प्रतापगढ़ ने जनसंख्या स्थिरीकरण के क्षेत्र में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर नई मिसाल कायम की है. अब विभाग प्रतापगढ़ को ऐसा जिला बनाने की कवायद में जुट गया है, जहाँ सबसे कम दर से जनसँख्या वृद्धि हो! जनसंख्या स्थिरीकरण के क्षेत्र में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल कर प्रतापगढ़ जिले ने राज्य में तीसरा स्थान हासिल किया है. जनसँख्या स्थायित्व, परिवार कल्याण और शिशु-मातृ सेवाओं में प्रतापगढ़ नए आयाम स्थापित कर रहा है. प्रतापगढ़ में महिला-शिशु मृत्यु दर में भी गिरावट आई है. चिकित्सा विभागों के अथक प्रयासों से प्रतापगढ़ ने परिवार कल्याण और शिशु-मातृ सेवाओं के लिए प्रदेश में तीसरा स्थान हांसिल किया है. विभाग अब "जनसँख्या स्थिरीकरण" के फायदों को लोगों तक पहुंचाने में जुट गया है. प्रतापगढ़ लक्ष्य से अधिक काम करके दिखा रहा है, जिसकी सराहना प्रदेश भर में की जा रही है. इस वर्ष जिले ने राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तर से दिए गए नसबंदी लक्ष्य 4227 के विरूद्ध 4235 नसबंदी केस कराते हुए शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की. इसी के साथ जिले ने अन्य विभागीय गतिविधियों जैसे संस्थागत प्रसव में 95 प्रतिशत, पूर्ण टीकाकरण में 91 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है. सीमित मानव संसाधन होने पर भी जिले के जिला चिकित्सालय, सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यरत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवाओं के लिए समर्पित स्टाफ की मेहनत से जिले ने यह उल्लेखनीय उपलब्धि पहली बार प्राप्त की है. जिला वर्ष 2014 में चतुर्थ एवं 2013 में पांचवी रैंक पर आ चुका है. अब विभाग ने नया अभियान शुरू किया है. प्रशासन प्रतापगढ़ को ऐसा जिला बनाना चाहता हैं, जहाँ जनसँख्या वृद्धि दर सबसे कम हो.
सत्य प्रकाश बसवाला, जिला कलेक्टर : मुझे बहुत खुशी है कि हमने तीसरा स्थान प्राप्त किया है, अब हम पहला स्थान प्राप्त करने की कवायद करेंगे.
प्रतापगढ़ के मौजूदा हालत देख यह काम आसान भी नजर आ रहा है. क्योंकि यहाँ काफी कम दर से जनसँख्या वृद्धि होती आई है. विभाग ने प्रतापगढ़ को परिवार कल्याण और शिशु-मातृ सेवाओं के लिए प्रदेश में नंबर वन जिला बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को निर्देशित भी किया गया है. धमोतर में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में जिला कलेक्टर सत्यप्रकाश बसवाला ने सभी को निर्देशित किया. मौके पर जिला कलेक्टर सत्य प्रकाश बसवाला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ओ.पी. बैरवा, PMO आर. एस. कछावा, तहसीलदार विनोद मल्होत्रा मौजूद रहे. साथ ही आशा-सहयोगिनी, आंगनवाडी कार्यकर्ता, महिला एवं बाल विकास विभाग से अधिकारी, महिला सुपरवाइजर्स सहित सैंकडों लोगों ने भी भाग लिया. समारोह में वर्ष परिवार कल्याण, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया. जिले में राज्य स्तर से जिले की अरनोद पंचायत समिति को परिवार कल्याण क्षेत्र में लक्ष्य के विरूद्ध 119 प्रतिषत उपलब्धि पर प्रथम स्थान पर चयन करते हुये 4 लाख का पुरस्कार मिला. ऐसे ही जिले के साखथली, नकोर, सियाखेडी, नाड एवं जामली को एक-एक लाख का पुरस्कार दिया गया. जिले की उपलब्धि में विशेष योगदान देने वाले सर्जन टीम के सदस्य एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आयुर्वेद विभाग के अधिकारी व कार्मिक कुल 55 को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा उपस्थित समस्त जन समुदाय को बेटी बचाओ अभियान की शपथ दिलवाई गई.
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