Tuesday, September 15, 2015

बलात्कार के झूठे मामलों से परेशान पुलिस. अधिकारी मामले निकले फर्जी. छोटे-मोटे विवादों में बलात्कार बना समझौते का रास्ता!



प्रतापगढ़ पुलिस इन दिनों बलात्कार के झूठे मामलों से परेशान है... दरअसल आपसी रंजिशों में लोग बलात्कार को हथियार बना रहे हैं. बलात्कार का केस करने के बाद लोग अपने विपक्ष से मोटी रकम की वसूली करते हैं. इधर पुलिस इन मामलों कर कार्रवाई करने पहुँचती है तो कुछ हाथ नहीं लगता..


प्रतापगढ़ पुलिस अजीबो-गरीब समस्या में है. समस्या है बलात्कार के फर्जी मामले. जिले में जनवरी से अगस्त माह तक कुल 144 बलात्कार और दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए, जिसमें से 75 मामले फर्जी पाए गए, और बाकी अनुसन्धान जारी है... लगभग बलात्कार के नाम पर आने वाला हर एक मामला फर्जी निकल रहा है. जिले के लोगों ने किसी भी रंजिश से निपटने के लिए बलात्कार को हथियार बना लिया है. मामले दर्ज होने के बाद तफ्तीश के लिए पुलिस पहुँचती है, तो खाली लौटा हाथ लगता है. क्योंकि मौके पर जांच के बाद पता चलता है, कि कोई बलात्कार हुआ ही नहीं है.


आपसी रंजिशों में लोग सामने वाले पर बालात्कार का मामला दर्ज करवाते हैं.. लोग यह मामला अपनी पत्नी, माँ या बहन से दर्ज कराते हैं. ऐसे में बदनामी के डर के मारे सामने वाला पक्ष मामला वापिस लेने के लिए प्रार्थी पक्ष को मोटी रकम देकर, मामला शांत करता है... प्रार्थी पक्ष पैसे लेकर मामला वापिस ले लेता है... इसी तरह से हर कोई छोटे-मोटे मामलों में बलात्कार को हथियार बना रहा है. जिस बात से पुलिस परेशां हो चली है...


श्री रतन सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक :  जिले में बलात्कार के दर्ज प्रकरण हैं. उनमे झूठे प्रकरण ज्यादा निकले है. इसमें से ज्यादा प्रकरण 156 3 CRPC के तहत दर्ज हैं. जनवरी से अगस्त तक 114 प्रकरण बलाक्टर सम्बन्धी दर्ज कराए गए.. 75 झूठे पाए गए. झूटे प्रकरण में नियमानुसार परिवादी के विरुद्ध भी इश्त्गाषा पेश करने के निर्देश दी हैं...

लेकिन इस तरह के झूठे मुकद्दमे बाजों की खैर भी नहीं है, क्योंकि पुलिस द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जा रही है. बहरहाल झूठे मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में पुलिस का समय जाया हो रहा है. जिस समय पुलिस को महत्वपूर्ण कार्रवाई करनी होती है, उस समय पुलिस झूठे मामलों को वेरीफाई करने में लगी होती है.

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