Tuesday, October 20, 2015

नगरपरिषद में कर्मचारियों की कमी से बढ़ी परेशानी. सिमित अधिकारीयों-कर्मचारियों पर बढ़ता काम का बोझ. कैसे होगा नगर का संचालन!



किसी भी शहर में नगर परिषद की जिम्मेदारी काफी अहम होती है. नगर परिषद एक तरह से पूरे शहर का संचालन करता है. लेकिन कर्मचारियों के अभाव में प्रतापगढ़ का नगर परिषद सही ढंग से काम नहीं कर पा रहा है. यहां पर जरुरत के मुताबिक कर्मचारियों की बहुत कमी है जिस वजह से सारी व्यवस्था चरमरा गई है.
प्रतापगढ़ का नगर परिषद इन दिनों ठीक से काम नहीं कर पा रहा है. क्योंकि यहां पर कर्मचारियों की बेहद कमी है. नगर परिषद ने कर्मचारियों के 252 में से 129 पद खाली है आपको जानकर ताजुब होगा कि यहां पर अग्नि शमन वाहन चालक के चारो के चारो पद रिक्त पड़े है. इसके साथ ही यहां पर फायरमैन के 14 में से 11 पद रिक्त पड़े है. ऐसे में कहीं पर आग लगने से बड़े हादसों का खतरा बना हुआ है. यहां पर सफाई जमादार के चार पद रिक्त पड़े है, सफाई निरीक्षक के दो पद रिक्त पड़े है और सफाई कर्मचारियों के 61 पद रिक्त पड़े है इसके अलावा यहां पर कई पद रिक्त पड़े है. वरिष्ट लिपिक के पांच पद रिक्त पड़े हैं. कनिष्ठ लिपिक के आठ पद रिक्त पड़े है और राजस्व निरीक्षक के दो पद रिक्त पड़े है. इस कार्यालय में सहायक के दो पद रिक्त पड़े है. इसी के साथ ही यहां पर कई और पद रिक्त पड़े है. इस वजह से नगर परिषद कोई भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा. कर्मचारियों की कमी से शहर का संचालन करना एक टेढ़ी खीर बना हुआ है. शहर में जगह-जगह गंदगी पथरी है और उस पर सफाई नहीं हो पा रही. यहां पर निरीक्षण के लिए सफाई निरिक्षक का पद खाली पड़ा है ऐसे में जो गंदगी पसरी है उस का निरीक्षण नहीं हो पाता और बिना निरीक्षण के कार्रवाई नहीं हो पाती. यहां पर अग्नि शमन गाड़ी के वाहन चालक ना होना भी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है... क्योंकि इन दिनो आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी है. ऐसे में अगर अग्निशमन वाहन चालक ही नहीं होंगे तो किस तरह से बड़ी घटनाओं पर लगाम लगाया जाएगा. अधिकारियों की माने तो उन्होंने कई बार मुख्यालय को समस्या से अवगत भी कराया था लेकिन कभी भी इस और कोई कार्रवाई नहीं हुई. नगर परिषद ने कर्मचारियों का लोचा आज की ही बात नहीं है, यहां पर वर्षो से ही कर्मचारियों की कमी चलती आ रही है जिसका खामियाजा सीधे तौर पर जनता को भुगतना पड़ रहा है. नगर परिषद में सिमित कर्मचारियों पर काम का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. जब लोग नगर परिषद ने अपना काम करवाने आते हम तो यहां पर लंबी लाइन में लगती है. एक-एक कर्मचारी को कई लोग को एक साथ संभलना पड़ता है. नगर परिषद मे राजस्व निरीक्षक का पद रिक्त पड़ा है जिसका खामियाजा राजस्व निरीक्षक नहीं हो पा रहा.

शहर की सफाई, विकास की ज़िम्मेदारी इसी नगरपरिषद की होती है. लेकिन लगता है सरकार इसी नगरपरिषद की तरह सबसे ज्यादा लापरवाही बरत रही है. अधिकारी भी मान रहे हैं कि कर्मचारी होंगे तो काम में तेज़ी आएगी-

नसीम खान, आयुक्त : कर्मचारी 50% से ज्यादा पद खाली हैं. कर्मचारी होंगे तो काम ज्यादा अच्छे से कर पाएंगे. 

नगरपरिषद को अब कर्मचारियों की सख्त जरुरत है. कर्मचारियों की भर्ती से ना सिर्फ नगरपरिषद का बोझ हल्का होगा, बल्कि शहर की व्यवस्था में भी बदलाव सामने आएगा. मुख्यालय को चाहिए कि यहाँ तत्काल कर्मचारी लगाए, ताकि लोगों को भी उनके काम से राहत मिल सके.

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