यकर्त्ता जश्न मना रहे हैं. सभापति की गद्दी खोने का दुःख तो है, लेकिन पार्टी जश्न में गम भुलाने की कोशिश में है. सभापति पद के दावेदार सुरेन्द्र चंडालिया भी जश्न में जोर-शोर से भाग ले रहे हैं. गौरतलब है कुल 30 सीटों पर चुनाव हुए थे. जिसमें कोंग्रेस को 16 तो भाजपा को 14 सीटें मिली थीं. आज सुबह भाजपा से आशीष चतुर्वेदी और कोंग्रेस से विद्या राठोर ने नामांकन दाखिल किया था.

Friday, August 21, 2015

साम-दाम-दंड-भेद! सारे पैतरे, सीटें भी मिली, लेकिन फिर भी नतीजा- फ़ैल! कोंग्रेस हारी, भाजपा के कमलेश डोशी बने सभापति.

साम-दाम-दंड-भेद! सारे पैतरे... सीटें भी मिली... लेकिन फिर भी... नतीजा- फ़ैल! यही हाल हुआ कोंग्रेस पार्टी का. सीटें पर्याप्त थी, फिर भी सभापति भाजपा के बन गए. आपसी फूट कोंग्रेस को ले डूबी! कमलेश डोशी एक बार फिर प्रतापगढ़ में सभापति बने, जिससे पूरे शहर में अब जश्न का माहौल है.


दस दिनों पहले का माहौल कुछ यूँ था- कि हर कोई कह रहा था, इस बार कोंग्रेस आनी है. और उम्मीद होती भी क्यों न, कोंग्रेस पार्टी जनता से जुड़े कई अहम् मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रही थी. और एक नौजवान चेहरे "सुरेन्द्र चंडालिया" को सभापति पद का चेहरा बनाया गया, जो वार्ड नंबर 24 से चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव में दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सारी ताकत फूंक दी... चुनाव जीतने में किसी ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. लेकिन जब नतीजे आए, तो सबके होश उड़ गए. कोंग्रेस से सभापति पद के दावेदार चंडालिया खुद ही अपने वार्ड से 26 मतों से हार गए. हालांकि कोंग्रेस को 16 सीटें और भाजपा को 14 सीटें मिली. कोंग्रेस के पास अब पर्याप्त सीटें थी, जिससे वे अपना सभापति आराम से बना सकते थे. लेकिन अब विडम्बना की स्थिति पैदा होने लगी. पार्टी ऐसे चेहरे को ढूंढ रही थी, जो सभापति बनने के लायक हो. क्योंकि चंडालिया के अलावा पार्टी के कई दिग्गज जैसे - रवि ओझा, सुनील मेहता, लता शर्मा अपने वार्ड से हार चुके थे. कुछ ही पलों में पार्टी के वरिष्ट नेता और पूर्व पालिकाध्यक्ष "सुरेन्द्र बोर्दिया" का नाम सभापति के लिए जोरों-शोरों से लिया जाने लगा, जो कि वार्ड नंबर 29 से 135 मतों से जीते थे. बोरदिया का नाम सामने आया, तो पार्टी में विरोध के सुर सुनाई देने लगे. और रातों-रात हुए फैसले के बाद सवेरे माहौल पूरी तरह बदल गया. कोंग्रेस के जीते हुए सभी पार्षद चंडालिया की शह पर चुनाव लड़ रहे थे, और बोरदिया को समर्थन देने को राज़ी नहीं थे. मजबूरी में पार्टी को नया फैसला लेना पड़ा- पार्टी ने "नेहा शर्मा" को सभापति के लिए आगे किया, जो कि राजनीती में नया चेहरा हैं. अब पार्टी के पास सीटें भी थी, और सभापति के लिए सही उम्मीदवार भी. लेकिन एक फ़िक्र भी, कि कहीं आपसी विवाद के चलते क्रोस-वोटिंग न हो जाए. सभापति का चुनाव शुरू हुआ और क्रोस-वोटिंग हुई. लिहाज़ा अब भाजपा और कोंग्रेस के पास बराबर 15-15 मत थे. इस स्थिति के पैदा होने से भाजपा से सभापति पद के दावेदार कमलेश डोशी का भाग्य चमक उठा. इस दरमियान नगर परिषद कार्यालय के बाहर जम कर दोनों पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे थे. पूरा माहौल जश्न में डूबा था. एक तरफ कोंग्रेस वाले, तो एक तरफ भाजपा वाले झूम रहे थे. दोनों पार्टी को उम्मीद थी, कि सभापति उन्ही का बनेगा. लेकिन अचानक नतीजा आया... नतीजा यह कि लोटरी में भाजपा के कमलेश डोशी जीत हांसिल कर चुके थे, और इस तरह फिर उन्हें सभापति की गद्दी हांसिल हो गई... भावुक मन से सभापति नगर परिषद के बाहर आए. और सभी को धन्यवाद दिया. इसके बाद तो मानों पूरा माहौल ही बदल गया. कोंग्रेस कार्यकर्त्ता लौटने लगे, तो वहीँ भाजपा कार्यकर्त्ता झूमते नहीं थके. नगरपरिषद के बाहर और शहरभर में कमलेश डोशी के नाम पर जश्न मनाया जाने लगा, और इस तरह एक नया इतिहास प्रतापगढ़ के पन्नों में दर्ज हो गया. इस चुनाव ने एक बात साफ़ कर दी- जनता का मत लेना आसान नहीं है, अब जनता शराब-पैसे से नहीं बिकती...! अब लोग अपना फैसला सोच-समझ कर लेना सीख गए हैं. इस चुनाव ने एक तरफ भाजपा के लिए फिर नए आयाम खोल दिए हैं, तो वहीँ कोंग्रेस को सीख दी है. पर्याप्त सीटें होने के बावजूद कोंग्रेस अपना सभापति नहीं बना पाई. और इस बात से अब कोंग्रेस का हर कार्यकर्त्ता ठगा हुआ महसूस कर रहा है. कोंग्रेसी अब इस खोज-बीन में लगे हुए हैं, कि आखिर वह कौन दगाबाज पार्षद था, जिसने भाजपा के समर्थन में मत दिया.

