लम्बे अरसे से रसद विभाग को शिकायत मिल रही थी कि राशन डीलर गेंहू में घपलेबाजी कर रहे हैं. ऐसे में विभाग सक्रीय हुआ, और अचानक राशन के होल सेलर और डीलर की दुकानों पर छापेमार कार्रवाई की. यहाँ सभी डीलरों के पिछले 2-3 माह का रिकोर्ड खंगाला गया, तो होश उड़ गए. कालाबाजारी के गेंहू की मात्र को समायोजित किया तो - 9000 क्विंटल की मात्रा सामने आई... स्थिति को देखते हुए विभाग ने जुलाई माह में 3000 क्विंटल गेंहू का समायोजन किया, इसके बाद अगस्त में 6000 क्विंटल गेंहू का समायोजन किया... रिकोर्ड खंगालने पर सामने आया कि यह गेंहू अतिरिक्त डीलरों के पास पड़ा है जिसकी वे कालाबाजारी करने वाले हैं... गौरतलब है कि जिले में चार होलसेलर हैं, जहाँ से गेंहू का वितरण किया जता है. कुल 347 डीलर अधिकृत हैं. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चयनित परिवारों के कुल 6,70,741 यूनिट को गेंहू का वितरण किया जता है.
बनवारी लाल मीणा, जिला रसद अधिकारी : रिकोर्ड देखा गया, उनके पास जो मात्रा वितरण से ज्यादा पड़ी थी, उसे राज्य सरकार को समर्पित किया है.. ताकि भविष्य में इसकी कोई कालाबाजारी नहीं हो सके.
अक्सर राशन डीलरों के पास जाने पर, गेंहू नहीं होने का टोटा सुनने को मिलता है, इस कार्रवाई से यह भी साफ़ हो गया कि असल में वह टोटा नहीं होता, वह तो गेंहू बचा रहे होते हैं, ताकि उसकी कालाबाजारी कर सकें... बहरहाल इस कार्रवाई से राशन डीलरों में हडकंप है... अब हर कोई अपनी कालाबाजारी का गेंहू इधर-उधर छिपाने में लगा है...
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