Sunday, August 2, 2015

नगर निकाय चुनाव का घमासान ! शहरवासियों ने बदलाव की बात कही. गंदगी और पेयजल बनी मुख्य समस्या. देखिए स्पेशल रिपोर्ट!









नगर निकाय चुनाव की तारीख करीब आते ही सरगर्मी बढती जा रही है. और प्रतापगढ़ के नगरपरिषद चुनाव तो वैसे भी हर बार दिलचस्प होते हैं. 

नगर निकाय चुनाव की तारीख अब दूर नहीं है. 17 अगस्त को मतदाता अपने-अपने जनप्रतिनिधि का चुनाव करेंगे. जिनके नतीजे बीस अगस्त को घोषित होंगे. उसके बाद जीते हुए पार्षद सभापति का चुनाव करेंगे. भाजपा और कोंग्रेस में वार्ड-पार्षदों के आवेदन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण पर है. लेकिन सभापति कौन बनेगा? इसके लिए दोनों दलों की गहमा गहमी चरम पर है. इस चुनाव में नए प्रतिनिधि को लाने की बात लोग कह रहे हैं.

प्रतापगढ़ नगर परिषद में वर्तमान में भाजपा का बोर्ड है. नगर परिषद गत चुनाव पूर्व नगर पालिका थी, जिस के पच्चीस वार्डो में से 19 पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी. लेकिन अब स्थिति अलग है! अब सभापति का चुनाव सीधे नहीं होकर पार्षदों के द्वारा किया जाएगा... और वार्ड की संख्या भी बढ़कर 25 से 30 हो गई है. दोनों दलों में सभापति के पद के जो दावेदार है वे अभी से अपनी गोटिया फीट करने में लगे है. ज्यादा से ज्यादा वार्ड में अपने चहेतों और समर्थकों को टिकिट दिलाकर सभापती पद पर अपनी दावेदारी पक्की करने की जुगत लगा रहे है. लोगों ने इस बात बदलाव का मानस बना लिया है.

अब बात मुद्दों की! मुद्दे किसी भी चुनाव का अहम हिस्सा होते हैं. विपक्ष मुद्दे लेकर 
लोगों में पहुँच रहा है. कोंग्रेस की झोली में मुद्दे बहुत हैं. शहर की बदहाल पेयजल, विद्युत और सफाई व्यवस्था को लेकर कोंग्रेस मैदान में उतरी है. कोंग्रेस का कहना है कि भाजपा के कार्यकाल में सिर्फ भ्रष्टाचार हुआ है. ठेकेदारों की मिली भगत से फ़ालतू निर्माण किए गए. इसके साथ बदहाल व्यवस्था के आरोप भी कोंग्रेस भाजपा पर लगा रही है.



महेंद्र जीत सिंह मालवीय, पूर्व मंत्री (वरिष्ट कोंग्रेस नेता) : कोंग्रेस पार्टी ने हमेशा लोगों के लिए काम किया है. और जनता भी अब चाहती है कि कोंग्रेस सत्ता में वापिस आए. भाजपा ने बहुत भ्रस्ताचार किए हैं. लेकिन अब कोंग्रेस का सभापति बैठेगा. और लोगों की सभी समस्या दूर होगी. 


भानु प्रताप सिंह, कोंग्रेस जिला अध्यक्ष : हम जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त है. लोग आज कई तरह की समस्याओं से त्रस्त हैं. और हमें पूर्ण विश्वास है, कि कोंग्रेस का बोर्ड बन्ने जा रहा है. लोग चाहते हैं कि कोंग्रेस आए.

ओम प्रकाश ओझा : कोंग्रेस पार्टी लोगों की अपनी पार्टी है. और बेशक यह चुनाव कोंग्रेस के पाले में है. क्योंकि हमने लोगों के हितों की रक्षा की है और हमेशा करते रहेंगे.





सुरेन्द्र चंडालिया : भाजपा ने जनता का शोषण किया है. आय का दुरुपयोग हुआ है. चुनाव में हम भाजपा के कई कारनामें उजागर करेंगे. और हम जीत के बाद काम करके बताएंगे. प्रतापगढ़ की जनता हमारे साथ है.

रेखा परदेशी, कोंग्रेस नेता : आज आम जन कई समस्याओं से त्रस्त है. जिनका समाधान सिर्फ कोंग्रेस कर सकती है. क्योंकि कोंग्रेस की सोच साफ़ है. हम भ्रष्टाचार नहीं करते. लोग इस बार कोंग्रेस को लाएंगे. और हम भी पूर्ण विकास करेंगे.

इधर भाजपा पदाधिकरी विकास कार्यों को लेकर लोगों की बीच जाने की बात कह रहे हैं. हमारे सर्वे के दौरान अधिकतर भाजपा नेता नदारद मिले. लेकिन फिर भी हाल ही में पूछे गए सवालों का उत्तर कुछ इस प्रकार है-


कमलेश डोशी, सभापति : हम अपने विकास कार्य लेकर जनता के बीच जाएंगे. इस बार फिर भाजपा का बोर्ड बनेगा.