नेहा शर्मा बन सकती हैं चेयरमेन. महेंद्र जीत सिंह मालवीय का आया बयान. कहा - किसी भी हालत में बनेगा कोंग्रेस का बोर्ड!

MAHENDRA JEET SINGH MALVIYA, POORV MANTRI




प्रतापगढ़ में चुनावी माहौल पूरी तरह बदल चूका है. कोंग्रेस के पास सभापति बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं. लेकिन बागियों के चलते सारे समीकरण उल्टे पड़ गए हैं. 

आपको बता दें कि कोंग्रेस पार्टी सुरेन्द्र चंडालिया को सभापति उम्मीदवार बना कर चुनाव लड़ रही थी, लेकिन वे खुद अपने 24 नंबर वार्ड से चुनाव हार गए. इसके अलावा दुसरे दिग्गज जैसे- रवि ओझा, सुनील मेहता, लता शर्मा भी चुनाव हार गए. लिहाज़ा पार्टी के पास एक ही उम्मीदवार बचा था- और वो थे वार्ड 29 से जीते सुरेन्द्र बोरदिया. कल बोरदिया का नाम सभापति के लिए जोर-शोर से लिया जा रहा था. लेकिन जल्द ही पार्टी में विरोध के स्वर गूंजने लगे. जो पार्षद जीते हैं, वो सुरेन्द्र चंडालिया की शह पर चुनाव लड़ रहे थे, जिस वजह से उन्होंने बोरदिया को समर्थन देने से साफ़ इनकार कर दिया. ऐसे में बोरदिया का पत्ता पूरी तरह कट गया और पार्टी एक नए चेहरे को सभापति के लिए सामने लाई- जिनका नाम है नेहा शर्मा. अभी कोंग्रेस से नेहा शर्मा ने... तो वहीँ भाजपा से कमलेश डोशी ने नामांकन दाखिल किया है. अगर आवेदन वापिस नहीं लिया गया, तो सभी 16 सदस्यों की सहमती से नेहा को सभापति बना दिया जाएगा. लेकिन इसमें भी विडम्बना की स्थिति है. क्योंकि 16 में से एक सदस्य खुद बोरदिया भी हैं. और वो कतई पसंद नहीं करेंगे कि सभापति के लिए नेहा को समर्थन दें. ऐसे में सीटें कम आई, तो भाजपा भी मौके का फायदा उठा सकती है. कोंग्रेस का यह विवाद भाजपा के लिए फायदे का सौदा बन सकता है. भाजपा का बोर्ड बना तो कमलेश डोशी सभापति बनेंगे. कुल मिलाकर एक बड़ी अजीबोगरीब स्थिति प्रतापगढ़ नगर परिषद में बन कर रह गई है. गौरतलब है कोंग्रेस के पास 16 और भाजपा के पास 14 सीटें हैं. कोंग्रेस के वरिष्ट नेता और पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय का कहना है कि सभी सदस्य उनकी जेब में हैं, और वह बोर्ड बनाने जा रहे हैं.


