Sunday, October 4, 2015

धरियावद के लोगों का जीना मुहाल. गन्दा पानी पीने को मजबूर हैं लोग. गंदगी और बदबू ने भी बढाई परेशानी. कहाँ है प्रशासन?






प्रतापगढ़ के धरियावाद के लोग इन दिनों कई परेशानियों से घिरे हुए हैं. परेशानियां भी इतनी कि इनका जीना मुहाल हो रहा है. धन संपदा से संपन्न कहे जाने वाला यह इलाका आज अच्छे पानी और मुलभुत सुविधाओं के लिए तरस रहा है.

धरियावद को यूँ तो प्रतापगढ़ जिले का सबसे संपन्न-समृद्ध इलाका कहा जाता है. लेकिन अब यह जनश्रुति मजाक लगने लगी है, क्योंकि यहाँ स्थिति अब पहले जैसी नहीं रही. यहाँ के लोग गंदगी के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं. शहर में हर जगह इतनी गंदगी फैली है, कि सभी का जीना मुहाल हो रहा है... गदगी से फैलने वाली बदबू से लोग घरों के अंदर दुबके रहते हैं. और कहीं कहीं तो ये बदबू घर में भी घुस आती है. इसके अलावा पानी इतना मटमैला है पीने में लोग दस बार सोचते हैं. पानी में मिटटी आती है, पानी पूरी तरह गंदा होता है. जिसे पीने से बीमारियाँ फैलती हैं सो अलग~! ऐसी पानी की तस्वीरें देख आपको ताजुब हो रहा हो, लेकिन धरियावद के लोग तो यही पानी पीने को मजबूर हैं..

इस गंदे पानी को पीने की लोग हिम्मत नहीं कर पाते. लिहाज़ा प्यासा रहना पड़ता है. थोडा-बहुत पानी पीकर जीवन जीते हैं. अमीर लोग तो वाटर प्योरिफायर लगा लेते हैं, या गर्म करके पानी साफ़ कर लेते हैं. शामत तो उन लोगों की आती है, जिनके पास संसाधन नहीं होते.


गिरीश पालीवाल के साथ संदीप माली, धरियावद 

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