प्रतापगढ़ का मिनी सचिवालय! जिले का सबसे बड़ा कार्यालय, जिसे करोड़ों रूपए खर्च कर बनाया गया था. लेकिन आज इस भवन की हालत पूरी तरह बदहाल पड़ी है! घटिया सामग्री से बनाए गए इस सचिवालय की पोल बारिश ने खोल कर रख दी है.! जिले में लगातार हो रही बारिश ने मिनी सचिवालय भवन की पोल खोल कर रख दी है. मिनी सचिवालय की हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है. बारिश होने से छत टपकने लगी है. और ये हाल किसी एक कोने का नहीं, समुचि बिल्डिंग का है. बिल्डिंग के हर ऑफिस-हर जगह इस तरह पानी टपक रहा है. सचिवालय में आने वाले लोग और काम करने वाले कर्मचारी इस बात से बेहद परेशान है. कर्मचारियों की मुहाली यह है कि उन्हें हर दम झरते पानी के बीच बैठ काम करना होता है. हर दम छत से पानी झरता रहता है, जिससे फाइलों के गीला होने और कंप्यूटर समेत कई इलेक्ट्रोनिक उपकरण के खराब होने का खतरा पैदा हो रहा है. ऐसे में प्रशासन की ओर से कोई कारवाई ना होती देख कर्मचारी इस पानी से बचने के लिए खुद ही उपाय सुझा लेते हैं. कर्मचारी अपनी फाइलों और इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को कपड़ों से ढक लेते हैं. जब कपडा ज्यादा गीला हो जाए, तो कपडा बदला जाता है. ऐसे करके जैसे-तैसे कर्मचारी दिन गुजारते हैं. काम से ज्यादा उनका ध्यान फाइलें बचाने में जाता है. क्योंकि छत से बरसती यह आफत वर्षों की मेहनत पर पानी फेर सकती है. खुद कर्मचारियों-अधिकारीयों को टपकते पानी के नीचे काम करना होता है. गीले होकर भी कर्मचारी काम करते रहते हैं.
ऐसा नहीं है कि सचिवालय में काम करने वाले कर्मचारियों-अधिकारीयों ने जिला कलेक्टर को समस्या से अवगत नहीं कराया! कई बार अधिकारी जिला कलेक्टर से इस बारे में बात कर चुके हैं. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.
मनोज शर्मा, कर्मचारी : यहाँ पर काफी पानी गिरता रहता है, सारे ऑफिस में गिरता रहता है, बारिश होते ही हालत खराब हो जाती है, अधिकारी अपने रूप में नहीं बैठ सकता, सब टेबल कुर्सी बाहर निकालनी होती है, हम यहाँ बैठ ही नहीं सकते. बारिश में बैठने में दिक्कत आती है, स्टेशनरी नहीं रख सकते, रिकोर्ड गीले हो जाते हैं. सभी हमारे कंप्यूटर सिस्टम हैं, रिकोर्ड है, काफी बार कहा है कलेक्टर साहब से भी, लेकिन समाधान हो नहीं पाता है!
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