जब बात किसी गाँव की हो तो कुछ इस तरह की तस्वीर सामने आती है- टूटी फूटी सड़कें, निचले स्तर का जीवन-स्तर, गरीबी, सर पर मटके में पानी लाती महिलाऐं...! लेकिन आज हम आपको ऐसे गाँव ले जा रहे हैं, जिसे प्रदेश भर के लिए मिसाल कायम की है. इस गाँव में हर वह सुविधा है, जो एक शहर में उपलब्ध होती है.
प्रतापगढ़ का गाँव "मधुरातालाब" प्रदेश भर के लिए नई मिसाल बन गया है. इस गाँव में हर वह सुविधा है, जो एक शहर में होती है. दो-तीन साल पहले इस गाँव के हालात भी दूसरे गाँव की तरह थे, यहाँ भी सड़कें टूटी हुई थी, बिजली नहीं थी, पानी के लिए कोसों दूर पैदल चलना पड़ता था. लेकिन गुज़रे कुछ समय में यहाँ सब कुछ बदल गया. आज यहाँ पक्की सड़कें हैं, बिजली है, पानी है... यहाँ तक कि इंटरनेट भी बढ़िया चलता है... मधुरातालब प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर की दूरी पर है. आइए, बताते हैं क्या कुछ खास है मधुरातालब में-
1. अटल सेवा केंद्र- यह इस गाँव का अटल सेवा केंद्र है.. यहाँ EMITRA से लगाकर सारी सुविधा ग्रामवासियों को मिली है. यहाँ वे अपने बिजली के बिल जमा कर सकते हैं, परीक्षा के फॉर्म भर सकते हैं, या ज़रूरत पड़ने पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं... यहाँ हर पल एक ग्रामसचिव उनकी सेवा के लिए मौजूद रहता है.. और तो और इंटरनेट का नेटवर्क इतना बढ़िया है, कि हमेशा चालु रहता है...
2. पेयजल - अक्सर गाँवों में पेयजल सुविधा का टोटा होता है... सर पर मटका रख पानी लाती महिलाओं के दृश्य भी आपको पता होंगे. लेकिन यहाँ कुछ अलग है. यहाँ महिलाऐं कभी दूर पैदल चल कर पानी नहीं लाती... यहाँ पानी की कई सारी टंकियां लगा दी गई हैं, जहाँ ट्यूबवेल से पानी भरता रहता है.. इतना कि कभी कम नहीं पड़ता. महिलाऐं यहीं से पानी भर ले जाती हैं...
3. बिजली - दो साल पहले यहाँ की बिजली बदहाल थी... गिने-चुने घरों में ही विद्युत कनेक्शन थे. लेकिन गुज़रे दो सालों में यहाँ अब कई ट्रांसफार्मर लगे, और अब घर-घर में बिजली है.
4. उपस्वास्थ्य केंद्र - ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा कभी ठीक नहीं मिलती. स्वास्थ्य केंद्र किस कदर बदहाली की भेंट चढ़े होते हैं, इस बात से सभी वाकिब हैं... लेकीन यहाँ ऐसा नहीं है. यहाँ स्वास्थ्य केंद्र में सभी सुविधा मुहैया हैं. यहाँ हर समय एक नर्स काम करने के लिए तत्पर रहती हैं... जो आने वाले किसी भी मरीज का समय से इलाज करती हैं... यहाँ नहीं, यहाँ इलाज के लिए ज़रुरती सारे सनासाधन उपलब्ध हैं. और दवाइयां भी... यह एक गर्व की बात है!
5. विद्यालय - ग्रामीण इलाकों के विद्यालय में कितनी पढ़ाई होती है और कितनी सुविधा होती है, यह बात भी भलीभांति जानते हैं. लेकिन यहाँ विद्यालय की हालत शहर के विद्यालयों से भी अच्छी है. परिणाम यहाँ का हमेशा अच्छा रहता है, भवन पूरी तरह से पक्का है, साफ़-सफाई में तो कोई कमी नहीं है... यही नहीं, ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से इसे क्रमोन्नत करवा दिया है.. अब इस छोटे से गाँव में यह स्कूल सेकंडरी से हायर सेकंडरी में बदल गया है...
