प्रतापगढ़ में अपनी ही भानजी से दुष्कर्म और फिर उसकी हत्या करने वाले मामा को कोर्ट ने सजाए मौत सुनाई है...! इस मामा ने अपनी 7 साल की भांजी का पहले रेप किया, और फिर उसे दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार दिया. क्या है पूरा मामला देखिए!
यह मामा दरिंदगी का वो चहरा है, जिसे देख कर हर कोई हैरान है. इस भोली-भाली सूरत के युवक ने अपनी ही भांजी का रेप और मर्डर किया है. घटना अरनोद थाना क्षेत्र के भाटोलिया की है. 6 जुलाई 2013 का यह दोपहर का वक्त था, यह मामा अपनी भांजी को चोकलेट दिलाने के बहाने एकांत जगह ले गया. मामा ने बच्ची के साथ बेरहमी से बलात्कार किया. नादान बच्ची को तो पता भी होगा कि उसके साथ आखिर हो क्या रहा है! बच्ची ने माता-पिता को सारी घटना बताने की बात कही - तो मामा ने उसको दर्दनाक तरीके से मौत के घाट उतार दिया. मामा बच्ची को ऐसी जगह ले गया, जहाँ किसी को भनक तक न लगे.
इस दरमियाँ बच्ची के माँ-बाप उसे ढूंढते रहे. पिता की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की, और जल्द साफ हो गया कि उसी के मामा ने दुष्कर्म कर उसकी हत्या की है. इसके बाद न्यायलय ने इस मामा प्रहलाद मीणा सजाए मौत यानी फ़ासी की सजा सुनाई. न्यायालय ने इस घिनौनी करतूत की निंदा की और ऐसे लोगों को समाज के लिए कलंक बताया.
न्यायलय ने मामले पर कहा कि - मृतका अभियुक्त को मामा कहा करती थी, एवं उसकी माँ अभियुक्त को राखी बांधती थी. जिसने रिश्ते को अनदेखा कर अपनी हवास पूरी करने के आश्रय से मृतका को बहलाया-फुसलाया और एकांत में ले जा कर, उसके साथ बलात्कार करते हुए, हत्या जैसा घ्रणित कार्य किया है. अभियुक्त समाज के लिए खतरा है. ऐसे हालत में अभियुक्त के साथ नरमी का रुख अपनाने का कोई औचित्य नहीं है. उसे मृत्यु दंड से कम कुछ भी दिया जाना न्यायोचित नहीं है.
लोक अभियोजक तरुण दास वैरागी ने अपने कार्यकाल के दौरान महेश ग्वाला हत्याकांड में भी फ़ासी की सजा में पैरवी की थी... यह बैरागी की दूसरी पैरवी है जहाँ फ़ासी की सजा सुनाई गई है...
एक तरफ पूरे राजस्थान में विधि मंत्रालय द्वारा लोक अभियोजकों को कम सजा के रेशियो के कारण नोटिस दिए जा रहे हैं, वहीँ प्रतापगढ़ में प्रदेश में सबसे ज्यादा सजा का रेशियो रहा है... जो प्रतापगढ़ के लिए गौरव की बात है.
इस तरह के मामले समाज को कलंकित करते हैं. खुद मामा द्वारा अपनी ही भांजी के रेप और मर्डर के इस मामले से यह भी साफ़ होता है कि महिलाऐं अपने घर में भी सुरक्षित नहीं है. दरिन्दे अब मासूम बच्चियों को अपनी दरिंदगी का शिकार बनाने लगे हैं. फिलहाल कोर्ट ने आरोपी को तब तक फ़ासी पर लटकाए रखने के आदेश दिए हैं, जब तक उसकी मौत न हो जाए...!
तरुण दास वैरागी, लोक अभियोजक : जज ने महत्वपूर्ण प्रकरण में निर्णय सुनाया है. नाबालिग बालिका से दुष्कर्म कर हत्या के आरोपी को फ़ासी की सजा सुनाई. प्रार्थी प्रभुलाल थोरी थाना अरनोद का निवासी था. उसने अरनोद थाना पर रिपोर्ट थी, कि वह बाहर था, तो उसकी पुत्री घर से गायब हो गई. उसकी भतीजी ने बताया की प्रहलाद मीणा आया था और उसे ले गया. प्रभुलाल और रिश्तेदारों ने कई बार खोजा पर नहीं मिली. फिर जानकारी में आया कि शिला की लाश जंगल में पड़ी है. ऐसे में रिपोर्ट दर्ज कराई. धरा 302, 376 और पोक्शो एक्ट के तहत मामला दर्ज होता है. अभियुक्त प्रहलाद गिरफ्तार होता है, न्यायलय में पेश किया जाता है. आरोप पत्र प्रस्तुत होने के बाद चार्ज लगाया जाता है, 14 गवाह प्रस्तुत किए गए, 13 दस्तावेजी सबूतों को प्रस्तुत किया. न्यायलय ने दोनों पक्षों की बहस सुनी और आरोपी को दोषी माना. सजा के बिंदु पर दोनों को सुना गया. अभियुक्त का घटिया से घटिया होना सामने आया. कहा कि ऐसे कृत्यों से महिलाओं का जीना दूभर हो गया है. इसे सजाए मौत दी जाए.. अभियुक्त को जब तक न मरे, तब तक फ़ासी पर लटकाने का आदेश सुनाया है...
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