जमीन हड़पने की चाहत क्या किसी को इतना बहका सकती है, कि वह अपने ही भाई की जान ले ले? प्रतापगढ़ से एक भाई की ऐसी ही दरिंदगी सामने आई है. रठांजना थाना क्षेत्र के कुशालपूरा में यह युवक नारू मीणा अपनी माँ के साथ लंबे समय से रह रहा था. युवक की उम्र 45 वर्ष थी, लेकिन अविवाहित था. युवक का सगा भाई कँवर लाल इनसे अलग अपने परिवार के साथ रहता, क्योंकि दोनों भाइयों के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसे लेकर कई बार दोनों की बीच कहा सुनी भी हो चुकी थी. युवक की माँ ने दोनों भाइयों को कई बार समझाया, लेकिन कोई असर नहीं था. जमीन के लालच में दोनों ही अंधे हो चुके थे. नारू जमीन का हिस्सा देना चाहता नहीं था, उधर कारूलाल जमीन कैसे भी कर हड़पने की फिराक में था.
रात को भाई कारूलाल नारू के घर आया, और दोनों के बीच खूब झड़प हुई. सुबह ग्रामवासियों ने युवक नारू को उसके ही घर के बाहर मरा पाया. युवक के शारीर पर कई जख्म थे, जो यह ज़ाहिर कर रहे थे कि कितनी बेरहमी से इसकी हत्या की गई है. युवक के एक-एक अंग पर धार-धार हथियार बड़ी बेरहमी से हमला किया गया था. युवक की लाश देखने के बाद पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गई और पुलिस को बुलाया गया. पुलिस ने मौके पर खड़े युवक के चाचा फूलचंद से पूछताछ कि... तो सामने आया कि गत रात युवक का भाई कारूलाल घर पर आकर झगडा करके गया था. मृतक के चाचा का और ग्रामवासियों का कहना है कि युवक के भाई ने ही उसकी हत्या की है. पूरा मामला भी इसी बात की ओर इशारा कर रहा है. पुलिस लाश को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय लाई... और तफ्तीश शुरू की.
देवेन्द्र कुमार, ASI : मीणा जाति का एक व्यक्ति था. सरपंच ने सुचना दी कि एक लाश पठार के यहाँ घर के बाहर पड़ी है. इस सुचना पर मैं थानाधिकारी माय जाप्ता पहुंचा. और पाया कि एक लाश घर के बाहर पड़ी है. मौके पर कई लोग बैठे थे. मृतक के काका फूलचंद ने बताया कि यह मेरा भतीजा है जिसका नाम नारू मीणा है, पिता भेरू मीणा है. जो कुशलपुरा में रह रहा है. इसका एक भाई है. जिसका नाम कँवर लाल है. जो गत रात्री को घर पर आया था. इस दोनों भाइयों के बीच में जमीन विवाद चल रहा था. उस सम्बन्ध में कारवाई जारी है. मृतक की लाश को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया है. किस तरह के हथियार से हत्या की है, यह खुलासा पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकेगा...
जमीन विवाद में अपनों का खून बहाना, समाज का एक काला चहरा बन बैठा है. पैसों के लालच में लोग रिश्तों की अहमियत को भूलते जा रहे हैं. जो मामले प्रेम से सुलझाए जा सकते हैं, उनमे लोग हत्या का रास्ता अपना रहे हैं. यह खबर है उन लोगों के लिए भी, जो कहीं ना कहीं अपनों पर अंधा विश्वास करने की भूल कर बैठते हैं.
- प्रवेश परदेशी
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