लोगों की सहूलियत के लिए सरकार ने भामाशाह योजना और आधार कार्ड को पूर्ण रूप से मुफ्त रखा. बावजूद इसके जिले में धडल्ले से भामाशाह कार्ड और आधार कार्ड बनाने के लिए अवैध वसूली की जा रही है. और अवैध दुकानदार सरकार की योजनाओं का दुरुपयोग कर लाखो रूपए कमा रहे हैं.
भामाशाह कार्ड और आधार कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता. बावजूद इसके दुकानदार लोगों से मोटी रकम ऐन्ट रहे हैं. आधार कार्ड के लिए 150 से 200 रूपए तो वहीं भामाशाह के लिए 200-400 रूपए लिए जा रहे हैं. इसके अलावा राशन कार्ड में नाम जुडवाने के तो 150 रूपए मांगे जा रहे हैं.
अमूमन 150 रूपए प्रति कार्य लिया जाता है. एक दिन में 100 ग्राहक आते हैं. तो एक दिन की कुल अवैध कमाई होती है - 15000... और महीने की (15000X30) = 4,50,000 /-
एक महीने की अवैध कमाई - चार लाख पचास हजार! है ना चौकाने वाली बात? ग्रामीण इलाका होने से लोगों में समझ नहीं है, कि भामाशाह और आधार मुफ्त हैं. लिहाज़ा दुकानदार भी इस बात का फायदा उठा रहे हैं. सरकार भामाशाह और आधार के लिए कीओस्क के खाते में प्रति रजिस्ट्रेशन पैसे जमा करती है. बावजूद इसके लालच में यहाँ अवैध वसूली जारी है. शिकायत मिलते ही, सुचना सहायक अधिकारी और तहसीलदार ने टीम बना कर कारवाई कर डाली. और इस कारवाई से शहर भर के दुकानदारों में हडकंप मच गया. अधिकारी टीम समेत दुकानों पर पहुंचे, और उनका सारा सामान जब्त किया. विभाग ने दो दुकानों पर कारवाई की. मौके पर मौजूद ग्राहकों से भी दुकानदार की अवैध वसूली की बात कुबूली. प्रशासन ने दुकानों से लेपटोप, फिंगर प्रिंट रीडर, वेब केमरा, स्केनर जब्त किए! अधिकारी जब्त कर सारे सामान को प्रतापगढ़ सुचना एवं प्रोद्योगिकी कार्यालय ले आए, जहाँ दुकानदार इधर-उधर चक्कर काटते दिखे. विभाग की इस कारवाई से अवैध वसूली कर रहे दुकानदारों में हडकंप है.! लोगों को भी चाहिए कि मुफ्त योजनाओं के पैसे ना दें! जब पैसे देने वाले ही नहीं होंगे? वो अवैध वसूली अपने आप बंद हो जाएगी! सरकारी कई सारी मुफ्त योजनाएं चलाती है, लेकिन दुकानदारों की अवैध वसूली के चलते, वे मुफ्त नहीं रह पातीं! दुकानदारों को चाहिए कि गरीब जनता से मुफ्त योजनाओं के नाम पर धांधली बंद करे! ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल सके.
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