प्रतापगढ़ में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. ऊपर से सफाई कर्मचारियों की धांधली ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. दरअसल नगर परिषद् की ओर से सार्वजनिक रूप से आने वाले सफाई कर्मचारी घर-घर पैसा ऐंठ रहे हैं. पैसा नहीं देने पर, घर के आगे सारा कचरा लाकर फैंक दिया जाता है. मजबूरन, पैसा देना पड़ता है. लोगों की शिकायत है कि पैसे दिए बिना सफाई नहीं होती. लोग इन सफाई कर्मचारियों को हर माह 50 रूपए देते हैं, मसलन 100 घर यानि, 5000 रूपए! सफाई कर्मचारी एक छोटे से मोहल्ले से अवैध उगाई कर आराम से इतने पैसे कमा लेते हैं. लोगों की एक समस्या यह भी है- कि ये सफाई कर्मचारी सारा कचरा इकठ्ठा कर मोहल्ले के ही खाली प्लोटों में डाल देते हैं. जहाँ गंदगी पनपती है और आवारा पशु ऐश करते हैं. ऐसी जगहों पर मच्छर भी खूब पनपते हैं. यह सब वह परेशानियाँ है, जिनसे आम-लोग मुहाल हो रहे हैं. इधर नगरपरिषद सुध नहीं ले रहा.
Saturday, September 19, 2015
प्रतापगढ़ में सफाई कर्मियों की धांधली. सफाई के नाम पर हर घर से ऐंठ रहे हैं पैसा. हर जगह पसरी गंदगी. स्वच्छ भारत अभियान फ़ैल! नगरपरिषद कब करेगा कार्रवाई?
प्रतापगढ़ में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. ऊपर से सफाई कर्मचारियों की धांधली ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. दरअसल नगर परिषद् की ओर से सार्वजनिक रूप से आने वाले सफाई कर्मचारी घर-घर पैसा ऐंठ रहे हैं. पैसा नहीं देने पर, घर के आगे सारा कचरा लाकर फैंक दिया जाता है. मजबूरन, पैसा देना पड़ता है. लोगों की शिकायत है कि पैसे दिए बिना सफाई नहीं होती. लोग इन सफाई कर्मचारियों को हर माह 50 रूपए देते हैं, मसलन 100 घर यानि, 5000 रूपए! सफाई कर्मचारी एक छोटे से मोहल्ले से अवैध उगाई कर आराम से इतने पैसे कमा लेते हैं. लोगों की एक समस्या यह भी है- कि ये सफाई कर्मचारी सारा कचरा इकठ्ठा कर मोहल्ले के ही खाली प्लोटों में डाल देते हैं. जहाँ गंदगी पनपती है और आवारा पशु ऐश करते हैं. ऐसी जगहों पर मच्छर भी खूब पनपते हैं. यह सब वह परेशानियाँ है, जिनसे आम-लोग मुहाल हो रहे हैं. इधर नगरपरिषद सुध नहीं ले रहा.
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