MAHENDRA JEET SINGH MALVIYA, POORV MANTRI |
आपको बता दें कि कोंग्रेस पार्टी सुरेन्द्र चंडालिया को सभापति उम्मीदवार बना कर चुनाव लड़ रही थी, लेकिन वे खुद अपने 24 नंबर वार्ड से चुनाव हार गए. इसके अलावा दुसरे दिग्गज जैसे- रवि ओझा, सुनील मेहता, लता शर्मा भी चुनाव हार गए. लिहाज़ा पार्टी के पास एक ही उम्मीदवार बचा था- और वो थे वार्ड 29 से जीते सुरेन्द्र बोरदिया. कल बोरदिया का नाम सभापति के लिए जोर-शोर से लिया जा रहा था. लेकिन जल्द ही पार्टी में विरोध के स्वर गूंजने लगे. जो पार्षद जीते हैं, वो सुरेन्द्र चंडालिया की शह पर चुनाव लड़ रहे थे, जिस वजह से उन्होंने बोरदिया को समर्थन देने से साफ़ इनकार कर दिया. ऐसे में बोरदिया का पत्ता पूरी तरह कट गया और पार्टी एक नए चेहरे को सभापति के लिए सामने लाई- जिनका नाम है नेहा शर्मा. अभी कोंग्रेस से नेहा शर्मा ने... तो वहीँ भाजपा से कमलेश डोशी ने नामांकन दाखिल किया है. अगर आवेदन वापिस नहीं लिया गया, तो सभी 16 सदस्यों की सहमती से नेहा को सभापति बना दिया जाएगा. लेकिन इसमें भी विडम्बना की स्थिति है. क्योंकि 16 में से एक सदस्य खुद बोरदिया भी हैं. और वो कतई पसंद नहीं करेंगे कि सभापति के लिए नेहा को समर्थन दें. ऐसे में सीटें कम आई, तो भाजपा भी मौके का फायदा उठा सकती है. कोंग्रेस का यह विवाद भाजपा के लिए फायदे का सौदा बन सकता है. भाजपा का बोर्ड बना तो कमलेश डोशी सभापति बनेंगे. कुल मिलाकर एक बड़ी अजीबोगरीब स्थिति प्रतापगढ़ नगर परिषद में बन कर रह गई है. गौरतलब है कोंग्रेस के पास 16 और भाजपा के पास 14 सीटें हैं. कोंग्रेस के वरिष्ट नेता और पूर्व मंत्री महेंद्र जीत सिंह मालवीय का कहना है कि सभी सदस्य उनकी जेब में हैं, और वह बोर्ड बनाने जा रहे हैं.
महेंद्र जीत सिंह मालवीय, पूर्व मंत्री (कोंग्रेस के वरिष्ट नेता) : हमारे पास पर्याप्त सदस्य हैं, हम बोर्ड बनाने जा रहे हैं.
महेंद्र जीत सिंह मालवीय, पूर्व मंत्री (कोंग्रेस के वरिष्ट नेता) : हमारे पास पर्याप्त सदस्य हैं, हम बोर्ड बनाने जा रहे हैं.
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