प्रतापगढ़ में किसानो को मिलने वाले मुआवजे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. पटवारियों ने रसूखवालों से मिली भगत कर ऐसी रिपोर्ट बनाई, कि सारा मुआवजा रसूखवालों के हाथ लग गया. और गरीब किसानों को फूटी कोड़ी तक नहीं मिली. जिला कलेक्ट्रेट में मधुरातलब, सरी पीपली और लुहारिया गाँव के वाशिंदे धरने पर उतर आए. यहाँ किसानों ने आकर जम कर हंगामा किया. किसान अपनी बरबाद हुई फसलों के नमूने लेकर पहुंचे. किसानों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. पटवारियों द्वारा बनाई गई झूठी रिपोर्ट पर किसानों का गुस्सा फूट पद. नगर निकाय चुनाव के लिए नामांकन लिए जा रहे थे. ऐसे में कोई अधिकारी बात करने नहीं पहुंचा. लिहाज़ा किसानों को निराश लौटना पडा. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बरबाद हुई थी. उसके बाद सरकार मदद गार बन कर सामने आई. लेकिन झूठी रिपोर्ट की वजह से सारी योजना पर पानी फिर गया. और मुआवजे के नाम पर बाटे गए करोड़ों रूपए चंद लोगों के हाथ लगे, और हकदार निराश ही रह गए.
पहले ही किसान मुआवजा ना मिलने की वजह से परेशान थे. ऊपर से गत दिनों हुई अतिवृष्टि ने फिर किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया. किसानों का कहना है कि बुवाई के बाद हुई लगातार बारिश ने फिर उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. ज्यादा बारिश होने से फसलें गल कर खत्म हो गई है. जिससे एक बार फिर उन्हें भारी हानि उठानी पड़ी है.
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