महेंद्र जीत सिंह मालवीय, पूर्व मंत्री (कोंग्रेस के वरिष्ट नेता) : हमारे पास पर्याप्त सदस्य हैं, हम बोर्ड बनाने जा रहे हैं.

Thursday, August 20, 2015

प्रतापगढ़ बना स्युसाइड-गढ़. बढ़ी स्युसाइड की घटनाएं. नशे में युवक ने खुद को लगाईं आग. गंभीर हालत में उदयपुर रेफर


प्रतापगढ़ एक तरह का स्युसाइड-गढ़ बनता जा रहा है, जहाँ आए दिन स्युसाइड की घटनाएँ हो रही है. एक बार फिर एक युवक ने नशे में खुद को ही आग के हवाले कर दिया. घटना में युवक गंभीर रूप से झुलस गया जिसे तत्काल 108 एम्बुलेंस द्वारा जिला चिकित्सालय पहुँचाया गया. दरअसल घरेलू कलह के चलते युवक अक्सर नशे में रहता था. युवक ने कई बार आत्महत्या की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा. इस बार मौका देख युवक ने नशे में खुद पर केरोसिन डाल कर आग लगा ली. आग में युवक पूरी तरह झुलस गया. परिजनों की नजर पड़ी तो जैसे-तैसे आग पर काबू पाया गया. तत्काल एम्बुलेंस बुलाई गई और घायल को अस्पताल पहुँचाया गया. फिलहाल परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजन घरेलु कलह के कारण घटना होने की बात कह रहे हैं. वहीँ घायल युवक की स्थिति गंभीर बनी हुई है. जिसे उदयपुर रेफर कर दिया गया है. शराब पीकर आत्महत्या के प्रयासों का यह पहला मामला नहीं है.

सारे समीकरण पड़े उल्टे! किसका बनेगा बोर्ड? सीटें होने के बावजूद संतोष नहीं. कौन बनेगा चेयरमेन? एक और क़त्ल की रात!


प्रतापगढ़ नगर नगर परिषद कोंग्रेस का बोर्ड बनना तय हो चूका है. कोंग्रेस को 16 सीटों पर तो वहीँ बीजेपी को 14 सीटों पर जीत मिली है.

इस बार के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं. कोंग्रेस का बोर्ड तो बनने जा रहा है. लेकिन समीकरण सारे उलटे पड़ गए हैं. कोंग्रेस सुरेन्द्र चंडालिया को सभापति का चहरा बना कर चुनाव लड़ रही थी. लेकिन वे खुद अपने वार्ड से हार गए. सभापति पद के उम्मीदवार सुरेन्द्र चंडालिया वार्ड नंबर 24 से हार गए हैं. इसके अलावा कोंग्रेस में दुसरे सभापति पद के उम्मीदवार जैसे- सुनील मेहता, रवि ओझा भी हार गए हैं. कोंग्रेस के पास पर्याप्त सीटें हैं. लेकिन दिग्गजों के हारने के बाद अब एक ही सभापति उम्मीदवार बचा है. और वो है -सुरेन्द्र बोरदिया. वार्ड न. 29 से जीते सुरेन्द्र बोर्दिया का चेयरमेन बनना लगभग तय हो चूका है. सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी हाई-कमान का सख्त आदेश आ चूका है- कि सीटें पर्याप्त हैं... कैसे भी बोर्ड कोंग्रेस का ही बनना चाहिए...! गौरतलब है कि सुरेन्द्र बोरदिया पूर्व में भी चेयरमेन रह चुके हैं. बताया जा रहा था कि कोंग्रेस के सभी पार्षद सभापति पद के उम्मीदवार सुरेन्द्र चंडालिया की शह पर चुनाव लड़ रहे थे. वहीँ बोरदिया के पास उनके नाम का एक भी पार्षद नहीं था. लेकिन किस्मत ने सब कुछ बदल कर रख दिया. मेहनत चंडालिया ने की, और मज़े बोरदिया ले गए. सुरेन्द्र बोरदिया अब सभापति बन सकते हैं. इधर भाजपा में सभापति पद के दोनों उम्मीदवार कमलेश डोशी और पारसमल जैन जीते हैं. लेकिन सीटें नहीं मिलने से, निराशा हाथ लगी है. प्रतापगढ़ नगर परिषद में कोंग्रेस को 16 सीटों पर और बीजेपी को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है.


