Monday, August 24, 2015

जैन समाज के लोगों ने किया प्रतापगढ़ बंद. शहर भर में बंद प्रतिष्ठान. संथारा प्रथा पर सुनाए गए फैसले का विरोध.







प्रतापगढ़ में आज सारा काम-काज ठप्प पडा है. शहर आज पूरी तरह बंद है. अर्थव्यवस्था चर्मरागाई है. जैन धर्म के लोग संथारा प्रथा पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय द्वारा सुनाए गए फैसले के विरोध में उतर आए, और काम-धंधे बंद कर दिए हैं.

जैन धर्म के लोगों ने प्रतापगढ़ बंद का ऐलान किया है. जिसे दूसरे समाज के लोगों का भी समर्थन मिल रहा है. जैन धर्म के लोग प्रतापगढ़ में बाहुल्यता से हैं. सभी लोगों ने दुकाने बंद कर दी है. और किसी भी प्रकार का लेन-देन ना करने की घोषणा की है. यही नहीं, जैन बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, साथ ही जैन मालिक अपने स्कूल और कोलेज बंद कर बैठे हैं. जैन समाज के इस फैसले के बाद शहर की व्यवस्था पूरी तरह ठप्प पड़ी है. बाजार सुना पड़ा है. बाहर से आने वाले व्यापारियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जैन धर्म के लोग माननीय राजस्थान उच्च न्यायलय द्वारा संथारा प्रथा पर सुनाए गए निर्णय को गलत बता रहे हैं. उनका कहना है- संथारा आत्महत्या नहीं है. यह मोक्ष प्राप्ति का और आत्मा से जुड़ने का माध्यम है. न्यायलय को किसी की धार्मिक भावना से नहीं खेलना चाहिए. जैन समाज के लोगों का कहना है कि वे तब तक बंद जारी रखेंगे जब तक कोर्ट अपना फैसला वापिस नहीं लेती. जैन समाज के बंद से आज पूरे शहर में सन्नाटा पसरा है. दूकान-प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं, बैंक भी खाली हैं, कृषि उपज मंडी पूरी तरह बंद पड़ी है. छोटी-मोटी चीजें लेने के लिए भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. प्रतापगढ़ में जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में है. एक तरह से पूरे बाजार में दुकानें जैन समाज के लोगों की है. जैन समाज के लोग कोर्ट का फैसला वापिस ना लेने पर, देशव्यापी आंदोलन की बात कह रहे हैं.

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