Saturday, September 12, 2015

आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई. आठ लाख रूपए की शराब पकड़ी. 262 कार्टन बरामद. तस्कर माफिया में हडकंप!







प्रतापगढ़ के आबकारी विभाग ने कार्रवाई करते हुए शराब की बड़ी खेप पकड़ी है. मुखबिर से सूचना मिली थी कि जिले के सेलारपुरा मेँ शराब का अवैध धंदा किया जा रहा है. ऐसे मेँ आबकारी विभाग सतर्क हुआ और टीम के साथ इस बड़ी कारवाई को अंजाम दिया.

प्रतापगढ़ के आबकारी विभाग को मुखबिर की सूचना मिली थी कि जिले के हथुनिया थाना क्षेत्र के सेलारपूरा मेँ अवैध शराब का धंधा किया जा रहा है. यहाँ मध्यप्रदेश की अवैध शराब बनाई जा रही है. जो एक घर में रखी है. ऐसे मेँ आबकारी विभाग सतर्क हुआ. पुरी कारवाही के लिए टीम गठित की गई. आबकारी विभाग ने सेलारपूरा जाकर एक घर पर दबिश दी, जहाँ से शराब के 262 कार्टून बरामद किए... बरामद की शराब की कुल लागत 8 लाख रुपए से ज्यादा बताई जा रही है. इधर कार्रवाई की भनक लगते ही मुख्य आरोपी मिठू सिंह मौके से फरार हो गया. आठ लाख की शराब की बरामदगी को विभाग बड़ी कार्रवाई मान रहा है. विभाग का मानना है की गत पांच सालों में विभाग द्वारा की गई यह सबसे बड़ी कार्रवाई है. बताया जा रहा है कि आज शराब मध्यप्रदेश में बेचने योग्य है, जिसे राजस्थान में बनाना और रखना बड़े अपराध की श्रेणी में आता है. अवैध शराब बिक्री होने से राजस्व पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा था.

मोती सिंह चौहान, जिला आबकारी अधिकारी : आज आबकारी विभाग ने बहुत बड़ी कार्रवाई की है, छपे मार करके 262 कार्टन बरामद किए हैं. इसकी सुचना मिलने पर मैं खुद निजी कपड़ों में सत्यापन करने गया. इसके बाद छापा डाला. घर से ये शराब बरामदगी की. बड़े ठीक तरीके से यह कार्रवाई की गई. कई वर्षों से ऐसी कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसी शिकायत मिल रही थी जिससे राजस्व भी प्रभावित हो रहा था...  कीमत आठ लाख रूपए है. यह केवल मध्यप्रदेश में विक्रय के लिए है. यहाँ चोरी-छिपे विक्रय किया जाता है. अनुसंधान जारी है. मुख्य अभियुक्त मिठू सिंह बताया गया है. यह भनक लगते ही फरार हो गया था. इसके साथ और कौन आरोपी हैं, इसकी तफ्तीश जारी है.

प्रतापगढ़ में बड़ा शराब तस्कर माफिया सक्रीय है. प्रतापगढ़ मादक पदार्थों के निर्माण और तस्करी का ऐसा अड्डा बन चूका है, जहाँ से रोजाना बड़ी मात्र में मादक पदार्थ सप्लाई हो रही है. पांच साल में पहली बार की गई कार्रवाई को विभाग बड़ी कार्रवाई का दर्जा देता हो, लेकिन ऐसा होना भी सवाल खड़े करता है. इससे ज़ाहिर होता है कि विभाग आज तक शराब निर्माताओं से मिली भगत कर चुप बैठा रहा, क्योंकि प्रतापगढ़ में तो यह धंधा दशकों से फलफूल रहा है. विभाग चाहे तो ऐसी कार्रवाई रोज़ कर सकता है. खुद प्रतापगढ़ शहर में भी अवैध शराब का व्यापार परवान पर है. मध्यप्रदेश सीमा से सटे इलाकों में प्लानिंग के साथ दबिश दी जाए, तो और शराब माफिया धरे जा सकते हैं. बहरहाल विभाग की इस कार्रवाई से शराब तस्करी माफिया में हडकंप है!

No comments:

Post a Comment