प्रतापगढ़ में आज उदयपुर संभाग के आयुक्त भवानी सिंह देथा ने औचक निरिक्षण किया. यहाँ उन्होंने कई विभागों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. निरिक्षण में कई सारी खामियां पाई गई. साथ ही कर्मचारियों की कमी पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की. मीडिया द्वारा चिकित्सकों और सड़कों की समस्या पर भी देथा बोले, और कलेक्टर से जानकारी लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया. आपको बतादें कि प्रतापगढ़ TSP इलाका है, जहाँ संसाधनों और व्यवस्थाओं में खामी निकलना आम बात हो चली है. विभाग कोई भी हो, अपना काम करवाना गरीब आदिवासियों के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है...
प्रतापगढ़ के प्रमुख विभाग बदहाली की भेंट चढ़े हुए हैं. जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी है. यहाँ कोई चिकित्सक आना नहीं चाहता, जिससे जनता परेशान है. TSP क्षेत्र होने से यहीं के चिकित्सकों को यहीं लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन कारगर साबित नहीं हुआ. हाल में आयोजित WALK-IN-INTERVIEW में भी कोई नहीं पहुंचा. ऐसे में समस्या बढती जा रही है. गाय्कोनोलोजिस्ट की कमी से प्रसूताओं की जान पर भी खतरा बना हुआ है.
भवानी सिंह देथा, संभागीय आयुक्त : कलेक्टर को निर्देश देंगे. कि जायजा लें.. रिटायर्ड आदमी को लगाएंगे या फिर नए डॉक्टर्स को लगेंगे.. हर जगह यही हालत है. डॉक्टर आना नहीं चाहते. फिर भी बात करके देखेंगे.. सेंसेटिव ISSUE है. CMHO से बात करेंगे, प्रस्ताव भेजेंगे...यहीं नहीं..डूंगरपुर, बांसवाडा, जैसलमेर सभी जगह यही हाल हैं...
दूसरी ओर इस आदिवासी इलाके में सड़कों की हालत बेहद खस्ता है. जिले का कई गाँव ऐसे हैं जहाँ सड़कें नहीं पहुंची है. इसके अलावा घटिया सामग्री का निर्माण किये बनाई गई सड़कें बार-बार टूट जाती हैं... वर्तमान में प्रतापगढ़ से जुड़े सभी मुख्य मार्ग टूट चुके हैं. लेकिन विभागीय अधिकारीयों के सुस्त रवैये से समाधान नहीं हो रहा है...
भवानी सिंह देथा, संभागीय आयुक्त : कलेक्टर से हम कहेंगे, कि सड़कें बार-बार टूट रही है. तो मोनिटरिंग कर एक्शन लें.
इसके अलावा जिले भर के विभागों में कर्मचारियों की कमी भी परेशानी का सबब बनी हुई है. कर्मचारियों के अभाव में विभाग का संचालन मुश्किल बना हुआ है... सरकार का स्वच्छ भारत अभियान चल रहा है, लेकिन खुद मिनी सचिवालय में ही गंदगी का अम्बार लगा हुआ है. ऐसे में भी आयुक्त अधिकारीयों पर झल्ला गए.
भवानी सिंह देथा, संभागीय आयुक्त: स्टाफ और साफ़ सफाई का इशु है, जिसे ठीक किया जाएगा...
आयुक्त ने कार्रवाई का आश्वास देकर उम्मीदों के पर तो बाँध दिए, लेकिन ज़रूरत है उन अधिकारीयों को हरकत में लाने की जो जिला मुख्यालय पर विराजमान हैं... क्योंकि किसी भी योजना को आखरी रूप इन्हें ही देना होता है.
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