वहीँ छोटी सादडी नगर पालिका में 13 सीटें भाजपा के और 7 सीटें कोंग्रेस के पाले में है, लिहाज़ा छोटी सादडी में भाजपा का बोर्ड बनेगा. इसके लिए प्रदीप उपाध्याय और राम चन्द्र माली का नाम सामने आ रहा है. फिर भी असली स्थिति सुबह तक ही साफ़ हो पाएगी.


नतीजा घोषित होने के बाद से ही जीते उम्मीदवारों को बधाई मिलनी शुरू हो चुकी है. विशेष तौर पर संभावित सभापति सुरेन्द्र बोरदिया के कार्यालय पर लोगों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है.

प्रतापगढ़ नगरपरिषद में कोंग्रेस की जीत! चौकाने वाले आंकड़े आए सामने. सुरेन्द्र बोरदिया बन सकते हैं चेयरमेन!





प्रतापगढ़ नगर नगर परिषद कोंग्रेस का बोर्ड बनना तय हो चूका है. कोंग्रेस को 16 सीटों पर तो वहीँ बीजेपी को 14 सीटों पर जीत मिली है. इस बार के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं. कोंग्रेस का बोर्ड तो बनने जा रहा है. लेकिन सभापति पद के उम्मीदवार सुरेन्द्र चंडालिया वार्ड नंबर 24 से हार गए हैं. साथ ही कई दिग्गज हारे हैं. ऐसे में वार्ड न. 29 से जीते सुरेन्द्र बोर्दिया का चेयरमेन बनना लगभग तय हो चूका है. कोंग्रेस को 16 सीटों पर और बीजेपी को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वहीँ छोटी सादडी नगर पालिका में 13 सीटें भाजपा के और सात सीटें कोंग्रेस के पाले में है, लिहाज़ा छोटी सादडी में भाजपा का बोर्ड बनेगा. अभी तक चेयरमेन का चेहरा यहाँ साफ़ नहीं हुआ है. नतीजा घोषित होने के बाद से ही जीते प्रत्याशियों को बधाई मिलनी शुरू हो चुकी है. विशेष तौर पर संभावित सभापति सुरेन्द्र बोरदिया के कार्यालय पर लोगों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है.

जीत के आंकड़े-

WARD 01 - CONGRESS - 168 VOTE DIFFERENCE -
आनंद गुर्जर कोंग्रेस से जीते 368 VOTE, उदयलाल गायरी भाजपा से हारे 187 VOTE


WARD 02 - CONGRESS - 288 VOTES DIFFERENCE
कोंग्रेस से गुणवंत मीणा जीते 766 VOTE, भाजपा से देवीलाल मीणा हारे 478 VOTE


WARD 03 - BJP - 79 VOTE DIFFERENCE
माला चनाल भाजपा से जीते 229 VOTE, द्वारका प्रसाद कोंग्रेस से हारे 308 VOTE


WARD 04 - CONGRESS - 187 VOTE DIFFERENCE
नारायण गुर्जर कोंग्रेस से जीते 461 VOTE , ओम प्रकाश राठोर भाजपा से हारे 305 VOTE


WARD 05 - CONGRESS - 297 VOTE DIFFERENCE
विक्रम मालवीय कोंग्रेस से जीते 602 , शीतल कुमार साल्वी भाजपा से हारे 305


WARD 06 - CONGRESS - 129 VOTES DIFFERENCE
सुशिल गुर्जर कोंग्रेस से जीते 475 , मानक कुमावत भाजपा से हारे 346