धनराज शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष : हमारा बोर्ड फिर बनेगा. भाजपा ने विकास किया है. लोग समर्थन देंगे.

भाजपा के अधिकतर पदाधिकारी बात करने के दौरान नदारद मिलते हैं. यह बात हम नहीं प्रतापगढ़ की जनता मान रही है. साथ ही भाजपा में टिकट को लेकर गुटबाजी भी चरम पर है. टिकट ना मिलने पर कई उम्मीदवार नकारात्मक प्रचार का मानस भी बना कर बैठे हैं. यह बिगड़ी व्यवस्था भाजपा के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. 

राजनीति अपनी जगह और लोगों की समस्या अपनी जगह. भाजपा फिर बोर्ड बनाने की बात कह रही है, लेकिन लोगों का मानस अलग ही नजर आ रहा है. गत दिनों में पेयजल और सफाई की बात को लेकर शहर भर में हंगामे हुए. शहरवासियों का कहना है कि प्रतापगढ़ में कई समस्याएं फैली है. पेयजल की समस्या इसमें सबसे गम्भीर है. इसके बाद बिजली और सफाई की बात आती है. 

मोहन शर्मा, स्थानीय : हम आज इतने परेशान हैं और कोई नेता घर नहीं आता. वोट मांगने के बाद कोई नहीं आता. कोई पार्षद नहीं आया. सभापति भी नहीं आए. इस बार बदलाव चाहते हैं.

मनोहर राठोर, स्थानीय : शहर में कई समस्याएं व्याप्त हैं. ऐसा उम्मीदवार हो जो लोगों की मांग पर खरा उतरे.

दिनेश सोनी, स्थानीय : पानी की गम्भीर समस्या है. लेकिन सभी प्रतिनिधि इस ओर उदासीन हैं.

जनता तो जनता है! लोगो का मानना है कि वोट लेते वक्त तमाम उम्मीदवार दरवाज़े पर नतमस्तक होते हैं. लेकिन जीतने के बात कोई मूह तक नहीं दिखाता. शहर की बदहाली भाजपा को ले डूब सकती है, वहीँ कोंग्रेस इस बात को अच्छा अवसर मान रही है. कोंग्रेस सत्ता में आने की बात को लेकर पूर्ण-आश्वस्त नजर आ रही है. इस बात में कोई दौराय नहीं है कि प्रतापगढ़ की जनता समस्याओं से त्रस्त है. हाल ही में पेयजल के लिए जगह-जगह प्रदर्शन हुए. सफाई के लिए महीनों तक कोई नहीं पहुंचा. शहर के नालों में गंदगी का अम्बार है. आवारा पशुओं का आतंक कितना बढ़ गया है. आज कोई भी शहर की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं है! 

शहर वासियों का मानना है कि नगरपरिषद में आई आय का सही उपयोग नहीं हुआ है. आय को व्यर्थ बेतुके निर्माण में खर्च किया गया. बात सही भी है, अगर नगर परिषद की आय को ठीक से खर्च किया जाता, तो तस्वीर कुछ ओर ही होती.

दोनों दलों से सभापति के लिए किसी का भी नाम स्पष्ट तौर पर घोषित नहीं किया गया है, लेकिन मुख्य रूप से जो नाम उभर कर सामने आ रहे है, उससे दोनों दलों में खेमेबंदी जरुर शरू हो गई है. भाजपा की ओर से वैसे वर्तामान सभापति कमलेश डोशी इसके लिए प्रबल दावेदार माने जा रहे है. तो पूर्व पालिकाध्यक्ष पारसमल जैन के पुत्र अमित जैन भी इस दौड़ में शामिल है. उधर कोंग्रेस में सुरेन्द्र चंडालिया का नाम सभापति के लिए सबसे आगे है. प्रतापगढ़ भाजपा का गढ़ है. नंदलाल मीणा की मतदाताओं पर सिधी पकड़ है... और संगठन में भी उनका पूरा वर्चस्व है. भाजपा की ओर से अब तक के पिछले रिकार्ड को देखा जाए. नगर परिषद सभापति पद के लिए हालाँकि दोनों दलों से अभी कोई खुल कर बोलने को तैयार नहीं है. सभी अपनी पार्टी के आदेशों को मानने की बात करने के साथ बेदाग़ और स्पष्ट छवी वाले पार्षद को सभापति बनाने की बात कह रहे है.

अब एक-दो दिन में प्रचार-प्रसार का अभियान तेज हो जाएगा. गत पांच वर्षों में किए गए अच्छे-बुरे काम को देख, आखरी फैसला जनता का ही होगा. जनता बदलाव चाहती है, जनता को चाहिए कि अब कोई नया प्रतिनिधि आए. और वो ऐसा हो, जो उनकी सुने और साथ रह कर काम करे! 

No comments:

Post a Comment