6. आंगनवाडी - इस गाँव का आंगनवाडी केंद्र पहले पूरी तरह टूटा था, जिसे फिर से नवनिर्मित किया गया.. आज यहाँ 50 बच्चे पढ़ने आ रहे हैं. गाँव की ही आंगनवाडी कार्यकर्ता उनका पूरा ध्यान रखती हैं.. बच्चों के लिए यहाँ ग्राफिकल पोस्टर भी लगे गए हैं... यहाँ आने वाले हर बच्चे का पूरा ख्याल रखा जाता है...
7. किसान सेवा केंद्र - गांव में अधिकतर लोग अनपढ़ हैं.. किसानों को खेती से जुडी नई तकनिकी और समस्याओं को हल करने की मंशा से यहाँ एक किसान स्वास्थ्य केंद्र भी बना दिया गया, जहाँ उनकी सारी समस्याओं को हल किया जाने लगा... किसान सेवा केंद्र बनने से अब किसान यहाँ कभी भी अपनी समस्या लेकर समाधान की आस में आ सकते हैं.
इसके अलावा यहाँ हर वह सुविधा लोगों को मिली है, जो एक शहर में होती है...यह एकमात्र ऐसा गाँव हैं, जहाँ लोगों को किसी चीज़ की मांग नहीं है. अधिकतर लोग किसान हैं, जो खेती कर अपना पेट पालते हैं. कुल मिलाकर सभी खुशी से अपने इस गाँव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं... अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो अचानक गाँव की तक़दीर ही बदल गई.. ग्रामीणों का मानना है कि- पहले यहाँ कुछ भी ठीक नहीं था.. तब सभी ग्रामवासियों ने इस गाँव को बदलने की ठानी! मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार आपके द्वार अभियान के दौरान जब प्रतापगढ़ दौरे पर आई, तब पूरा गाँव इकठ्ठा हुआ और मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाईं... मुख्यमंत्री ने गाँव का भी दौरा किया, और गाँव की बदहाली देख तय किया कि इसका विकास होगा... इसके बाद यह गाँव पूरी तरह से एक आदर्श गाँव के रूप में विकसित हुआ, जहाँ कभी पानी-बिजली की सुविधा भी लोगों को मुहैया नहीं थी...
1. अटल सेवा केंद्र- यह इस गाँव का अटल सेवा केंद्र है.. यहाँ EMITRA से लगाकर सारी सुविधा ग्रामवासियों को मिली है. यहाँ वे अपने बिजली के बिल जमा कर सकते हैं, परीक्षा के फॉर्म भर सकते हैं, या ज़रूरत पड़ने पर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं... यहाँ हर पल एक ग्रामसचिव उनकी सेवा के लिए मौजूद रहता है.. और तो और इंटरनेट का नेटवर्क इतना बढ़िया है, कि हमेशा चालु रहता है...
2. पेयजल - अक्सर गाँवों में पेयजल सुविधा का टोटा होता है... सर पर मटका रख पानी लाती महिलाओं के दृश्य भी आपको पता होंगे. लेकिन यहाँ कुछ अलग है. यहाँ महिलाऐं कभी दूर पैदल चल कर पानी नहीं लाती... यहाँ पानी की कई सारी टंकियां लगा दी गई हैं, जहाँ ट्यूबवेल से पानी भरता रहता है.. इतना कि कभी कम नहीं पड़ता. महिलाऐं यहीं से पानी भर ले जाती हैं...
3. बिजली - दो साल पहले यहाँ की बिजली बदहाल थी... गिने-चुने घरों में ही विद्युत कनेक्शन थे. लेकिन गुज़रे दो सालों में यहाँ अब कई ट्रांसफार्मर लगे, और अब घर-घर में बिजली है.
4. उपस्वास्थ्य केंद्र - ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा कभी ठीक नहीं मिलती. स्वास्थ्य केंद्र किस कदर बदहाली की भेंट चढ़े होते हैं, इस बात से सभी वाकिब हैं... लेकीन यहाँ ऐसा नहीं है. यहाँ स्वास्थ्य केंद्र में सभी सुविधा मुहैया हैं. यहाँ हर समय एक नर्स काम करने के लिए तत्पर रहती हैं... जो आने वाले किसी भी मरीज का समय से इलाज करती हैं... यहाँ नहीं, यहाँ इलाज के लिए ज़रुरती सारे सनासाधन उपलब्ध हैं. और दवाइयां भी... यह एक गर्व की बात है!
