Thursday, July 23, 2015

किसानों को दिए गए मुआवज़े में बड़ा गड़बड़झाला. नहीं मिला कई किसानों को मुआवजा. किसानों ने पटवारियों पर लगाए गंभीर आरोप.



प्रतापगढ़ में फसल खराबे के मुआवजे को लेकर बड़े गडबडझाले का मामला सामने आया है. दस्तावेजों में सौ प्रतिशत मुआवजा दे दिए जाने की बात लिखी है! वहीं क्षेत्र के सैंकडों किसान मुआवजा ना मिलने की बात पर हंगामा खडा कर रहे हैं..!

मुआवजे को लेकर गडबडझाला! प्रतापगढ़ में ओलावृष्टि और बारिश ने इसबगोल और अफीम की फसलें तबाह हो गईं थी. प्रशासन ने हर जगह जाकर जायजा लिया और रिपोर्ट बना कर राज्य सरकार को पेश की. तद्पश्चात प्रतापगढ़ को किसानों की मुआवजा राशि प्राप्त हुई. अब विभाग को यह राशि किसानों तक पहुंचानी थी. जिसके लिए जिम्मेदार स्थानीय पटवारियों को बना दिया गया. लेकिन अब इन्ही पटवारियों और प्रशासन पर गंभीर आरोप लग रहे हैं. किसानों का मानना है कि प्रशासन ने रिश्वतखोरी कर कुछ चंद लोगों को सारा का सारा मुआवजा दे दिया. किसानों का आरोप है कि ऐसे लोगों को मुआवजा मिल गया, जिनका फसल खराबा हुआ ही नहीं था. और जिनका वास्तव में हुआ था, उन्हें एक रुपया तक नहीं मिला. किसानों का तो यह भी कहना है कि महज 10% किसानों को सारा पैसा दे दिया गया.!

शब्बीर, किसान : ऐसे लोगों को मुआवजा मिल गया, जिनका फसल खराबा हुआ ही नहीं था. जिनका वास्तव में हुआ था, उन्हें एक रुपया तक नहीं मिला. गलत लोगों को दिया है मुआवजा. हमारा पैसा कहाँ है? पटवारी ने गलत रिपोर्ट बनाई है. पटवारी ने रिश्वत ली है.

इधर प्रशासन से जब हमने इस बारे में बात की, तो उन्होंने जांच करा कर कारवाई का आश्वासन दे डाला..

विनोद मल्होत्रा, तहसीलदार : ये जो रिपोर्ट है, मुआवजा तो दे दिया सबको, लेकिन अगर कोई गडबड है, तो अभी जांच करेंगे...और कारवाई करेंगे...!

प्रशासनिक अधिकारी भी किसानों की समस्या पर कम गंभीर नजर आ रहे हैं. किसानों के सामने अब रोजी-रोती का संकट मंडरा रहा है. क्योंकि उनके हक का पैसा कुछ चंद लोग डकार गए हैं. अगर किसानों को मुआवजा नहीं मिला, तो कहाँ गए करोड़ों रूपए, जो विभाग ने बाँट दिए हैं! और अगर वास्तव में गलत लोगों को ये पैसे थमा दिए गए हैं, तो कैसे इसकी फिर रिकवरी होनी है? और क्या होगा उन किसानों का जो बर्बाद हो गए हैं? देखना होगा अब प्रशासन इस ओर क्या कुछ एक्शन ले पाता है...

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