WARD 07 - BJP - 64 VOTES DIFFERENCE
भाजपा के उत्सव जैन जीते 387, कोंग्रेस के प्रेम सिंह सिसोदिया हारे 172, OTHERS - 232


WARD 08 - BJP - 259 VOTES DIFFERENCE
भाजपा के सूरज धाबाई जीते 502, कोंग्रेस के चेतन सिंह परिहार हारे 276


WARD 09 - CONGRESS - 19 VOTES DIFFERENCE
कोंग्रेस से प्रशंसा जैन जीती 246, भाजपा की सारिका डोशी हारी 227


WARD 10 - BJP - 112 VOTES DIFFERENCE
भाजपा की नीता सहाय जीती 446, कोंग्रेस की लता शर्मा हारी 334


WARD 11 - BJP 188 VOTES DIFFERENCE
भाजपा की गायत्री सुथार जीती 357, कोंग्रेस की सरिता सोनी हारी 169, OTHERS 39


WARD 12 - BJP - 212 VOTES DIFFERENCE
भाजपा के कमलेश डोशी जीते 351 , कोंग्रेस के राजेश शर्मा हारे 139


WARD 13 - BJP - 233 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के थमिश मोदी जीते 468 VOTE , कोंग्रेस के मंसूर खान हारे 235 VOTE , OTHERS 36 VOTE


WARD 14 - CONGRESS - 37 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की मुनीरा बोहरा जीती 269 VOTE, भाजपा की सकीना बोहरा हारी 232 VOTE


WARD 15 - BJP - 30 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के श्याम सुन्दर पालीवाल जीते 380 VOTE, कोंग्रेस के रवि प्रकाश ओझा हारे 350 VOTE


WARD 16 - CONGRESS - 46 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की नेहा शर्मा जीती 286 VOTE, भाजपा के मुकेश नागर हारे 240 VOTE, OTHERS 121 VOTE


WARD 17 - BJP - 184 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के आशीष शर्मा जीते 381 VOTE, कोंग्रेस की चन्द्र प्रकाश माहेश्वरी हारे 197 VOTE


WARD 18 - CONGRESS - 363 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की पूजा धोबी जीती 588 VOTE, भाजपा की शन्नो धोबी हारी 225 VOTE


WARD 19 - CONGRESS - 36 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस के मकसूद खान जीते 487 VOTE, भाजपा के जाहिद खान हारे 451 VOTE


WARD 20 - CONGRESS - 196 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की विद्या राठोर जीती 558 VOTE, भाजपा की सुषमा पालीवाल हारी 362 VOTE


WARD 21 - BJP - 121 VOTE DIFFERENCE
भाजपा की चेतना छोरिया जीती 381, कोंग्रेस से रेखा हारी 261


WARD 22 - BJP - 56 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के रितेश सोमानी जीते 371 VOTE, कोंग्रेस के महेश कुमावत हारे 315 VOTE, OTHERS 62 VOTE


WARD 23 - CONGRESS - 333 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की दशरथ कुंवर जीती 755 VOTE, भाजपा की तारा बाई हारी 422 VOTE, OTHERS 36 VOTE


WARD 24 - BJP - 26 - 36 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के संजय मनसुख जीते 600 VOTE, कोंग्रेस के सुरेन्द्र चंडालिया हारे 574 VOTE, OTHERS 8 VOTE


WARD 25 - CONGRESS - 268 -
कोंग्रेस के आशीष अहीर जीते 873 VOTE, भाजपा के संदीप अहीर हारे 605 VOTE


WARD 26 - BJP - 87 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के बंशीलाल जटिया जीते 520 VOTE, कोंग्रेस की निर्मला मालवीय हारी 433 VOTE, OTHERS - 9 VOTE


WARD 27 - BJP - 206 VOTE DIFFERENCE
भाजपा के पारसमल जैन जीते 384 VOTE, कोंग्रेस के सुनील मेहता हारे 178 VOTE, OTHERS - 34 VOTE


WARD 28 - CONGRESS - 92 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की माया कुमावत जीती 411 VOTE, भाजपा की इंद्रा सिन्धी हारी 319 VOTE


WARD 29 - CONGRESS - 135 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस के सुरेन्द्र बोरदिया जीते 439 VOTE, भाजपा के मनोज धींग हारे 304 VOTE


