प्रतापगढ़ के दिपेश्वर तालाब में नहाना अब खतरे से खाली नहीं है. यह प्रतापगढ़ का दर्शनीय स्थल होने के साथ ही एक धार्मिक स्थल भी है. जिले के सर्वप्रसिद्ध दिपेश्वर मंदिर में यह तालाब है. दिपेश्वर मंदिर की बड़ी धार्मिक मान्यताएं है.. जिस वजह से श्रद्धालु तालाब पर आते हैं... लेकिन यहाँ नई समस्या से जन्म ले लिया है. समस्या है रोजाना मरती मछलियाँ! मछलियों के मरने से लोगों को आशंका है कि तालाब में ज़रूर कोई न कोई तत्व है, जिससे मछलियाँ मर रही है. बात यह भी है कि कोई शख्स है जो शहर के प्रमुख जलाशयों में जहर घोल रहा है. जिस वजह से इन जानवरों की मौत हो रही है.
महेश शर्मा, स्थानीय युवक : यहाँ रोज़ मछलियाँ मर रही है, कोई तत्व है पानी में जिससे ये हो रहा है... लोगों के लिए भी घातक हो सकता है...
इधर तालाब में फैली गंदगी भी चिंता का कारण बनी हुई है... और यहाँ आने वाले पर्यटकों का घूमना-फिरना मुहाल कर रही है. इस गंदगी से तालाब हो गन्दा हो ही रहा है, साथ ही इससे निकलने वाली बदबू से भी परेशानी बढ़ रही है. रात में अँधेरा होने पर शराबी यहाँ मौज मनाते हैं, और शराब की बोतलें यहीं पानी में फेंक जाते हैं. इसके अलावा कई लोग ऐसे हैं जो यहाँ गंदगी डाल जाते हैं. जिस वजह से तालाब बेहद गंदा हो चला है... और हो सकता है इसी गंदगी की वजह से जानवर मर रहे हों... नगरपरिषद आयुक्त का कहना है वे तत्काल जांच करवा कर कार्रवाई को अंजाम देंगे -
नसीम खान, आयुक्त, नगरपरिषद : तालाब की गंदगी का जहाँ तक सवाल है, वहां सफाई करवाई जा रही है. उसका निरिक्षण करवा लेंगे. यहाँ कचरा पात्र और लगाएंगे. पानी के अन्दर गंदगी नहीं है. फिर भी आपने बताया है तो मैं अवलोकन-निरिक्षण करवा लेता हूँ...
नगर परिषद् की यह ज़िम्मेदारी है कि शहर की सफाई व्यवस्था माकूल रखे. खास तौर पर उन पर्यटक स्थलों की भी, जहाँ से शहर की शोभा बाहर जाती है.
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