प्रतापगढ़ के कई मार्ग ऐसे हैं, जो हादसों का स्टेशन बन चुके हैं. यहाँ सुरक्षा के नाम पर कोई इंतज़ाम नहीं है, एक कच्ची दिवार भी नहीं! प्रतापगढ़ शहर में हाल ही में बना नन्द मार्ग तो हर दिन हादसों की वजह बन रहा है. इस बाईपास का निर्माण इसलिए किया गया था, ताकि बाहर आने से आने वाले लोगों को कहीं जाने के लिए शहर से होकर ना गुज़ारना पड़े. लेकिन अब यह मार्ग सहूलियत से ज्यादा खतरा बन बैठा है. यह मार्ग इतना खतरनाक है, कि यहाँ बिना कोताही बरते जाया ही नहीं जा सकता. यहाँ सड़क के एक तरह सैंकडों फीट गहरी खाई है. जिसमें गिरने के बाद किसी की भी मौत निश्चित है. यहाँ मार्ग बनाने के बाद से ही इसे बाउंडरी से कवर करने के कवायद नहीं की गई. जिस वजह से यहाँ रोज एक्सीडेंट हो रहे हैं. अभी एक ही पखवाड़े में खाई में गिरने से 4 मामले सामने आ चुकी है.
दो दिन पहले ही एक बाइक सवार खाई में 70 फीट नीचे जा गिरा और गम्भीर रूप से घायल हो गया. मौके पर युवक को खाई से निकालने के लिए पुलिस को आना पड़ा. युवक को निकालने के लिए एक तर का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, तब जाकर कहीं युवक को खाई से निकाला जा सका. इसी से सटे एक मार्ग पर कुछ दिन पूर्व एक नामी ठेकेदार की खाई में गिर कर मौत हुई है. इसके अलावा मार्ग पर कई जगह रेट-मिटटी के ढेर पड़े हैं. जिस वजह से भी गाड़ियों के फिसल कर खाई में गिरने का खतरा बना हुआ है. लगातार बढ़ रहे हादसों से भी प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है. लोग इस मार्ग को खतरे की घंटी मान रहे हैं.
नियमों के अमुसार इस तरह के मार्गपर बाउंडरी बनाना ज़रूरी है। ऐसा न करने पर सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान है। नगर परिषद प्रशासन को चाहिए कि अब यहाँ तत्काल बाउंडरी और रेलिंग का निर्माण करे. नहीं तो यहाँ कोई भी जानलेवा हादसा हो सकता है. बहरहाल तो यह हादसों का मार्ग बना हुआ है.
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