WARD 30 - CONGRESS - 106 VOTE DIFFERENCE
कोंग्रेस की पूर्णिमा मीना जीती 516 VOTE, भाजपा की संगीता मीणा हारी 410 VOTE




कुल वोट - 24644 , कोंग्रेस - 11949 , भाजपा - 11224 , अन्य - 1471


CONGRESS - 16 SEATS
BJP - 14 SEATS

Wednesday, August 19, 2015

गाय पर धारधार हथियार से हमला. चिकित्सकों ने किया इलाज. तलाई मोहल्ले में फैली सनसनी. पुलिस अधिकारी पहुंचे मौके पर.





प्रतापगढ़ में माहौल तब बिगड़ गया जब किसी युवक ने गाय पर तलवार ने हमला कर दिया. मामला बिगड़ता देख पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंचे.

घटना शहर के तलाई मोहल्ले की है. किसी असामाजिक तत्व ने गाय पर तलवार से जोरदार हमला किया. हमले में गाय का आधा पेट कट गया. जिससे गाय मौके पर ही अचेत हो गई. लोगों को आता देख आरोपी भाग निकला. घटना स्थल पर लोगों का भारी जमावड़ा लग गया और आरोपी को पकड़ने की मांग करने लगे. चिकित्सकों की टीम यहाँ पहुंची और गाय का उपचार किया गया. गाय के गंभीर गाँव पर मरहम लगाया गया और उसे पेक किया गया. उपचार के बाद लडखडा कर गाय खड़ी हुई. गाय के खड़े होने के बाद लोगों ने राहत की साँस ली. पुलिस अधिकारीयों के पहुंचने तक मामला संवेदन शील बना रहा. पुलिस अधिकारियों ने जैसे-तैसे समझाइश कर मामला शांत किया. एक ही पखवाड़े में गाय पर हमले की यह दूसरी घटना सामने आई है. कुछ समय पूर्व पोस्ट ऑफिस के पीछे गाय का मांस और हड्डियाँ सरे-आम फेंक देने का मामला सामने आया था. फिलहाल लोग सख्त कारवाई की मांग कर रहे हैं. और कैसे भी आरोपी की गिरफ़्तारी चाहते हैं. आरोपी की पहचान नहीं हो पाई है. वकील रमेश शर्मा का कहना है कि शहर में कोई युवक सक्रीय है, जो शहर में शान्ति भंग करने के लिए लम्बे अरसे से गायों को नुकसान पहुंचा रहा है. 


RAMESH SHARMA, ADVOCATE


बाईट - 
रमेश शर्मा, वकील : किसी युवक ने गाय पर हमला कर दिया. चिकित्सकों ने इलाज किया. कुछ समय पूर्व भी पोस्ट ऑफिस के पीछे गौमास को फैका था. और इसकी भी सुचना दी गई थी. अनुसंधान जारी है. एक व्यक्ति है जो प्रतापगढ़ शहर में अशांति का वातावरण बनाने के लिए ऐसा कर रहा है.

विद्युत निगम कर्मचारी उतरे धरने पर. ग्रेड-पे बढाने की उठी मांग. उग्र आन्दोलन की दी चेतावनी. कैसे चलेगी व्यवस्था?


प्रतापगढ़ विद्युत निगम के कर्मचारी अब धरने पर उतर आए हैं. विद्युत निगम के इन कर्मचारियों की मांग है कि AEN की सीधी भर्ती बंद की जाए. क्योंकि इस तरह अनुभवहीन लोग AEN की नौकरी करते हैं, और ठीक तरह से काम नहीं कर पाते. साथ ही JEN की पेय-ग्रेड बढाई जाए. इनका कहना है कि एक AEN-JEN को 24 घंटे काम करना होता है. बावजूद इसके उसको थर्ड ग्रेड टीचर के बराबर ग्रेड-पेय दी जाती है. इस तरह उनका जीवन यापन करना भी मुश्किल हो रहा है. कर्मचारियों का साफ़ कहना है की सरकार उनके साथ छलावा कर रही है. और सारी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है. निगम कर्मचारियों ने चेताया है कि इनकी मांग पूरी करने में बिलकुल कोताही न बरते, और इनकी ग्रेड पेय बढाई जाए. नहीं तो मुख्यालय जाकर आन्दोलन को और उग्र किया जाएगा.

