यह तस्वीरें है जलदाय खंड प्रतापगढ की. यहाँ रूम कूलर में ठूस-ठूस कर शराब की बोतलें पड़ी हुई हैं. यह बोतलें सैंकडों की संख्या में हैं. यहाँ रोज रात को शराबी मौज करते हैं और फिर बोतलों को यहीं छोड़ चले जाते हैं. लेकिन इतनी बोतलें एक-दो दिन में इकट्ठी नहीं हो सकती है. इन्हें देख साफ़ झलकता है कि यहाँ रोज पार्टी होती है. और इतनी बोतलें कम से कम दो-तीन महीनों में इकट्ठी हुई हैं. और ऐसे में यह भी साफ़ होता है कि यहाँ कभी सफाई होती ही नहीं है. इस विभाग में जल संसाधन विभाग के अधिकारी बैठते हैं, बावजूद इसके यह तस्वीर शर्मनाक है.
यहाँ रात में सुरक्षा गार्ड भी नहीं रहता, ऐसे में शराबियों का आना और आसान हो जाता है. सम्बंधित विभाग के अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया. लेकिन इतनी शराब की बोतलें विभाग के कम्पाउंड में होना यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या वही अधिकारीगण और कर्मचारी तो यहाँ मौज नहीं करते ? ... सरकार स्वच्छता अभियान भी चला रही है. सरकारी विभाग साफ़ होंगे तो लोगों तक सफाई का सन्देश जाएगा. लेकिन यहाँ तो कुछ और ही सन्देश जा रहा है. जब अतिरिक्त जिला कलेक्टर से बात की, तो उन्होंने डायरेक्शन देने की बात कही.
ANURAG BHARGAV, ADM : अब सभी कार्यालयों में हमने पहले भी डायरेक्शन दिए हैं कि सफाई रखें. इसके लिए वे अपने स्तर पर कोई भी व्यवस्था करें.
कलेक्टर साहब की बात पर ताजुब होता है. लेकिन सवाल यह कि विभाग कब तक इस तरह मयखाने बनते रहेंगे! जब सरकारी विभाग की शराबियों के अड्डे बने हैं, तो क्या सन्देश आम लोगों तक जाएगा! सोचा जा सकता
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