प्रतापगढ़ को एक खूबसूरत पर्यटक स्थल बनाने की कवायद वन विभाग ने शुरू कर दी है. प्रतापगढ़ में भरपूर वन संपदा है, खूबसूरत वन्यजीव हैं, सबसे ज्यादा प्रजातियों के पक्षी भी यहीं पाए जाते हैं. सीतामाता अभयारण्य में वो खासियत है जिसके बूते पर्यटकों को बड़ी संख्या में यहाँ आकर्षित किया जा सकता है.
इसके बाद जाखम बाँध को भी इको टूरिस्म के तौर पर विकसित किया जा रहा है. जाखम बाँध एक खूबसूरत जगह है. कहने को यह बाँध है, लेकिन किसी बड़े टूरिस्ट पॉइंट से कम नहीं है. हालांकि यहाँ टूरिस्ट अच्छी संख्या में आते हैं, फिर भी विभाग बाहरी टूरिस्ट को आकर्षित करने के लिए इसे डेवेलप करना चाहता है. जिसके लिए यहाँ भी तराशने के लिए विचार-विमर्श जारी है. जिसका काम जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद पास ही के आरामपुरा को भी विकसित किया जा रहा है. आरामपुरा एक खूबसूरत जगह है, जहाँ तेंदुआ और अन्य जंगली जानवर रोज पानी पीने आते हैं. IFS अधिकारी मुकेश सैनी का कहना है, कि इस कवायद के बाद टूरिस्ट बड़ी संख्या में प्रतापगढ़ पहुंचेंगे.
वन विभाग की इस कवायद के बाद प्रतापगढ़ इको-टूरिस्म एरिया बनता जा रहा है. अभी सीजन है, पर्यटकों के घूमने-फिरने का. विभाग का मानना है कि उनकी इस कवायद के बाद अब पर्यटक प्रतापगढ़ जरुर आएँगे.
Mukesh Saini, IFS (DFO, Chittorgarh) |
मुकेश सैनी, IFS अधिकारी (DFO, चित्तोडगढ़) : सीतामाता अभयारण्य में तीन जगहों का सलेक्शन किया है. पूंगा तलब, आराम पूरा और जाखम. विशेषकर पूंगा तालाब ओन रोड साइड है. इसके लिए यहाँ पांच हट बनाई है. यह क्षेत्र मुख्य रूप से वूडलेंड बर्ड, जंगली मुर्गों के लिए फेमस है. यहाँ बर्ड बहुत ज्यादा आते हैं. यहाँ टूरिस्ट कम आ रहे हैं. इसलिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. यहाँ इस सीजन में टूरिस्ट लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
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