आठ बजे शुरू होगी मतगणना. प्रत्याशियों की धड़कने बढ़ी. प्रशासन ने बढाई चौकसी!






प्रतापगढ़ में नगर परिषद चुनाव को लेकर मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली है. जिसे लेकर सारे इंतज़ाम कर दिए गए हैं. प्रतापगढ़ नगर परिषद के तीस वार्ड के लिए तो वहीँ छोटी सादडी नगर पालिका के बीस वार्ड के लिए चुनाव हुए हैं. प्रतापगढ़ नगर परिषद्जि के लिए जिला परिषद् कार्यालय में और छोटी सादडी नगरपालिका के लिए पंचायत समिति में मतगणना शुरू होनी है. सुरक्षा के इंतज़ाम यहाँ पर किए गए हैं. पुलिस कर्मियों को यहाँ तैनात किया गया है. EVM मशीनों को एक स्ट्रोंग रूम में लाकर बंद कर दिया गया है. जिसके बाहर भी सुरक्षा कर्मी तैनात है. आठ सुरक्षा कर्मियों को जिला परिषद् की रखवाली के लिए लगा दिया गया है. जो अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे हैं. अधिकारी भी लगातार जायजा ले रहे हैं. पुलिस अधिकारी सारी सुरक्षा व्यवस्थाओं के होने की बात कह रहे हैं.
kalu ram rawat, ips (sp) pratapgarh

कालू राम रावत, SP : प्रतापगढ़ और छोटी सादडी की मतगणना होगी. नगरपरिषद प्रतापगढ़ की मतगणना जिला परिषद् में होगी और छोटी सादडी की पंचायत समिति परिसर में होगी. दोनों जगह क़ानून व्यवस्था है. पुलिस बल नियोजित किया है. मतगणना के दौरान मतगणना केंद्र पर सुरक्षा बल रहेगा. यातायात संचालन में भी सुरक्षा रहेगी.

Friday, August 7, 2015

सजगता और निष्पक्षता से संपन्न होंगे चुनाव. कलेक्टर ने जारी किए सख्त आदेश.




जिला कलक्टर सत्य प्रकाश बसवाला ने पीठासीन अधिकारी और प्रथम मतदान अधिकारियों को नगरपालिका आम चुनाव की प्रक्रिया राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप पालना करते हुए स्वतंत्रता, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ सम्पन्न कराने को कहा.

जिला कलक्टर ने जिला परिषद सभागार में नगरपालिका आम चुनाव के लिए नियुक्त मतदान पीठासीन अधिकारी एवं प्रथम अधिकारियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधितकिया। उन्होंने कहा कि इतने निष्पक्ष एवं महत्वपूर्ण कार्य के लिए आपका चयन किया गया है। आप पूरी सजगता वनिष्पक्षता के साथ चुनाव कार्य को अंजाम दें। कलक्टर ने कहा कि वह बेलट यूनिट वकंट्रोल यूनिट को अच्छी तरह से देखकर कार्यप्रणाली समझ लें और किसी भी प्रकार की शंका हो तो समाधान कर लें। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामावतार मीणा ने मतदान कर्मियों की योग्यता व कर्मठता को संदेह से परे बताते हुए कहा कि उन्हें चुनाव प्रक्रिया के दौरान केवल निष्पक्ष रहना ही नहीं... बल्कि ऐसा दिखना भी जरूरी है। जनता को इस बात का विश्वास होना चाहिए कि मतदानकर्मी पूरी तरह भेदभावरहित कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मतदानकर्मियों को टीम भावना रखते हुएपुलिसकर्मियों के साथ बेहतर सामंजस्य व स्नेहपूर्ण भाव से कार्य करने को कहा।

Thursday, August 6, 2015

अतिवृष्टि से बरबाद फसलें. कई गाँवों के किसान पहुँच रहे सचिवालय. कलेक्टर ने कहा "कर लिया है मुआयना, नहीं हुआ खराबा". बयान से गुस्साए किसान.










प्रतापगढ़ अतिवृष्टि ने एक बार फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर कर रख दिया है. बारिश ने जिले भर की फसलें बरबाद कर दी है. ऐसे में किसान एक बार फिर मुआवजे की मांग पर उतर आए हैं. पहले मुआवजा ना मिलने से परेशानी और अब फिर मौसम की मार. पेश है एक रिपोर्ट!