5. विद्यालय - ग्रामीण इलाकों के विद्यालय में कितनी पढ़ाई होती है और कितनी सुविधा होती है, यह बात भी भलीभांति जानते हैं. लेकिन यहाँ विद्यालय की हालत शहर के विद्यालयों से भी अच्छी है. परिणाम यहाँ का हमेशा अच्छा रहता है, भवन पूरी तरह से पक्का है, साफ़-सफाई में तो कोई कमी नहीं है... यही नहीं, ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से इसे क्रमोन्नत करवा दिया है.. अब इस छोटे से गाँव में यह स्कूल सेकंडरी से हायर सेकंडरी में बदल गया है...
6. आंगनवाडी - इस गाँव का आंगनवाडी केंद्र पहले पूरी तरह टूटा था, जिसे फिर से नवनिर्मित किया गया.. आज यहाँ 50 बच्चे पढ़ने आ रहे हैं. गाँव की ही आंगनवाडी कार्यकर्ता उनका पूरा ध्यान रखती हैं.. बच्चों के लिए यहाँ ग्राफिकल पोस्टर भी लगे गए हैं... यहाँ आने वाले हर बच्चे का पूरा ख्याल रखा जाता है...
7. किसान सेवा केंद्र - गांव में अधिकतर लोग अनपढ़ हैं.. किसानों को खेती से जुडी नई तकनिकी और समस्याओं को हल करने की मंशा से यहाँ एक किसान स्वास्थ्य केंद्र भी बना दिया गया, जहाँ उनकी सारी समस्याओं को हल किया जाने लगा... किसान सेवा केंद्र बनने से अब किसान यहाँ कभी भी अपनी समस्या लेकर समाधान की आस में आ सकते हैं.
इसके अलावा यहाँ हर वह सुविधा लोगों को मिली है, जो एक शहर में होती है...यह एकमात्र ऐसा गाँव हैं, जहाँ लोगों को किसी चीज़ की मांग नहीं है. अधिकतर लोग किसान हैं, जो खेती कर अपना पेट पालते हैं. कुल मिलाकर सभी खुशी से अपने इस गाँव में जीवन व्यतीत कर रहे हैं... अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो अचानक गाँव की तक़दीर ही बदल गई.. ग्रामीणों का मानना है कि- पहले यहाँ कुछ भी ठीक नहीं था.. तब सभी ग्रामवासियों ने इस गाँव को बदलने की ठानी! मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार आपके द्वार अभियान के दौरान जब प्रतापगढ़ दौरे पर आई, तब पूरा गाँव इकठ्ठा हुआ और मुख्यमंत्री के सामने गुहार लगाईं... मुख्यमंत्री ने गाँव का भी दौरा किया, और गाँव की बदहाली देख तय किया कि इसका विकास होगा... इसके बाद यह गाँव पूरी तरह से एक आदर्श गाँव के रूप में विकसित हुआ, जहाँ कभी पानी-बिजली की सुविधा भी लोगों को मुहैया नहीं थी...
इस तरह के गाँव मिसाल हैं प्रदेश के लिए. ग्रामवासियों की एकता ने वह कर दिखाया, जो अन्य गाँव नहीं कर पाते... इन गाँव वालों ने साबित किया है, कि अगर सभी एक होकर अपने-अपने क्षेत्र के विकास के लिए आगे आए, तो कुछ भी असंभव नहीं है. इस इलाके से कोई नेता या बड़ा प्रतिनिधि तालुख नहीं रखता, बावजूद इसके ग्रामवासियों ने अपनी एकता और ताकत के बूते जनप्रतिनिधियों को विवश किया कि वे इस गाँव का विकास करें... ज़रूरत है हमें भी एक होने की, ताकि अपने-अपने इलाकों की बदहाली को खत्म करें. हमारे प्रयास से ही हम अपने इलाकों की तस्वीर बदल सकते हैं...
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