निदेशालय के सख्त निर्देशों के बावजूद नए पदस्थापित शिक्षकों ने पदभार नहीं संभाला है. ये शिक्षक बिना किसी सुचना के अनुपस्थित हैं. कई मेडिकल लीव पर है. ऐसे में प्रतापगढ़ TSP एरिया में शिक्षकों की भर्ती के लिए चलाया गया अभियान फ्लॉप होता नजर आ रहा है. विभाग को शिक्षकों की मेडिकल लीव पर संदेह हो रहा है. ऐसे में विभाग ने सभी शिक्षकों के स्वास्थ्य की सही जांच कराने की सोची है.
इस दिनों प्रतापगढ़ शिक्षा विभाग मेडिकल लीव पर चल रहे शिक्षकों का मेडिकल कराने की तयारी में है. दरअसल स्थानांतरण के बाद कई शिक्षक ज्वाइन नहीं कर रहे हैं. ये शिक्षक मेडिकल प्रमाण पत्र लगाकर मेडिकल लीव पर चल रहे हैं. शिक्षा विभाग को संदेह है, की इन्हें प्रमाण पत्र फर्जी हैं! लिहाज़ा विभाग ने इन प्रमाण पत्रों की जांच कराने की सोची है. जिसके लिए मेडिकल टीम गठित की जा रही है. और सभी लीव पर चल रहे शिक्षकों के स्वास्थ्य की फिर जाँच कराई जाएगी. स्कूलों में वर्षों से शिक्षकों का टोटा था. नए शिक्षकों के आने की बात से छात्र भी खुश थे. लेकिन अब फिर से इन छात्रों को भविष्य की चिंता सताने लगी है. एक ओर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई पूर्ण रूप से शुरू हो चुकी है, वहीँ सरकारी स्कूलों में शुरुआत होनी भी बाकी है! हाल ही में स्टाफिंग पैटर्न लागू करते हुए अधिशेष वरिष्ट अध्यापकों के स्थानांतरण किए गए थे. कुछ अध्यापक अपने ट्रांसफर से नाखुश हैं. और इसी लिए विद्यालय नहीं आ रहे हैं.
यह हालत जिले भर के छोटे-बड़े सरकारी स्कूलों की है. विभाग अभी इस तरह लीव पर रहने वाले अध्यापकों का आंकड़ा जुटाने में लगा है. अध्यापकों की इस गहमा-गहमी के बीच छात्रों का भविष्य दाव पर है..! क्या होगा इन छात्रों का अगर अध्यापकों ने ज्वाइन नहीं किया तो? क्या फिर से शिक्षकों का टोटा कायम रहेगा? क्या फिर से छात्रों को सरकारी स्कूल छोड़ कर प्राइवेट में जाना होगा? प्रतापगढ़ जिले के सरकारी स्कूलों में पढने वाले पौने लाख बच्चों का भविष्य दाव पर है. अध्यापकों को भी चाहिए की थोड़ी सहनुभिती रख कर स्कूल तत्काल ज्वाइन करें !
No comments:
Post a Comment