Thursday, July 23, 2015

अतिक्रमण के चौकाने वाले आंकड़े! जाजली में 400 बीघा जमीन पर अतिक्रमण. गाँव में फैला अतिक्रमियों का कहर. कब होगी कारवाई?

प्रतापगढ़ में अतिक्रमण की सारी हदें पार हो गई हैं. निजी तो छोडिए, लोगों ने बिना नाम जमीन पर भी अतिक्रमण किया हुआ है. हालत यह है कि एक ही कसबे में 400 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हो गया है. किसी ने शमशान पर, तो किसी ने घर पर तो किसी ने सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किया हुआ है. लेकिन प्रशासन सब कुछ जानते हुए भी बेअसर है! क्योंकि यहाँ अतिक्रमियों का खौफ ही इतना है.

प्रतापगढ़ में अतिक्रमियों के हौंसले बुलंद है. अतिक्रमी जहां चाहे वहां अतिक्रमण कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन कोई कारवाई नहीं कर रहा है. जाजली में 400 बीघा चरनोट भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत लम्बे अरसे से आ रही है. कई लोगों ने चरनोट भूमि पर पक्के मकान तक बना लिए है, तो कुछ लोगों ने कुआं बनाकर खेती भी शुरू कर दी है. और यह अतिक्रमण निजी जमीनों के साथ-साथ सरकारी जमीनों पर भी कर लिया गया है. हालत यह हो गई है कि यहाँ कोई भी सरकारी विभाग या कार्यालय नहीं खुल पा रहा है. जाजली में अतिक्रमण की सबसे घटिया स्थिति सामने आती है, जो कि प्रशासन की चुप्पी पर सवाल खड़े करती है. अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार प्रशासन और पंचायत से ग्रामीणों ने शिकायत की, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही. गाँव में जिधर देखो उधर अतिक्रमण ही पसरा है. हर जगह लोगों ने अवैध घर बना दी हैं, कईयों ने खेत बो दिए हैं, कई लोगों ने कुए बना दिए हैं, तो कई जगह अवैध बाउन्दारी बना कर अतिक्रमण कर बैठे हैं. यहाँ अतिक्रमण करने वाले को हौंसले इतने बुलंद हैं, कि कोई खुले आम आवाज़ उठाने की हिम्मत नहीं करता. न ही प्रशासन-पुलिस यहाँ आकर कारवाई कर पाती है. 

मोती लाल मीणा, ग्रामीण : गाँव में हर जगह अतिक्रमण है, सरकारी भूमि, चरनोट हर जगह, किसी सरकारी विभाग को बनाने के लिए भी जमीन नहीं है. गाँव में कुल 440 बीघा जमीन है, पांच बीघा ही छोड़ी होगी, बाकी सब पर अतिक्रमण हैं...!

आखिर ऐसा क्यों? क्या अतिक्रमियों का खौफ इतना हो सकता है कि प्रशासन गाँव में घुसने से भी डरने लगे. जाजली की हालत ऐसी ही है. यहाँ की हालत चौंकाने वाली है. जब हमने इस बारे में सरपंच से बात की तो उनका कहना था कि इसके लिए कारवाई की जाएगी.

गंगा कुमारी मीणा, सरपंच : मेरी निगाह में तीन जगहों पर बड़ा कब्ज़ा है, आज एसी प्रोब्लम है कि सरकारी बिल्डिंग के लिए भी जमीन नहीं है, अतिक्रमी प्रभावशाली हैं, मैं चाहती हूँ कि अतिक्रमण हटाया जाए...! अतिक्रमण ज्यादा है, पशुओं के चरने की भी जगह नहीं है, जिन्होंने भी किया है अतिक्रमण वो पट्टे पेश करें, नहीं तो अतिक्रमण हटाएंगे!

जाजली की हालत देख कर तो लगता है कि प्रशासन अतिक्रमियों से डरा हुआ है. गाँव वालों का तो यह भी कहना है कि जनप्रतिनिधियों और अधिकारीयों की मिली भगत से कोई कारवाई नहीं हो रही. इस खबर को देखने के बाद आपको एहसास हुआ होगा, कि कितना खौफ अतिक्रमियों का यहाँ है! प्रशासन को चाहिए कि अब तत्काल कारवाई करे. और इस बड़े पैमाने पर फैले अतिक्रमण को दूर करे!

No comments:

Post a Comment