प्रतापगढ़ के ये लोग अपने भाई-बहनों के बाद पेड़ों के साथ राखी का पर्व मना रहे हैं. हमारे जीवन में पेड़-पौधों के महत्व को समझाने के लिए प्रतापगढ में लोगों ने रक्षा बंधन का पर्व अपने अनूठे तरीके से मनाया. लोगों ने बडे उत्साह के साथ पेड़-पौधों को राखी बाँध कर मानव-मात्र को संदेश दिया कि अगर हम पेड़ों की रक्षा नहीं करेंगे, तो हमारा सारा पर्यावरण अस्वस्थ हो जाएगा... रक्षा बंधन भाई-बहनों का त्योहार है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देता है... लेकिन प्रतापगढ में नन्हे बच्चों ने पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा करने का वचन दिया है... आज रक्षा बंधन के दिन सुबह से ही बच्चों में खासा उत्साह देखा गया. सुबह जल्दी ही कई बच्चे पूजा की थाल सजाकर बाग-बगीचों में आ गए और पेड़-पौधों को राखी बांधकर उनकी रक्षा का वचन दिया. पहले पेड़ों की पूजा की, दीपक लगाया. धूप-अगरबत्ती लगाई. फूल चढ़ाए और आरती भी की. फिर पेड़-पौधों को उतने ही स्नेह से राखी बांधी, जितनी कोई बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है. इसके बाद आस-पास के ग्रामीण जंगल पहुंचे, जहाँ उन्होंने पेड़ों को राखी बाँध कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया. बच्चों के बाद आस-पास के ग्रामीण भी वन क्षेत्र पहुंचे. और पेड़ों को राखी बाँध पर उनकी रक्षा का वचन लिया. अक्सर ग्रामीणों में शिक्षा का अभाव होता है, और पेड़ों का महत्त्व पता नहीं होता. लेकिन प्रतापगढ़ के ग्रामीण अलग है. जो पेड़ों को राखी बाँध कर रक्षा का वचन ले रहे हैं. ऐसे सैंकडों लोगों ने पेड़ों को राखी बाँध कर त्यौहार को अनूठे तरीके से मनाया.
अब लोगों को यह समझ में आने लगा है कि पेड़ नहीं रहेंगे, तो बारिश नहीं होगी और हमारा पर्यावरण बिगड जाएगा. लोगों ने पेड़ों को राखी बांधकर पेड़ों की रक्षा का तो वचन दिया ही है, बड़ी सहजता से हमारे जीवन में पेड़ों के महत्व का संदेश भी दिया है... प्रतापगढ़ के लोगों की यह पहल काबिले-तारीफ़ है.
योगेश्वरी सिंह, छात्रा : आज रक्षाबंधन के पर्व को हमने अनूठे तरीके से मनाया है. भाइयों के साथ पेड़ों को राखी बाँधी है. और हमें पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए. ताकि वे भी हमारे साथ रहें.
लालू राम मीणा, अध्यापक : आज रक्षा बंधन का त्यौहार है. हम सभी मिल कर पेड़ों की रक्षा के लिए आगे आए हैं. हम पेड़ों को राखी बाँध कर प्रण लेते हैं कि पेड़ों की कटाई को रोके और पेड़ों की रक्षा करें. हमारा पर्यावरण पेड़ों से शुद्ध रहता है और आनंदमय रहता है. सभी पेड़ों को राखी बांधे और राखी मनाएं.
लालू राम मीणा, अध्यापक : आज रक्षा बंधन का त्यौहार है. हम सभी मिल कर पेड़ों की रक्षा के लिए आगे आए हैं. हम पेड़ों को राखी बाँध कर प्रण लेते हैं कि पेड़ों की कटाई को रोके और पेड़ों की रक्षा करें. हमारा पर्यावरण पेड़ों से शुद्ध रहता है और आनंदमय रहता है. सभी पेड़ों को राखी बांधे और राखी मनाएं.
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