स्वास्थ्य विभाग के फ़ूड सेफ्टी ऑफिसर राजेश जांगिड ने 107 खाद्य पदार्थों के सेम्पल लिए. जांच के बाद 98 की रिपोर्ट आई, जिसमें 35 प्रोडक्ट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए गए... ये प्रोडक्ट अनसेफ, सब-स्टेंडर्ड, और मिस-ब्रांडेड पाए गए. आपको बतादें कि इन मिलावट करने वाली कंपनियों में नामी कंपनियां भी शामिल हैं. मेगी नूडल्स पर तो कार्रवाई हो चुकी है. इसके बाद नूर नूडल्स, यिप्पी नूडल्स और सनफीस्ट नूडल्स की मिलावट भी उजागर हुई है. और इस कार्रवाई में भी मेगी नूडल्स फिर हानिकारक पाए गए हैं. विभाग का दावा है कि ये प्रोडक्ट स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचा रहे हैं.. यही नहीं, विभाग ने घी के 7 सेम्पल भेजे जिनमे से 2 सेम्पल अनसेफ और 1 सेम्पल मिलावटी पाए गए. घी-दही-अचार के सेम्पल हानिकारक निकलना.. अपने आप में बड़ी समस्या है... क्योंकि ये वो प्रोडक्ट हैं, जिनका हम दिन में कई बार यूज करते हैं. कार्रवाई से साफ़ है कि किस तरह बाज़ार में मिलावटी प्रोडक्ट बिक रहे हैं. कंपनियों के नाम ऊंचे होते हैं, तो किसी को शक भी नहीं होता. इधर बाज़ार में धडल्ले से मिस-ब्रांडेड प्रोडक्ट भी बिक रहे हैं. लोग कई कंपनियों के फर्जी लेबल लगा कर अपना लोकल-मेड माल बेच रहे हैं. 35 में से 12 खाद्य पदार्थों के केस माननीय न्यायलय में दिए गए हैं, वहीँ बाकी सभी खाद्य पदार्थों पर अग्रिम कार्रवाई जारी है...
अभी तो ये 35 के ही नतीजे आए हैं, कई नमूने तो अभी भी बाकी हैं... अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि बाजार में किस कदर स्वास्थ्य के लिए घातक खाद्य पदार्थों को खूबसूरत डिब्बों में पेक कर बेचा जा रहा है... मिलावट से बचने के लिए लोग बड़ी कम्पनी के प्रोडक्ट खरीदते हैं... इस बात से अनजान रहते हुए कि यहीं बड़ी कंपनियां स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं...
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