इस बार के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं. कोंग्रेस का बोर्ड तो बनने जा रहा है. लेकिन समीकरण सारे उलटे पड़ गए हैं. कोंग्रेस सुरेन्द्र चंडालिया को सभापति का चहरा बना कर चुनाव लड़ रही थी. लेकिन वे खुद अपने वार्ड से हार गए. सभापति पद के उम्मीदवार सुरेन्द्र चंडालिया वार्ड नंबर 24 से हार गए हैं. इसके अलावा कोंग्रेस में दुसरे सभापति पद के उम्मीदवार जैसे- सुनील मेहता, रवि ओझा भी हार गए हैं. कोंग्रेस के पास पर्याप्त सीटें हैं. लेकिन दिग्गजों के हारने के बाद अब एक ही सभापति उम्मीदवार बचा है. और वो है -सुरेन्द्र बोरदिया. वार्ड न. 29 से जीते सुरेन्द्र बोर्दिया का चेयरमेन बनना लगभग तय हो चूका है. सूत्रों के मुताबिक़ पार्टी हाई-कमान का सख्त आदेश आ चूका है- कि सीटें पर्याप्त हैं... कैसे भी बोर्ड कोंग्रेस का ही बनना चाहिए...! गौरतलब है कि सुरेन्द्र बोरदिया पूर्व में भी चेयरमेन रह चुके हैं. बताया जा रहा था कि कोंग्रेस के सभी पार्षद सभापति पद के उम्मीदवार सुरेन्द्र चंडालिया की शह पर चुनाव लड़ रहे थे. वहीँ बोरदिया के पास उनके नाम का एक भी पार्षद नहीं था. लेकिन किस्मत ने सब कुछ बदल कर रख दिया. मेहनत चंडालिया ने की, और मज़े बोरदिया ले गए. सुरेन्द्र बोरदिया अब सभापति बन सकते हैं. इधर भाजपा में सभापति पद के दोनों उम्मीदवार कमलेश डोशी और पारसमल जैन जीते हैं. लेकिन सीटें नहीं मिलने से, निराशा हाथ लगी है. प्रतापगढ़ नगर परिषद में कोंग्रेस को 16 सीटों पर और बीजेपी को 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है.
वहीँ छोटी सादडी नगर पालिका में 13 सीटें भाजपा के और 7 सीटें कोंग्रेस के पाले में है, लिहाज़ा छोटी सादडी में भाजपा का बोर्ड बनेगा. इसके लिए प्रदीप उपाध्याय और राम चन्द्र माली का नाम सामने आ रहा है. फिर भी असली स्थिति सुबह तक ही साफ़ हो पाएगी.
नतीजा घोषित होने के बाद से ही जीते उम्मीदवारों को बधाई मिलनी शुरू हो चुकी है. विशेष तौर पर संभावित सभापति सुरेन्द्र बोरदिया के कार्यालय पर लोगों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है.
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