प्रतापगढ़ में अवैध शराब निर्माण और तस्करी का काम परवान पर है और उस पर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग की है लेकिन ऑफिसर्स की कमी से विभाग के मानों हाथ कटे हुए है....
यहां पर फील्ड ऑफिसर की छह में से महज़ एक पोस्ट भरी हुई है. इंस्पेक्टर का महज़ एक ही पद कार्यरत है.. कुल मिलाकर एक इंस्पेक्टर पूरे जिले का कार्य भर संभालें हुए है. ताजुब की बात है, जिले भर में अवैध शराब का निर्माण वर्षो से चल रहा है और सरकार ने यहाँ सिर्फ एक इन्स्पेक्टर लगाया हुआ है.! कार्रवाई करने के लिए विभाग को कर्मचारियों की सख्त जरुरत है. लेकिन प्रशासन को कई बार अवगत कराने के बावजूद कार्रवाई नहीं की गई. इधर अधिकारियों का भी यही कहना है कि मुख्यालय को भी कई बार अवगत कराया जा चूका है बावजूद इसके यहां पर इंस्पेक्टर की और अन्य कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई. कर्मचारियों और इंस्पेक्टर के अभाव में अधिकारी कार्रवाई करने से परहेज कर रहे है. अधिकारियों का भी मानना है कि अगर यहां पर और कर्मचारी या फिर और इंस्पेक्टर या फिर फील्ड ऑफिसर होंगे... तो यहां पर कार्रवाई में तेरी लाइ जा सकेगी। सरकार को भी ध्यान देना चाहिए और तत्काल यहां पर पद भरने चाहिए ताकि जिले में अवेध शराब के निर्माण के कारोबार पर पूर्ण रूप से लगाम लगाया जा सके।
मोती सिंह, जिला आबकारी अधिकारी: यहाँ पर फिल्ड ऑफिसर्स की कमी है. नया बेच आएगा तब ही काम होगा. अभी तक मुश्किलें आ रही है. 6 के अगेंस्ट एक ही है.
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के आबकारी विभाग ने अवेध शराब निर्माण के खिलाफ हाल ही में कार्रवाई की है और 122 मामला दर्ज किए है। लेकिन जिस बड़े पैमाने पर शराब निर्माण का काम चल रहा है उसके अनुपात में 65 मामले मिलना बहुत कम है। अगर कर्मचारी हों तो विभाग का मनोबल बढ़ेगा। ऐसे में कई और कारोबारी भी बेशक शिकंजे में आएंगे।
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