प्रतापगढ़ में सवा आठ करोड रूपए खर्च कर मंदसौर हाइवे इसलिए बनाया गया था ताकि मध्यप्रदेश जाने वाले लोगों को सहूलियत मिल सके. कुछ ही समय गुज़रा और आज यह रोड लगभग पूरी तरह टूट चूका है. कुछ ही फीट पर कई गड्ढे मिलते हैं. जिस वजह से वाहन चालक की दुविधा बढती जा रही है. सडको की हालत देख कर ऐसा लगता है की यहाँ पर सड़क निर्मान के समय पूरी तरह घटिया सामग्री काम में ली गयी थी. ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से बनाई गयी ये सड़क पूरी तरह गायब हो चुकी है. इस मार्ग की दयनीय हालत के कारण वाहन दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है. वाहनों में खराबी के कारण जाम लगने से यात्रियों की मुसीबतें बढ़ने लगी है.
आपको जान कर ताजुब होगा कि मंदसौर रोड के निर्माण पर गत पांच वर्षों में कई करोड राशि खर्च की जा चूकी है. अलग-अलग ठेकेदारों को इस रोड निर्माण का काम सौंपा गया. लेकिन मुनाफा खोरी के लालच में घटिया सामग्री के निर्माण की वजह से सड़क ज्यादा दिन कभी नहीं टिक सकी. इस बार भी यही हुआ. बारिश के बाद रोड खस्ताहाल हो गई है. इस रोड की पूरी लागत 8 करोड 5 लाख रूपए आई थी. जिसका काम सूर्य कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया था. अधिकारी से जब हमने इस बारे में बात की, तो उन्होंने ठेकेदार को नोटिस देकर पुनर्निर्माण कराने की बात कह डाली-
महेश गोयल, XEN, सामाजिक निर्माण विभाग: पेच निकलने की कारवाई पूरी कर दी गई है. कार्य प्रगति पर है. सड़क अभी ठेकेदार के वर्किंग पीरियड में है. इसलिए कोई टूट-फूट होने पर मरम्मत ठेकेदार से करवाई जाएगी. इस पर अगर ठेकेदार नहीं करता है, तो सख्त कारवाई की जाएगी. यह काम सूर्य कंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया था. कमियां तो है. ठेकेदार द्वारा अपनी लागत पर इसे ठीक कराया जाएगा. पहले भी उसने ठीक कराया है. वर्षा होने के कारण वो आ नहीं पाया है. वो यहाँ का नहीं है. सुचना दी गई है उन्हें. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वो यह काम शुरू करेंगे.
छह महीने पहले जिले के प्रभारी मंत्री अजयसिंह किलक जब इलाके के दौरे पर आये थे. तब स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने इस निर्माण की शिकायत की थी और मंत्रीजी ने जांच का भरोसा दिलाया था. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जांच के नाम पर लिपा-पोती कर दी गई. आज इस घटिया निर्माण का खामियाजा वाहन चालको को इस मार्ग पर सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड रहा है. बसाड, मोखम पूरा, राजपुरिया, अवलेश्वर जैसे कई गाँव इसी रोड पर हैं.
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