प्रतापगढ़ शहर के सभी नाले इन दिनों बिमारियों का घर बने हुए हैं. साथ ही नालों से निकलने वाली बदबू भी लोगों का जीना मुहाल कर रही है. नगर परिषद की बिगड़ी सफाई व्यवस्था की बदौलत नाले सड़ते जा रहे हैं. यह नाले शहर का डस्ट-बिन बन कर रह गए हैं. क्योंकि लोगों समेत सफाई कर्मचारी सारी गंदगी इन्ही नालों में फैक देते हैं. इस वजह से नालों में गन्दगी का अम्बार रहता है. अभी तेज बारिश का दौर चला, तो सभी नाले उफान पर थे. ऐसे में फैली गन्दगी शहर भर में फ़ैल गई और समस्या दोगुनी हो गई. आज हालत यह है कि शहर भर में यह गंदगी फैली है. जो कि प्रशासन की बिगड़ी व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है. अब लोग नगरपरिषद की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं. प्रतापगढ़ के लोग नगरपरिषद अधिकारीयों पर ठेकेदारों से मिली भगत कर काम नहीं करने के गम्भीर आरोप लगा रहे हैं.
चुनावी सरगर्मी ऐसी है कि नगरपरिषद में बात करने के लिए कोई अधिकारी नहीं मिलता. नगरपरिषद अधिकारीयों की गैर-मौजूदगी भी लोगों की चिंता बढ़ा रही है. नगरपरिषद को चाहिए कि अब कैसे भी करके इस समस्या का समाधान करे. क्योंकि लोगों में रोष दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. हो सकता है नगर निकाय चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़े!
राजेंद्र वैष्णव, स्थानीय : बारिश के बाद प्रतापगढ़ में पूरी तरह गन्दगी फैली है. स्वच्छ भारत अभियान में नगरपरिषद को जो काम दिया गया था, वो हो नहीं रहा है. आप देख सकते हैं किस तरह गंदगी इन नालों में फैली है. भाजपा का बोर्ड है, सफाई के नाम पर खाना-पूर्ती की है. ठेकेदारों को फायदा पहुँचाया है. केवल यह सरकार अपने ठेकेदारों को संतुष्ट करने में लगी है. यहाँ मच्छर फ़ैल रहे हैं. बीमारियाँ बढ़ रही है.
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