पहला मामला - प्रतापगढ़ में किसानो को मिलने वाले मुआवजे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पटवारियों ने रसूखवालों से मिली भगत कर ऐसी रिपोर्ट बनाई, कि सारा मुआवजा रसूखवालों के हाथ लग गया. और गरीब किसानों को फूटी कोड़ी तक नहीं मिली. जिला कलेक्ट्रेट में मधुरातलब, सरी पीपली, लुहारिया, बसाड, बरावर्दा सहित दर्जनों गाँव के वाशिंदे धरने पर उतर आए हैं. जिला कलेक्ट्रेट में मानों एक के बाद एक गाँव से आ रहे किसानों का मैला लगा हुआ हो. आज ही के दिन यहाँ दो हजार से ज्यादा किसान मुआवजे को लेकर आ चुके हैं, जो ताजुब की बात है. सचिवालय में आकर किसानों ने आकर जम कर हंगामा किया. किसान अपनी बरबाद हुई फसलों के नमूने लेकर पहुंचे. किसानों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. पटवारियों द्वारा बनाई गई झूठी रिपोर्ट पर किसानों का गुस्सा फूट पद. नगर निकाय चुनाव के लिए नामांकन लिए जा रहे थे. ऐसे में कोई अधिकारी बात करने नहीं पहुंचा. लिहाज़ा किसानों को निराश लौटना पडा. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बरबाद हुई थी. उसके बाद सरकार मदद गार बन कर सामने आई. लेकिन झूठी रिपोर्ट की वजह से सारी योजना पर पानी फिर गया. और मुआवजे के नाम पर बाटे गए करोड़ों रूपए चंद लोगों के हाथ लगे, और हकदार निराश ही रह गए.

दूसरा मामला- पहले ही किसान मुआवजा ना मिलने की वजह से परेशान थे. ऊपर से गत दिनों हुई अतिवृष्टि ने फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि बुवाई के बाद हुई लगातार बारिश ने फिर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. ज्यादा बारिश होने से फसलें गल कर खत्म हो गई है. जिससे एक बार फिर उन्हें भारी हानि उठानी पड़ी है. लगातार हुई बारिश ने गेंहू, सोयाबीन की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाया है. इसके बाद मक्का और बाजरा भी खराबे में शामिल हैं. किसानों के पास अब कोई चारा नहीं बचा है. किसान पूरी तरह टूट चुके हैं. एक नया संकट यह भी, कि बेंक से लोन की किश्त चल रही है. उसे कैसे पूरा करें, यह भी किसानों को समझ नहीं आ रहा है.

इधर जिला कलेक्टर से हमने बात की, तो उन्होंने भी हैरान कर देने वाला जवाब दे डाला. उनका कहना था कि उन्होंने गाँव-गाँव जाकर जायजा लिया है. और कहीं भी फसल खराबे का मामला सामने नहीं आया है.


Satya Prakash Baswala, Distt. Collector
कलेक्टर की इस बात पर किसानों ने फिर पलटवार किया. और कहा की कलेक्टर एक बार भी उनके गाँव नहीं आए हैं. और ना ही कोई जायजा लिया गया है.

कहाँ कितना खराबा हुआ, यह बात अब गिरदावरी के बाद ही सामने आ सकती है, जिसका प्रयास प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा. पूरे मामले से एक बात तो साफ़ है. किसानो की कमर मौसम की मार से टूटती जा रही है, तो वहीँ प्रशासन मददगार बन कर सामने नहीं आ रहा है. ऐसे में किसान अब बेबस महसूस कर रहे हैं. प्रशासनिक अधिकारीयों से किसानों की आस पूरी तरह टूट चुकी है. और अब मुख्यमंत्री को किसान अपने सन्देश पहुँचाना चाहते हैं. किसानों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनके दुःख-दर्द को समझेंगी और मुआवजे का ऐलान करेंगी. किसानों की आस तो बड़ी लंबी है. क्योंकि हाल ही में सरकार ने मुआवजे के नाम पर अपनी जेब ढीली की है. देखना होगा किसानों की मांग अब कब तक पूरी हो पाती है.