जब लोगों का हक़ छिना जाता है, तब हम आवाम की आवाज़ बनते हैं. प्रतापगढ़ में लाखों रूपए खर्च कर डिपो बनाया गया, जिसके उद्घाटन में जनजाति विकास मंत्री नंदलाल मीणा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. लेकिन मेहनत पर पानी फिरता तब दिखा जब एक-दो दिन में ही बस डिपो बंद हो गया, जहाँ उद्घाटन के बाद से ही सन्नाटा पसरने लगा. अधिकारीयों ने भी कभी बस डिपो को संचालित करने का कदम नहीं उठाया. इसके बाद जो हुआ वो चिंताजनक था. हमें सूत्रों से खबर मिली थी कि इस डिपो को अधिकारी अपने निजी फायदे के लिए बांसवाडा ले जा रहे है. हमने इस मुद्दे को बेहद प्रमुखता से उठाया. अधिकारीयों ने जब खबर देखी, तो तुरंत कार्रवाई हुई. और उद्घाटन से बंद पड़े डिपो का संचालन खबर चलने के एक सप्ताह के अन्दर-अन्दर हो गया. खबर चलने के तत्काल बाद यहाँ विद्युत कनेक्शन किया गया, बसों का संचालन शुरू हुआ, टिकट विंडो पर कर्मचारी आ गए, सुचना केंद्र पर भी कर्मचारी आ गए, और खाली पड़े डिपो पर चहल पहल शुरू हो गई...
एक ज़िम्मेदार चेनल होने के नाते हमने कोशिश की अधिकारीयों की वो चाल नाकाम करने की, जिससे सरकार को लाखों का चुना लगने जा रहा था. बस डिपो के संचालन के बाद प्रतापगढ़ के लोग खुश नजर आ रहे हैं..
- प्रवेश परदेशी, जी मीडिया, प्रतापगढ़
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