जिन दो भाइयों को आप देख रहे हैं, इन्होने अपने एक सौतेले भाई शांतिलाल मीणा को बड़ी बेहरमी से जमीन विवाद के चलते मार डाला. घटना 2012 की है. जमीन के लालच में इन्होने अपने ही भाई की दर्दनाक तरीके से जान ले ली. यह घटना धरियावाद थाना क्षेत्र के गाँव की. महिला गान्ग्री मीणा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके पति को दो देवर जबरन उठा कर ले गए हैं. भाइयों ने उसके साथ मारपीट कर, हत्या कर, लाश को एक कुए में फैंक रखा है. मामले पर पुलिस ने तुरंत अनुसन्धान शुरू किया. कुए से पुलिस ने मृतक की लाश को बरामद किया. पुलिस ने कार्रवाई कर दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया. गिरफ़्तारी के बाद आरोपियों को न्यायलय में पेश किया गया. जहाँ से न्यायधीश सुरेन्द्र कुमार स्वामी ने इन्हें आजीवन कारावास का दंड सुनाया गया...
महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस मामले में मृतक शांतिलाल मीणा की दस साल की बेटी की गवाही को कोर्ट ने अहम माना... इसी बच्ची ने अपनी माँ को सारी घटना सुनाई थी और इसी ने कोर्ट में भी गवाही दी... कहते हैं बच्चे भगवान का रूप होते हैं, ऐसे में न्यायधीश ने भी बच्ची के एक-एक शब्दों पर गौर किया... और पाया कि अपराधियों ने क्रूर से भी क्रूर कृत्य किया है.. जिसके लिए आजीवन कारावास के कुछ भी कम देना, मृतक के साथ न्याय नहीं होगा...
पैसों के लालच में लोग क्या-क्या नहीं करते... कोई लालच किसी को इतना अंधा कर सकता है कि वह अपनों की ही जान ले ले! न्यायलय महिला को उसका पति तो लौटा नहीं सकती... लेकिन अपराधियों को आजीवन जेल में बंद देख महिला को थोड़ी राहत ज़रूर मिलेगी.
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